भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हाल ही में एक परिपत्र में पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा (पीएमएस) क्षेत्र के प्रदर्शन मानकीकरण तथा निवेश संबंधी रुख के लिए सख्त परिभाषाएं एवं दिशानिर्देश जारी किए हैं। ये अप्रैल 2023 से लागू होंगे और निवेशकों के समक्ष इस बारे में सही तस्वीर पेश करेंगे कि पीएमएस का लक्ष्य क्या है। साथ ही वे विस्तृत तुलना और समय से रिटर्न के बारे में सही विचार भी पेश करेंगे। निवेश संबंधी दृष्टिकोण (निवेश को लेकर व्यापक नजरिया) एक दस्तावेजीकृत दर्शन है जिसे कोई पोर्टफोलियो प्रबंधक अपनाता है।
अब इस दृष्टिकोण को लेकर एक अतिरिक्त व्यापक रणनीति वाले खुलासे के साथ प्रस्तुत करना होगा जिसे हाइब्रिड, इक्विटी, डेट और मल्टी ऐसेट यानी विविध संपत्ति के रूप में परिभाषित किया गया है। प्रत्येक निवेश दृष्टिकोण को किसी एक विशिष्ट रणनीति के साथ जोड़ा जा सकता है। हालांकि एक प्रबंधक कई निवेश दृष्टिकोण अपना सकता है और उनकी घोषणा कर सकता है। इसक निर्धारण संबद्ध प्रबंधक के अपने निर्णय पर आधारित है।
निवेशक दृष्टिकोण को किसी रणनीति या मानक के साथ जोड़ने की प्रक्रिया को तभी बदला जा सकता है जबकि उपभोक्ताओं के पास यह विकल्प हो कि वे बिना समय पूर्व निकासी का शुल्क चुकाए योजना से बाहर जा सकें। इसके अलावा बदलाव के पहले प्रदर्शन के रिकॉर्ड का इस्तेमाल पोर्टफोलियो प्रबंधक द्वारा बदलाव के बाद प्रदर्शन की रिपोर्टिंग के लिए नहीं किया जाएगा।
रणनीति या मानक में किसी भी तरह का परिवर्तन बाकायदा उस बदलाव को उचित ठहराने के कारण के साथ दर्ज किया जाएगा और इसे पीएमएस के वार्षिक अंकेक्षण के हिस्से के रूप में प्रमाणित किया जाएगा। भारतीय पोर्टफोलियो प्रबंधक महासंघ (एपीएमआई) हर रणनीति की तुलना के लिए अधिकतम तीन मानक तय कर सकता है।
ये मानक रणनीति के बुनियादी दर्शन को दर्शाएंगे। इसके अलावा पोर्टफोलियो प्रबंधकों का बोर्ड यह जिम्मेदारी भी लेगा कि सही रणनीति का चयन सुनिश्चित किया जा सके और प्रत्येक निवेशक दृष्टिकोण के लिए सही मानक तय किया जाए।
एपीएमआई को पोर्टफोलियो प्रबंधकों के लिए मानकीकृत मूल्यांकन मानक तय करने चाहिए, ठीक वैसे ही जैसे कि म्युचुअल फंड के लिए किए जाते हैं। पोर्टफोलियो प्रबंधकों द्वारा डेट और मुद्रा बाजार प्रतिभूतियों का मूल्यांकन एपीएमआई के मूल्यांकन मानकों के अनुरूप ही करना होगा।
एपीएमआई मूल्यांकन एजेंसियों को साथ जोड़कर पोर्टफोलियो प्रबंधकों को प्रतिभूति स्तरीय मूल्य उपलब्ध कराएगी और प्रबंधकों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल डेट तथा मुद्रा बाजार प्रतिभूतियों का मूल्यांकन अनिवार्य रूप से पैनल में शामिल एजेंटों से ही कराना होगा। प्रबंधकों को निवेशक दृष्टिकोण का सार्वजनिक खुलासा करते समय इसी रणनीति के तहत चुनिंदा मानकों के प्रतिफल के अलावा समयबद्ध प्रतिफल दर की भी घोषणा करनी होगी।
विज्ञापन के समय भी ऐसी तुलना और प्रतिफल का खुलासा करना चाहिए। पोर्टफोलियो प्रबंधकों को हर महीने की समाप्ति से सात दिन के भीतर एपीएमआई के समक्ष मासिक रिपोर्ट भी पेश करनी होगी। तब एपीएमआई को अपनी वेबसाइट पर समुचित तरीके से मासिक रिपोर्ट को पेश करना होगा ताकि सहजता से तुलना की जा सके और पोर्टफोलियो स्तर पर, निवेश दृष्टिकोण के स्तर पर, पोर्टफोलियो प्रबंधक स्तर पर तथा उद्योग जगत के स्तर पर सहज पहुंच सुनिश्चित की जा सके।
इससे पीएमएस में यकीनन पारदर्शिता आएगी। यह वह क्षेत्र है जो उच्च मूल्यांकन वाले लोगों को सेवा देता है। अतिरिक्त खुलासों और प्रतिफल के विस्तृत मानकीकरण की ये विभिन्न परतें निवेशकों को इस लायक बनाएंगी कि वे समान निवेशक दृष्टिकोण के अधीन अन्य पोर्टफोलियो प्रबंधकों से तुलना कर सकें।
यह सूचना निवेशकों को भी यह सुविधा देगी कि उनके पास नई योजना का चयन करते समय समुचित जानकारी हो। चिंता का एक क्षेत्र यह है कि इससे पीएमएस सेवाओं की लागत बढ़ सकती है जिसका असर इन योजनाओं में निवेश के लिए बचने वाले वास्तविक कोष पर पड़ेगा।