Disney-Reliance ने मर्जर के लिए दिया रियायत देने का प्रस्ताव, लेकिन क्रिकेट अधिकार नहीं बेचेंगे

CCI ने इस हफ्ते दोनों कंपनियों को चेतावनी दी थी कि मर्जर के बाद बनने वाली नई इकाई भारत में टीवी और स्ट्रीमिंग के लिए अधिकतर क्रिकेट अधिकारों पर नियंत्रण कर सकती है

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एजेंसियां   
Last Updated- August 23, 2024 | 3:45 PM IST

डिज़्नी और रिलायंस ने अपनी $8.5 बिलियन की मीडिया मर्जर डील के लिए भारत में प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से मंजूरी पाने के प्रयास में कुछ रियायतें दी हैं, लेकिन वे क्रिकेट प्रसारण अधिकारों को बेचने के लिए तैयार नहीं हैं, जो इस डील का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा माना जा रहा है।

इस मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, CCI ने इस हफ्ते दोनों कंपनियों को चेतावनी दी थी कि मर्जर के बाद बनने वाली नई इकाई भारत में टीवी और स्ट्रीमिंग के लिए अधिकतर क्रिकेट अधिकारों पर नियंत्रण कर सकती है, जिससे विज्ञापनदाताओं को नुकसान होने की आशंका है। जवाब में, कंपनियों ने विज्ञापन दरों में अनुचित बढ़ोतरी न करने का प्रस्ताव दिया है।

रिलायंस-डिज़्नी का लक्ष्य भारत का सबसे बड़ा एंटरटेनमेंट प्लेयर बनाना है, जो सोनी, नेटफ्लिक्स और अमेज़न जैसी कंपनियों से कंपटीशन करेगा। इसमें 120 टीवी चैनल और दो स्ट्रीमिंग सेवाएं शामिल होंगी, लेकिन क्रिकेट, जो देश में बेहद लोकप्रिय है, इस डील का सबसे कीमती हिस्सा है।

कई प्रतिस्पर्धा विशेषज्ञों का मानना था कि एंटीट्रस्ट मुद्दे को हल करने का एक तरीका कुछ क्रिकेट अधिकारों को बेचना हो सकता है, चाहे वह कुछ टूर्नामेंट्स के लिए हो या ब्रॉडकास्ट माध्यम जैसे टीवी के लिए, लेकिन रिलायंस और डिज़्नी ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) में एक नया निजी प्रस्ताव जमा किया है, जिसमें उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया है।

सूत्रों के अनुसार, कंपनियों ने CCI को बताया है कि वे क्रिकेट मैचों के लिए विज्ञापन दरों में अनुचित तरीके से वृद्धि नहीं करने के लिए कमिटेड हैं। हालांकि, पहले सूत्र ने यह भी बताया कि कंपनियों ने किसी विशेष अवधि के लिए विज्ञापन दरों पर कोई मूल्य सीमा लगाने या वृद्धि को स्थिर रखने की कमिटमेंट नहीं दी है।

प्रतिस्पर्धा विशेषज्ञों का मानना है कि इस डील को मंजूरी दिलाने के लिए कंपनियों को अपने समझौते में कुछ बदलाव करने होंगे, जैसे कि कुछ प्रसारण अधिकार बेचना या विज्ञापन दरों पर सीमा लगाना।

पहले सूत्र ने बताया कि कंपनियों का मानना है कि क्रिकेट अधिकार, जिन पर उन्होंने लगभग $9.5 बिलियन खर्च किए हैं, देश में क्रिकेट के प्रति दीवानगी को देखते हुए बहुत फायदेमंद हैं और इस डील का अहम हिस्सा हैं, इसलिए वे इन्हें छोड़ना नहीं चाहते। CCI अब इन नए प्रस्तावों की समीक्षा करेगी और देखेगी कि क्या ये रियायतें प्रतिस्पर्धा से जुड़ी चिंताओं को कम करने के लिए पर्याप्त हैं या फिर और गहराई से जांच की जरूरत है।

पिछले कुछ सालों में, दोनों कंपनियों ने अपने कुछ स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों पर फ्री में मैच दिखाकर यूजर्स को आकर्षित किया, उन्हें उम्मीद है कि वे ज्यादा कंटेंट देखने के लिए सब्सक्रिप्शन खरीदेंगे। जेफ़रीज़ ने कहा है कि डिज़्नी-रिलायंस की संयुक्त इकाई का टीवी और स्ट्रीमिंग सेगमेंट के विज्ञापन बाजार में 40% हिस्सेदारी होगी। CCI ने पहले ही रिलायंस और डिज़्नी से मर्जर से संबंधित लगभग 100 सवाल पूछे थे। कंपनियों ने पहले ही CCI को बताया है कि वे बाजार शक्ति से जुड़ी चिंताओं को कम करने और जल्दी मंजूरी पाने के लिए करीब 10 टीवी चैनल बेचने को तैयार हैं। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

First Published : August 23, 2024 | 3:45 PM IST