दिल्ली सरकार ने एक बार फिर से पानी बिल के बकाये पर लेट पेमेंट सरचार्ज (एलपीएससी) माफ करने का निर्णय लिया है। इसका फायदा घरेलू व व्यावसायिक दोनो पानी बिल उपभोक्ताओं को मिलेगा। दिल्ली जल बोर्ड ने यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के लिए 869 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को भी मंजूरी दी। इसके तहत 55 एसटीपी को अपग्रेड किया जाएगा। साथ ही वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट पंपिंग स्टेशन के साथ ही सीवेज लाइन बिछाई जाएंगी। सरकार को इन परियोजनाओं से यमुना के प्रदूषण में 25 से 30 फीसदी कमी आने की उम्मीद है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि साल 2020-21 के दौरान कोरोना महामारी चरम पर थी, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में लोगों को महामारी के साथ-साथ गंभीर आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ा। इस कारण ज्यादातर उपभोक्ता अपने बकाया बिल का भुगतान नहीं कर पाए। बाद में एलपीएससी बार-बार लगने से बकाया राशि बहुत ज्यादा बढ़ गई और उपभोक्ता पानी का बिल भरने में सक्षम नहीं हो पाए। इसलिए सरकार ने पानी के बिल पर एलपीएससी को माफ करके लोगों को अपना बकाया भुगतान करने का मौका दिया जाए।
करीब 27 हजार करोड़ से अधिक का पानी बिल बकाया है। जिसमें से करीब 22 हजार करोड़ लेट पेमेंट सरचार्ज शुल्क हैं और 5 हजार करोड़ रुपये मूल बिल का हिस्सा है।
100 फीसदी एलपीएससी छूट केवल उन उपभोक्ताओं के लिए लागू होगी, जो 31 दिसंबर 2022 को या उससे पहले एलपीएससी छूट योजना के तहत अपने बकाया बिल का भुगतान करेंगे, जबकि 75 फीसदी एलपीएससी छूट उन उपभोक्ताओं के लिए लागू होगी, जो एक जनवरी 2023 से 31 जनवरी 2023 की अवधि के दौरान एलपीएससी छूट योजना के तहत अपने बकाया बिल का भुगतान करेंगे।
चूंकि पानी के मीटर लगाने और बदलने की जिम्मेदारी अब दिल्ली जब बोर्ड की है और उपभोक्ताओं के सभी खराब पानी के मीटर को एक बार में बदलना व्यावहारिक नहीं है, ऐसे में 30 सितंबर तक जिन उपभोक्ताओं के पानी के बिल पर लेट पेमेंट सरचार्ज लगा है उन्हें भी इस आखिरी माफी योजना के तहत छूट मिलेगी। हालांकि उपभोक्ता को बकाया राशि का मूलधन पूरा चुकाना होगा। योजना की अवधि के दौरान कोई एलपीएससी नहीं लगाया जाएगा और यह योजना 31 मार्च 2023 तक प्रभावी रहेगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि, यमुना को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए एक बेहद महत्वपूर्ण परियोजना को मंजूरी दी गई है। इसके तहत केशोपुर व नजफगढ़ में गिरने वाले 85 एमजीडी सीवर को रोजाना साफ कर नजफगढ़ नाले में डाला जाएगा। इससे यमुना के पानी का प्रदूषण 30 फीसदी तक घटेगा और यह कदम यमुना साफ करने में बहुत मददगार साबित होगा। साथ ही बादली, निगम बोध व मोरी गेट नालों पर कुल 55 एमजीडी के सीवेज पंपिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इससे इन नालों का गंदा पानी यमुना में नहीं जाएगा।