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पहला गोल्ड बॉन्ड 30 नवंबर को हो रहा मैच्योर; ऑफलाइन या ऑनलाइन सब्सक्राइबर- कौन ज्यादा फायदे में ?

ऑनलाइन खरीदने वालों को पहले Sovereign Gold Bond के रिडेम्प्शन पर 157.12 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न और 12.43 फीसदी एनुअल रिटर्न मिलेगा।

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अजीत कुमार   
Last Updated- November 30, 2023 | 11:04 AM IST

ऐसे बॉन्ड धारकों को पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) के रिडेम्प्शन से उन बॉन्ड धारकों के मुकाबले ज्यादा रिटर्न मिलेगा जिन्होंने इस बॉन्ड को ऑफलाइन खरीदा होगा। यदि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ऑनलाइन खरीदते हैं तो इश्यू प्राइस पर 50 रुपये प्रति यूनिट (1 यूनिट= 1 ग्राम) का डिस्काउंट मिलता है। लेकिन इंटरेस्ट/कूपन उन्हें इश्यू प्राइस पर ही मिलता है। देश का पहला सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी 2015-16 की पहली सीरीज (2015-16 Series I) इसी महीने 30 तारीख को मैच्योर हो रही है।

इस बीच आरबीआई (RBI) ने पहले सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) का फाइनल रिडेम्पशन प्राइस तय कर दिया है। मतलब बॉन्ड धारक 6,132 रुपये प्रति यूनिट के भाव पर पहले गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी के बाद बेच पाएंगे।

नियमों के मुताबिक इस पहले गोल्ड बॉन्ड के लिए रिडेम्पशन प्राइस बॉन्ड की मैच्योरिटी की तारीख से ठीक पहले के सप्ताह (सोमवार-शुक्रवार) के दौरान गोल्ड (999) के लिए आईबीजेए (IBJA) से प्राप्त क्लोजिंग प्राइस का एवरेज है। यह सीरीज 30 नवंबर यानी गुरुवार को मैच्योर हो रही है इसलिए रिडेम्पशन प्राइस इससे ठीक पहले के सप्ताह यानी 20 नवंबर से लेकर 24 नवंबर (सोमवार-शुक्रवार) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज तय की गई है।

ऐसे बॉन्ड धारकों के लिए रिटर्न की गणना करते हैं जिन्होंने इस बॉन्ड को ऑफलाइन खरीदा होगा:

SGB (2015-16 Series I)/पहला गोल्ड बॉन्ड 

इश्यू प्राइस (1 यूनिट): 2,684 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस: 6,132 रुपये

इंटरेस्ट: 590.48 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस + इंटरेस्ट : 6,722.48 रुपये

ग्रॉस (कुल ) रिटर्न: 150.46 फीसदी

एनुअल रिटर्न (CAGR) : 12.16%

अब ऐसे बॉन्ड धारकों के लिए रिटर्न की गणना करते हैं जिन्होंने इस बॉन्ड को ऑनलाइन खरीदा होगा :

SGB (2015-16 Series I)/पहला गोल्ड बॉन्ड 

इश्यू प्राइस (1 यूनिट): 2,684 रुपये

50 रुपये डिस्काउंट के बाद: 2,684 -50 =2,634 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस: 6,132 रुपये

इंटरेस्ट: 590.48 रुपये

रिडेम्प्शन प्राइस + इंटरेस्ट : 6,722.48 रुपये

ग्रॉस (कुल) रिटर्न: 157.12 फीसदी

एनुअल रिटर्न (CAGR) : 12.43%

इस तरह से देखें तो वैसे बॉन्ड धारक जिन्होंने ये गोल्ड बॉन्ड ऑफलाइन खरीदे होंगे उन्हें मैच्योरिटी के बाद 150.46 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न और 12.16 फीसदी एनुअल रिटर्न मिलेगा। जबकि ऑनलाइन खरीदने वालों को 157.12 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न और 12.43 फीसदी एनुअल रिटर्न मिलेगा।

मैच्योरिटी की राशि में इंटरेस्ट भी शामिल

इस बॉन्ड पर अंतिम छमाही के लिए देय इंटरेस्ट मैच्योरिटी की राशि के साथ मिलता है। इसलिए मैच्योरिटी की राशि में अंतिम छह महीने का इंटरेस्ट भी जोड़ दिया जाएगा। मतलब पहले गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी के बाद रिडीम करने पर आपके अकाउंट में प्रति यूनिट 6,132 रुपये के बजाय 6,168.91 रुपये ट्रांसफर होंगे।

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कब कर सकते हैं रिडेम्प्शन

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को आप उसकी मैच्योरिटी पीरियड के बाद रिडीम कर सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है जिसकी गणना बॉन्ड के इश्यू होने के दिन से शुरू होती है। देश का पहला सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2,684 रुपये के इश्यू प्राइस पर 30 नवंबर 2015 को जारी हुआ था। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इस सीरीज के लिए 9,13,571 यूनिट/ग्राम (यानी 0.91 टन सोने की वैल्यू के बराबर) की बिक्री हुई थी। जबकि इसकी लिस्टिंग 13 जून 2016 को हुई थी।

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इंटरेस्ट का भुगतान कैसे

निवेशकों को इस सीरीज के लिए प्रति वर्ष 2.75 फीसदी यानी 36.91 रुपये प्रति छह महीने जबकि मैच्योरिटी की अवधि के दौरान 553.57 रुपये इंटरेस्ट/कूपन मिल चुका है। इसमें अंतिम छह महीने के लिए देय इंटरेस्ट शामिल नहीं है। अंतिम छह महीने के लिए देय 36.91 रुपये बतौर इंटरेस्ट बॉन्ड धारकों को फाइनल रिडेम्प्शन के समय मैच्योरिटी की राशि के साथ मिलेगा। सितंबर 2016 के बाद जारी होने वाले सीरीज के लिए इंटरेस्ट को सालाना 2.75 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया गया है।

टैक्स के नियम

नियमों के अनुसार अगर आप सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड को उसकी मैच्योरिटी यानी 8 साल तक होल्ड करते हैं तो रिडेम्प्शन के समय आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। वहीं मैच्योरिटी पीरियड के दौरान बॉन्ड धारकों को प्रति छह महीने देय इंटरेस्ट पर टीडीएस (TDS) तो नहीं लगेगा लेकिन यह उनके इनकम में जरूर जुड़ जाएगा जिस पर उन्हें टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा।

यदि किसी ने सेकेंडरी मार्केट में खरीदा है…

यदि सेकेंडरी मार्केट यानी स्टॉक एक्सचेंज पर एसजीबी की इस सीरीज (NSE पर symbol- SGBNOV23 और BSE पर symbol- SGB20151) को डीमैट फॉर्म में खरीदा है और मैच्योरिटी के बाद रिडीम करते हैं तो कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि कई लोगों को यह गलतफहमी है कि सेकेंडरी मार्केट में खरीदने के बाद यदि वे इसे मैच्योरिटी के बाद रिडीम करते हैं तो उन्हें कैपिटल गेन पर होल्डिंग पीरियड के आधार पर टैक्स देना होगा।

First Published : November 29, 2023 | 12:30 PM IST