अंडाल की नई हवाई अड्डा परियोजना को लेकर उलझन में फंसी पश्चिम बंगाल औद्योगिक विकास निगम (डब्लयूबीआईडीसी) कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के साथ मिलकर समाधान के रास्ते तलाश रही है।
इसके लिए परियोजना स्थल को दुबारा परिभाषित करने की कवायद चल रही है। किसी पचड़े में फंसने से बचने के लिए ही निगम आगामी तीन स्टील परियोजनाओं की सीमाओं को दुबारा परिभाषित करवाने में जुट गई है।
जिन तीन परियोजनाओं को लेकर नई कवायद जारी है उनमें एक वीडियोकॉन समूह का है। वर्द्धमान की इस परियोजना की उत्पादन क्षमता 30 लाख टन सालाना होगी। वहीं सालनपुर में भूषण स्टील और जमुरिया में अभिजीत समूह की प्रस्तावित परियोजना की उत्पादन क्षमता 20 लाख टन सालाना होगी। ये दोनों भी वर्द्धमान जिले में ही हैं।
इन तीनों परियोजनाओं के लिए कुल मिलाकर 8,000 एकड़ जमीन की जरूरत है। सीआईएल प्रमुख और बंगाल एयरोट्रोपोलिस प्राइवेट लिमिटेड (बीएपीएल) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक के बाद राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग सचिव सव्यसाची सेन ने कहा, ‘वर्द्धमान-दुर्गापुर क्षेत्र में कई परियोजनाएं कोयला भंडार वाली जमीन पर पड़ रही हैं।
ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की तरफ से कोयला भंडारों को सुरक्षित रखने के मकसद से सीमाओं को दुबारा परिभाषित करने का अनुरोध आया है। डब्लयूबीआईडीसी और ईसीएल के बीच परियोजना क्षेत्र को दुबारा परिभाषित करने के लिए बातचीत चल रही है।’ तीनों परियोजनाओं के लिए जमीन की पहचान की जा चुकी है लेकिन संबंधित पक्षों को जमीन आवंटन होना बाकी है।