मुश्किलों में है आगरा का जेनरेटर उद्योग

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:31 PM IST

आगरा का डीजल इंजन उद्योग इस समय बुरे हालात से जूझ रहा है। परंपरागत जेनेसेटों के निर्माण पर रोक और नए करों के कारण


उद्योग की वित्तीय सूरत बिगड़ चुकी है और उनके सामने उत्पादन में कटौती के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है।


आगरा का डीजल इंजन उद्योग प्रतिवर्ष लगभग 1.25 लाख डीजल जेनेसेट बनाता है।


इंडस्ट्री ने वैट की बढ़ी दरों और बढ़ते वित्तीय संकट को देखते हुए उत्पादन को बंद करने या फिर उसमें कटौती करने का निर्णय किया है।


 पिछले साल जनवरी को राज्य सरकार ने 12.5 फीसदी वैट की दरों को लागू कर आगरा के जेनेरेटर विनिर्माताओं को चौंका दिया था।


यहां तैयार जेनरेटर पहले से ही यूरो 3 मानकों को अपनाने के कारण उपभोक्ताओं के लिए मंहगा साबित हो रहे थे।


जेनेरेटर विनिर्माताओं ने व्यापार में घाटे को देखते हुए बढ़ी हुई वैट की दरों को कम करके 4 फीसदी करने की मांग उठाई है।


नेशनल चेम्बर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स के अध्यक्ष अनिल गोयल ने बिजनेस स्टैडर्ड़ को बताया कि कड़ी वित्तीय शर्तों के कारण आगरा का जेनेरेटर उद्योग का आकार पहले से काफी कम हो गया है।


इसके बावजूद आगरा देश में पोटेर्बल जेनरेटरों की आधे से ज्यादा मांग को पूरा करता है। पिछले दो सालों से यह उद्योग अपनी पुरानी उत्पादन क्षमता को यूरो 2 प्रमाणपत्र के साथ पाने का प्रयत्न कर रहा है।


ऐसे में यदि वैट की 12.5 फीसदी दरों को लागू कर दिया गया तो आगरा का जेनरेटर उद्योग चीच, दक्षिण भारत और पंजाब में निर्मित सस्ते जेनरेटरों से प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाने के कारण पिछड़ जाएगा।


गोयल ने बताया है कि राज्य सरकार ने मशीनरी के ऊपर 4 फीसदी वैट तय किया है लेकिन पोटेर्बल जेनरेटरों को मशीनरी से बाहर रखा गया है। इसके साथ ही साथ इन पर वैट की 12.5 फीसदी दरें तय की गई है।


जेनरेटर विनिर्माताओं ने इस बाबत वाणिज्यिक कर अधिकारियों के सामने गुहार लगाई है। उनका कहना है कि जेनरेटर उद्योग मशीनरी का ही हिस्सा है और इसे मशीनरी से बाहर नहीं करना चाहिए।


वाणिज्यिक  कर विभाग जेनरेटरों के ऊपर कुछ प्रावधानों के तहत वैट की दरों को 12.5 फीसदी से 4 फीसदी करने के लिए सैद्धान्तिक तौर पर तैयार हो गया है।


 लेकिन इसमें दिक्कत यह है कि राज्य सरकार एक विशेष विधेकर को पारित करके वैट की दरों को फिर से बढ़ाने का मन बना रही है।


जेनरेटर निर्माताओं का कहना है कि भविष्य में अगर वैट की दरें बढ़ाई गई तो वे इसके खिलाफ अदालत में गुहार लगाएंगे।

First Published : March 11, 2008 | 8:27 PM IST