मंदी के इस आलम में जहां अधिकांश कार्पोरेट घराने लोगों की छंटनी करने में लगे हुए हैं वहीं डोल डैनॉटिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने अपने कर्मीदल में नए लोगों को शामिल करने का फैसला किया है।
डोल डैनॉटिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड दुनियाभर के उपभोक्ताओं को विभिन्न प्रकार के वाहिकाओं उदाहरणस्वरूप कंटेनर्स, थोक वाहक, तेल टैंकरों, गैस वाहक, रासायनिक टैंकरों, बहुउद्देशीय वाहिकाओं, जैसे चालक दल प्रबंधन व जहाज प्रबंधन सेवाएं मुहैया कराती है।
यह कंपनी पूर्वी यूरोपीय देशों और फिलीपींस के कर्मचारियों को हटाकर भारतीय चालक दल के सदस्यों को अपने में शामिल करेगी। यह कंपनी 95 जहाजों का संचालन करती है और हर जहाज में करीब 20 सदस्यों का एक जत्था होता है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक डैनियल चोपड़ा ने बताया कि फिलहाल इस कंपनी में भारत से महज 5 फीसदी कर्मचारी ही काम करते हैं और हमलोग यह उम्मीद जता रहे हैं कि आने वाले निकट भविष्य में भारतीय कर्मचारियों की संख्या 50 फीसदी तक पहुंच जानी चाहिए।
चंडीगढ़ में मीडिया से बातचीत के दौरान चोपड़ा ने बताया कि वैश्विक आर्थिक मंदी के इस दौर में कंपनी द्वारा उठाया जाने वाला कदम काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। वर्तमान बाजार परिदृश्य में निजी जहाज कंपनियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में चोपड़ा ने बताया कि चीन ओलंपिक के समय इस इंडस्ट्री को काफी मुनाफा हुआ है और सबसे प्रमुख बात कि पिछले तीन सालों में वैश्विक अर्थव्यवस्था में काफी बूम आया है।
उन्होंने यह भी बताया कि वे अगले साल की शुरुआत में वे चंडीगढ़ में एक प्रशिक्षण संस्थान की स्थापना करने की योजना बना रहे हैं। शुरुआत में एक साल के कोर्स के लिए नाविक को करीब 60,000 रुपये अदा करना होगा।