दुनियाभर में चल रहे संघर्ष और महंगाई बढ़ने की वजह से ब्याज दरों में कटौती की बातें फिलहाल रुकी हुई हैं। इसकी जगह, श्रीराम फाइनेंस और बजाज फाइनेंस जैसी कंपनियां अपने एफडी और आवर्ती जमा (recurring deposits) पर मिलने वाले ब्याज (कूपन दर) को बढ़ा रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन कंपनियों की एफडी दरें बैंकों की एफडी और उनके खुद के बांड (NCD) से ज्यादा आकर्षक हैं।
उदाहरण के लिए, श्रीराम फाइनेंस वरिष्ठ नागरिकों को 9.30% ब्याज दे रहा है, जबकि उनके बांड 8.9-9% पर मिल रहे हैं। इसी तरह बजाज एफडी 8.85% ब्याज दे रही है, जबकि उनका बांड 8.35-8.40% पर मिल रहा है।
RBI के हालिया उपायों का असर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हालिया उपायों का असर कॉर्पोरेट FD दरों पर पड़ रहा है। दरअसल, असुरक्षित लोन को लेकर RBI के कड़े नियमों की वजह से NBFC को बैंकों से कम लोन मिल रहा है, साथ ही उनकी पूंजी जुटाने की लागत भी बढ़ गई है। इस वजह से कई NBFC को बांड मार्केट और कॉर्पोरेट FD जैसे दूसरे जरियों से पैसा जुटाना पड़ रहा है।
पैसाबाजार के एक विशेषज्ञ का कहना है कि ऐसे में असुरक्षित लोन वाले क्षेत्रों में काम करने वाली NBFC अपनी FD दरों में बढ़ोतरी कर सकती हैं, ताकि वे इस क्षेत्र में लोन की मांग को पूरा कर सकें। इसका फायदा ये है कि ICICI होम फाइनेंस, महिंद्रा फाइनेंस जैसी कंपनियां अब 12 से 60 महीने की अवधि वाली FD जारी कर रही हैं।
थोड़ा रिस्क लेकर पाएं हाई रिटर्न
कंपनी FD उन निवेशकों के लिए फायदेमंद है जो जरा सा क्रेडिट रिस्क उठाकर ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं। PlanRupee इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के अमोल जोशी का कहना है कि कंपनी FD पर मिलने वाला ब्याज, बैंक FD या अन्य निश्चित आय वाली योजनाओं के मुकाबले ज्यादा आकर्षक है, वो भी लंबी अवधि के लिए। निवेशकों को सिर्फ नॉमिनल की ब्याज दर को नहीं देखना चाहिए बल्कि रियल ब्याज दर पर ध्यान देना चाहिए।
रियल ब्याज दर निकालने के लिए नॉमिनल की दर से महंगाई की दर घटा दें। अच्छी बात ये है कि ज्यादातर कंपनी FD अभी पॉजिटिव रियल ब्याज दर दे रही हैं। साथ ही, इनमें से कई FD को AAA या AA रेटिंग मिली हुई है, जो बताता है कि आपका पैसा सुरक्षित है। और भी फायदा ये है कि कंपनी FD, डेट म्यूचुअल फंड, बॉन्ड या शेयर बाजार से जुड़ी निश्चित आय इंस्ट्रूमेंट के मुकाबले ज्यादा स्थिर रिटर्न देती हैं।
गौरव अग्रवाल कहते हैं कि कंपनी FD में एक बार तय की गई दर पर ही आपको रिटर्न मिलेगा, बाकी बाजार उतार-चढ़ाव का इस पर कोई असर नहीं पड़ेगा। मतलब, आपको वही ब्याज मिलेगा जो आपने FD कराते वक्त तय किया था।
डिफॉल्ट रिस्क को लेकर रहें जागरूक
कम रेटिंग वाली कंपनी FD में फंसने पर आपको डिफ़ॉल्ट रिस्क का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही, इसमें समय से पहले पैसा निकालना मुश्किल होता है क्योंकि कंपनी FD में आमतौर पर जुर्माना लगता है।
किसे करना चाहिए निवेश?
कंपनी FD भले ही ज्यादा मुनाफा देने वाली हो, लेकिन इसमें थोड़ा जोखिम भी शामिल है। इसलिए ये उन निवेशकों के लिए सही है जो थोड़ा रिस्क उठा सकते हैं। गौरव अग्रवाल कहते हैं कि जो लोग बैंक FD से ज्यादा कमाई चाहते हैं मगर शेयर बाजार से जुड़ी निश्चित आय वाले इंस्ट्रूमेंट के उतार-चढ़ाव से बचना चाहते हैं, उनके लिए कंपनी FD बेहतर विकल्प है।
बहरहाल, कंपनी FD में निवेश करने से पहले अपना निवेश पोर्टफोलियो दुरुस्त कर लें। अमोल जोशी की सलाह है कि पहले पीपीएफ, वीपीएफ जैसी छोटी बचत योजनाओं और बैंक FD में निवेश करके अपना फिक्स्ड-इनकम पोर्टफोलियो मजबूत बनाएं। इसके बाद ही बचे हुए पैसे का 15% से ज्यादा कंपनी FD में लगाएं।
कुछ विकल्प जिनको आप चुन सकते हैं
यहां तक कि कुछ छोटे वित्त बैंक और कुछ प्राइवेट बैंक भी FD पर 8% या उससे भी ज्यादा का ब्याज दे रहे हैं। लेकिन याद रखना ज़रूरी है कि बैंक FD ज्यादा सुरक्षित मानी जाती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हर बैंक में आपके 5 लाख रुपये तक के जमा का बीमा होता है। ये बीमा जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) नाम की संस्था देती है। वहीं, कंपनी FD में इस तरह का कोई बीमा नहीं होता है।
अच्छी रेटिंग वाली कंपनी FD को ही चुनें
सिर्फ अच्छी रेटिंग वाली कंपनी FD चुनें, नहीं तो पैसा फंस सकता है। AA या AAA रेटिंग वाली कंपनी FD ही सुरक्षित मानी जाती हैं। वहीं, कम रेटिंग वाली FD भले ही ज्यादा लुभाएं, लेकिन जोखिम भी ज्यादा होता है। साथ ही, एक और स्मार्ट तरीका है। अलग-अलग अवधि वाली कंपनी FD में पैसा लगाएं।
इससे आपको समय-समय पर पैसा मिलता रहेगा। फायदा ये है कि आप ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव से बच सकते हैं। मान लीजिए, जब ब्याज दरें कम हों, तो आप अपनी मैच्योर हो चुकी FD को कम दर पर फिर से निवेश करने से बच जाएंगे।