ई-कॉमर्स का महाराष्ट्र में असमंजस

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:16 AM IST

ई-कॉमर्स और फूड डिलिवरी कंपनियां अपने डिलिवरी कर्मचारियों के लिए लॉकडाउन दिशानिर्देशों के बारे में ज्यादा स्पष्टता के लिए महाराष्ट्र सरकार के साथ बातचीत कर रही हैं। इन दिशानिर्देशों के मुताबिक उन्हें टीकाकरण या नेगेटिव कोविड-19 जांच का सबूत अपने पास रखा होगा। महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को ‘शृंखला को तोडऩे’ का आदेश दिया था, जो 10 अप्रैल से लागू होगा। इसमें ई-कॉमर्स एवं फूड डिलिवरी सेवा कर्मचारियों से कहा गया है कि वे केंद्र सरकार के नियमों के हिसाब से टीकाकरण कराएं। जिन लोगों का टीकाकरण नहीं हुआ है, उन्हें नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट रखनी होगी। यह रिपोर्ट 15 दिन के लिए वैध होगी।
सरकार के मौजूदा दिशानिर्देशों में केवल 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के टीकाकरण को ही मंजूरी दी गई है। इसका मतलब है कि ई-कॉमर्स और फूड डिलिवरी कंपनियों के ज्यादातर डिलिवरी कर्मचारियों को हर 15 दिन के बाद जांच करानी होगी।
एक ई-कॉमर्स कंपनी के कार्याधिकारी ने नाम प्रकाशित नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि सबसे बड़ी अड़चन लॉजिस्टिक है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए जांच कराना मुश्किल होता जा रहा है। आरटी-पीसीआर जांच के लिए 48 घंटे तक का इंतजार करना पड़ता है। आरटी-पीसीआर एक प्रयोगशाला जांच है, जिससे कोविड-19 के वायरस की पहचान होती है।
एमेजॉन के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी महाराष्ट्र में कफ्र्यू के घंटों और सप्ताहांत में डिलिवरी के लिए राज्य सरकार के ताजा दिशानिर्देशों का अध्ययन कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हम अपने सहयोगियों की सुरक्षा के लिए लगातार कड़े रोकथाम उपायों को अपना रहे हैं, जिनमें सामाजिक दूरी के नियमों का पालन, अनिवार्य रूप से फेस मास्क का इस्तेमाल और डिलिवरी सहयोगियों एवं परिचालन केंद्रों पर काम कर रहे लोगों का रोजाना तापमान मापना आदि शामिल हैं।’ फ्लिपकार्ट के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम महाराष्ट्र सरकार के नए दिशानिर्देशों को मद्देनजर रखते हुए यह सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं कि डिलिवरी, उत्पाद इंस्टॉलेशन कर्मचारियों एवं किराना साझेदारों समेत हमारे अंग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों की उत्पादों की डिलिवरी के दौरान कोविड-19 जांच हो।’ उन्होंने कहा, ‘इसके साथ ही, हमने लाखों विक्रेताओं या एमएसएमई को अपने उत्पाद बेचने के लिए एक मार्केटप्लेस मुहैया कराकर उन्हें अपना कारोबार जारी रखने में मदद दी है। इससे लाखों रोजगार अवसरों का सृजन हो रहा है।’
इसी तरह फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम अपने डिलिवरी कर्मियों के लिए आवश्यक टीकाकरण और आरटी-पीसीआर जांचों का खर्च उठा रहे हैं। सुरक्षा हमारे लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है।’
रिटेल की और बढ़ेंगी मुश्किलें
मुंबई के रेस्टोरेंट शॉपिंग सेंटर, मॉल तथा मल्टीप्लेक्स सोमवार को वीरान नजर आए। इम्प्रेसरियो एंटरटेनमेंट ऐंड हॉस्पिटेलिटी के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक रियाज अमलानी ने कहा, ‘पूरे दिन हमारे रेस्तरां में कोई ग्राहक नहीं आया। 4 अप्रैल को दिशानिर्देश आने से पहले हमारा कारोबार थोड़ा बहुत चल रहा था, लेकिन रात को कफ्र्यू लगने से हमारा कारोबार चौपट हो गया है।’ रिटेलर्स, मॉल डेवलपर्स, मल्टीप्लेक्स ऑपरेटर्स और रेस्तरां मालिकों का कहना है कि आंशिक लॉकडाउन, रात्रि कफ्र्यू और मनमानी रैपिड ऐंटीजन जांच की मुहिम चलने से पिछले एक महीने के दौरान उनका कारोबार प्रभावित हुआ है। रेस्तरां उद्योग का कहना है कि नई पाबंदियों के बाद और 30 प्रतिशत दुकानें हमेशा के लिए बंद हो जाएंगी। फेडरेशंस ऑफ होटल्स ऐंड रेस्टॉरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष गुरबख्शीस सिंह कोहली ने कहा कि पिछले हफ्ते 30 प्रतिशत रेस्तरां पूरी तरह बंद हो गए थे।

First Published : April 6, 2021 | 12:44 AM IST