बिहार अपने पिछड़ेपन की चोली को उतार फेंकने के लिए बिल्कुल तैयार हो चला है। बिहार सरकार के पास इन दिनों 84,570 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव हैं।
इनमें से कई प्रस्तावों को अंतिम मंजूरी भी दी जा चुकी है। इन प्रस्तावों से उत्साहित बिहार इस बार अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला में भी अपना आधुनिक नजारा पेश करने जा रहा है। 14-27 नवंबर तक दिल्ली के प्रगति मैदान में चलने वाले मेले में इस बार बिहार के मंडप में लिट्टी-चोखा एवं मधुबनी पेंटिंग की जगह बिहार के आधुनिक पुल एवं फूड पार्क की झांकियां देखने को मिलेंगी।
बिहार सरकार के अफसरों के मुताबिक बिहार मंडप के जरिए अधिक से अधिक निवेशकों को आकर्षित करना उनका मुख्य मकसद है। अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले का थीम इस साल ‘आधारभूत ढ़ाचा एवं महिला अधिकारिता’ है। लेकिन बिहार पवेलियन का थीम बिहार विजन-2020 होगा।
बिहार के औद्योगिक विकास आयुक्त ए के सिन्हा ने बताया कि राज्य सरकार के पास 145 परियोजनाएं निवेश के लिए प्रस्तावित है और इस दिशा में सकारात्मक काम भी जारी है। बिहार में मुख्य रूप से पॉवर, खाद्य प्रसंस्करण, चमड़ा उद्योग, टेक्सटाइल, चीनी उद्योग एवं पुल निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है और आने वाले समय में इन क्षेत्रों में बाहरी निवेश की पूरी संभावना है।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेला के माध्यम से बिहार पूरी दुनिया को यह बताना चाहता है कि वहां भी अब निवेश की पूरी गुंजाइश है और सरकार निवेशकों को पूरी सुविधा देने को तत्पर है।