क्या आप बता सकते हैं कि बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी और हैरी पॉटर की लेखिका जे. के. राउलिंग में क्या समानता है? अपने दिमाग पर थोड़ा सा जोर दीजिए।
हालांकि समानता बहुत मामूली है। दरअसल राउलिंग के किताबों की तरह आडवाणी की किताब ‘माई कंट्री, माई लाइफ’ बाजारों में धड़ल्ले से बिक रही है। एक हफ्ते के भीतर आडवाणी की आत्मकथा की 1 लाख से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं।
बिक्री के मामले में सिर्फ हैरी पॉटर की सीरीज और अब्दुल कलाम की किताबें ही इसकी बराबरी कर सकती हैं।आडवाणी की किताब छापने वाली प्रकाशन संस्था रूपा एंड कंपनी इसे तीसरी बार छापने की तैयारी में है। प्रकाशन उद्योग के सूत्रों के मुताबिक,इस किताब की 1 लाख से ज्यादा प्रतियों के ऑर्डर मिल चुके हैं।
सूत्रों ने खुलासा किया कि रूपा एंड कंपनी के मार्केटिंग एग्जिक्यूटिव्स यूरोप और अमेरिका के रिटेलर्स से भी बातचीत कर रहे हैं। रूपा एंड कंपनी को इस किताब की बिक्री के लिए आडवाणी का शुक्रगुजार होना चाहिए, क्योंकि वही इस किताब के सबसे अच्छे सेल्समैन हैं।
इस किताब के लोकार्पण के ठीक पहले और बाद में चारों और आडवाणी के किताब की चर्चा जोरशोर से हो रही थी। इस दौरान एक चैनल पर उन्होंने यह कहकर अच्छा खासा विवाद खड़ा कर दिया कि कंधार विमान अपहरण कांड में वह आतंकवादियों के साथ तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह के कंधार जाने के बारे में हुए फैसले से अवगत नहीं थे।
हालांकि, किताब में भी कुछ गलतियां भी मौजूद हैं। मसलन भगत सिंह की फांसी के बारे में कही गई बात में तथ्यात्मक गलती है।रूपा ऑनलाइन के जरिये भी आडवाणी की आत्मकथा की बिक्री काफी जमकर हो रही है। प्रकाशन उद्योग सूत्रों के मुताबिक, रूपा एंड कंपनी अपनी वेबसाइट के जरिये पहले ही इस किताब की 800 प्रतियां बेच चुकी है।