दिल्ली में इस दीवाली प्रदूषण से थोडी राहत मिली है। राष्टीय राजधानी दीवाली की अगली सुबह बीते 5 साल के दौरान सबसे कम प्रदूषित रही। हालांकि प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में ही रहा, जबकि पिछली दीवाली की अगली सुबह प्रदूषण स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया था। बीते वर्षो की तुलना में इस बार प्रदूषण से मिली राहत की वजह सरकार दवारा प्रदूषण को कम करने के लिए की जा रही सख्ती है। लेकिन इस सख्ती का पूरी तरह से पालन न होने के कारण प्रदूषण में उतना सुधार नहीं हुआ, जितना होना चाहिए।
आतिशबाजी पर प्रतिबंध के बावजूद दिल्ली के कई हिस्सों में लोगों ने पटाखे चलाए, लेकिन पिछले दो वर्षों की तुलना में इसकी तीव्रता कम दिखाई दी। सुबह हवा चलने के कारण भी प्रदूषण में कमी आई है।
दिल्ली में इस साल दीवाली की अगली सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक 326 दर्ज किया गया। जो बीते 5 साल में सबसे कम है। दीवाली की अगली सुबह वर्ष 2021 में यह सूचकांक 462, वर्ष 2020 में 435, 2019 में 367 और वर्ष 2018 में 390 था।
आंकडों से जाहिर है बीते कुछ वर्षों में इस बार दीवाली पर सबसे कम प्रदूषण हुआ। पिछले साल दीवाली की अगली सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक 462 दर्ज किया गया था, जो गंभीर श्रेणी में आता है। इस प्रकार पिछली दीवाली बीते 5 साल में सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। इस साल दीवाली पर पिछले साल की तुलना में कम पटाखे चलने के साथ हवा चलने के कारण भी प्रदूषण स्तर में कमी आई है।
सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR) के अनुसार खबर लिखे जाने के समय दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 353, गुरूग्राम में 318 और नोएडा में 370 दर्ज किया गया।