हिमाचल प्रदेश को ‘कार्बन न्यूट्रल’ राज्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश पर्यावरण कोष बनाने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है।
सरकार की इस पहल से कार्बन क्रेडिट की बिक्री से राज्य के राजस्व में काफी मदद मिल सकती है। कोष अधिसूचना की घोषणा करते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने बताया कि यह कोष विशुध्द रूप से स्वैच्छिक होगा और वाहन मालिक, उद्योग और गैर सरकारी संगठन इस बड़े उद्देश्य के लिए योगदान करने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होंगे।
एक अनुमान के मुताबिक सूबे में करीब 3.5 लाख पंजीकृत वाहन है। इसके अलावा सूबे भर में 35159 औद्योगिक इकाइयां भी हैं जिसमें से 34771 छोटे और 388 मझोली और बड़ी पैमाने की औद्योगिक इकाइयां हैं।
पर्यावरण कोष की स्थापना करने के पीछे मुख्य उद्देश्य पर्यावरण को सुरक्षा, संरक्षण प्रदान करना और कार्बन फुटप्रिंट्स को कम करना भी शामिल है। इस कोष का इस्तेमाल गांवों में सक्रिय कार्बन फुटप्रिंट्स से सुरक्षा दिलाने के लिए भी होगा।