भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड की इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) और एस्सेल समूह की इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) के बीच जो विवाद हुआ था, कुछ वैसा ही महाराष्ट्र में घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंटों में भी दिख सकता है।
इस दफा क्रिकेट के इस दंगल में राज्य के दो प्रमुख मीडिया घराने आमने-सामने होंगे। महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) ने महाराष्ट्र प्रीमियर लीग (एमपीएल) ट्वेंटी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट की घोषणा की है, जिसे सकाल मीडिया ग्रुप का समर्थन प्राप्त है। यह टूर्नामेंट मई में शुरू होने वाला है।
इस टूर्नामेंट को टक्कर देने के लिए लोकमत समूह ने लोकमत महाराष्ट्र क्रिकेट चैंपियनशिप (एलएमसीसी) टी-20 टूर्नामेंट के आयोजन की घोषणा कर डाली है। इस टूर्नामेंट का आयोजन नवंबर में पुणे में किया जाना है। एमपीएल को सकाल समूह का समर्थन प्राप्त है जिसे केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के भतीजे अभिजीत पवार चला रहे हैं। तो वहीं एलएमसीसी को चलाने का जिम्मा कांग्रेस के सांसद विजय दर्डा के पास है।
आईपीएल की ही तरह दोनों लीग फ्रैंचाइजी मॉडल को ही अपनाएंगी और दोनों टूर्नामेंटों में आठ-आठ टीमें शामिल होंगी। इन टीमों में जगह बनाने के लिए रणजी खिलाड़ियों, स्थानीय स्तर पर खेलने वाले क्रिकेटरों और दूसरे राज्यों के क्रिकेटरों की नीलामी की जाएगी। यह कुछ ऐसा ही होगा जैसा आईपीएल के लिए क्रिकेटरों को चुनने के लिए बोलियां लगाई गई थीं।
इन दोनों टूर्नामेंटों के बीच आपसी विवाद पैदा करने वाली बात यह है कि एमसीए ने पहले ही इशारा कर दिया है कि जो खिलाड़ी एलएमसीसी में शामिल होते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और भविष्य में उनके खेलने पर पाबंदी भी लगा दी जाएगी। दरअसल, एमपीएल टी-20 टूर्नामेंट महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन का आधिकारिक घरेलू टूर्नामेंट है।
दोनों ही लीग अपने अपने मैचों के सीधे प्रसारण के लिए प्रसारणकर्ताओं से संपर्क साधने में जुटे हैं। इन मैचों के टेलीविजन और रेडियो पर प्रसारण अधिकार बेचने और समाचार पत्रों के साथ गठजोड़ से आयोजकों को करोड़ों रुपये का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि एलएमसीसी से 20 करोड़ रुपये और एमपीएल से 30 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई होगी।
एमसीए के अध्यक्ष अजय शिर्के जो शरद पवार के काफी करीबी माने जाते हैं, ने बताया, ‘हमने रणजी खेलने वाले और अंडर 22 क्रिकेट टीमों से 122 क्रिकेट खिलाड़ियों का दल तैयार किया है। 30 साल से कम आयु के खिलाड़ी इस लीग में खेल सकेंगे। एमसीए कमिटी ने कुछ अच्छे खिलाड़ियों को छांट रखा है जिन्हें आठ टीमों में शामिल करने के लिए बोलियां लगाई जाएंगी।’
जब शिर्के से इस विरोधी क्रिकेट लीग के बारे में पूछा गया जिसका आयोजन लोकमत समूह करा रहा है तो उन्होंने कहा, ‘इस टूर्नामेंट के आयोजन के लिए लोकमत समूह ने हमसे इजाजत मांगी थी। पर हमनें अब तक उसे मंजूरी नहीं दी है। अगर खिलाड़ी उस लीग में शामिल होते हैं तो हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे।’
हालांकि, लोकमत समूह इस बारे में कुछ और ही दावा कर रहा है। समूह का कहना है कि इस टूर्नामेंट के आयोजन के लिए उसके पास एमसीए से गैर आपत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) मिला हुआ है। एलएमसीसी के अध्यक्ष ऋषि दर्डा ने बताया, ‘हम बीसीसीआई के मापदंडों के हिसाब से ही इस टूर्नामेंट का आयोजन कर रहे हैं।’