देश के 17वें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) को मैच्योरिटी से पहले बेचने का एक और मौका बॉन्ड धारकों (2017-18 Series X) को 4 दिसंबर 2024 को मिलेगा। बॉन्ड धारकों को 4 दफे इस बॉन्ड को फाइनल रिडेम्प्शन से पहले भुनाने का मौका मिल चुका है। यह बॉन्ड 4 दिसंबर 2025 को मैच्योर होगा। इससे पहले बॉन्ड धारकों को यह बॉन्ड 3 दिसंबर 2022, 3 जून 2023, 4 दिसंबर 2023 और 4 जून 2024 को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने का मौका मिला था। इन चार मौकों पर बॉन्ड धारकों ने इस बॉन्ड के कुल 4,503 यूनिट (1 यूनिट = 1 ग्राम) बेचे थे ।
प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख/ प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन वॉल्यूम/ प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस
3 दिसंबर 2022 544 यूनिट 5,320 रुपये प्रति यूनिट
3 जून 2023 2,688 यूनिट 6,029 रुपये प्रति यूनिट
4 दिसंबर 2023 781 यूनिट 6,265 रुपये प्रति यूनिट
4 जून 2024 490 यूनिट 7,208 रुपये प्रति यूनिट
Source: RBI
क्या हो सकता है प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (IN0020170125) के लिए इश्यू और रिडेम्प्शन प्राइस आईबीजेए (IBJA) से गोल्ड के लिए मिले रेट के आधार पर तय होते हैं। नियमों के अनुसार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन से ठीक पहले के 3 कारोबारी दिन के लिए आईबीजेए से प्राप्त 24 कैरेट गोल्ड (999) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है। 30 नवंबर और 1 दिसंबर को क्रमश: शनिवार और रविवार होने की वजह से इस सीरीज का इश्यू प्राइस आईबीजेए से प्राप्त 29 नवंबर, 2 दिसंबर और 3 दिसंबर के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर तय होगा। इस बॉन्ड के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस का ऐलान आरबीआई (RBI) आज 3 दिसंबर के क्लोजिंग प्राइस के आने के बाद यानी देर शाम करेगा। इसलिए आज के शुरुआती भाव के आधार पर संभावित प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस की गणना करते हैं। 29 नवंबर (क्लोजिंग), 2 दिसंबर (क्लोजिंग), और 3 दिसंबर (शुरुआती प्राइस) का एवरेज 7,650 रुपये है। इसलिए इस 17वें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 7,650 रुपये प्रति यूनिट के आस-पास हो सकता है।
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अब जानते हैं कि आखिर वैसे बॉन्ड धारक जो इस बॉन्ड (2017-18 Series X) को मैच्योरिटी से पहले 4 दिसंबर को भुनाएंगे उन्हें कितनी कमाई हो सकती है।
ग्रॉस /कुल कमाई
यह सॉवरेन गोल्ड (2017-18 Series X) 2,961 रुपये के इश्यू प्राइस पर 4 दिसंबर 2017 को जारी हुआ था। जबकि आज के शुरुआती भाव के आधार पर संभावित प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 7,650 रुपये प्रति यूनिट है। इस हिसाब से इस सीरीज को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने पर बॉन्ड धारकों को 158.36 फीसदी का कैपिटल गेन हो सकता है ।
टैक्स चुकाने के बाद कमाई
प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन के मामले में बॉन्ड धारक बॉन्ड इश्यू होने के 12 महीने बाद बेच रहे हैं इसलिए उन्हें कैपिटल गेन पर 12.5 फीसदी लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना पड़ेगा।
अब इस बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने के मामले में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स, ग्रॉस रिटर्न और एनुअल रिटर्न की गणना करते हैं:
परचेज प्राइस/ इश्यू प्राइस (2016-17 Series IV) : 2,961 रुपये
प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस (संभावित) : 7,650 रुपये
टैक्सेबल कैपिटल गेन: 6,438-2,943 = 4,689 रुपये
लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स (12.5%): 586 रुपये
टैक्स चुकाने के बाद कमाई: 7,650-586 = 7,064 रुपये
रिडेम्प्शन प्राइस (LTCG टैक्स घटाने के बाद): 7,064 रुपये
ग्रॉस रिटर्न (%) : 138.57%
एनुअल रिटर्न (CAGR): 13.23%
ऑनलाइन बॉन्ड धारक – एनुअल रिटर्न (CAGR): 13.50%
इंटरेस्ट जोड़कर कमाई
निवेशकों को इस सीरीज (2017-18 Series X) के लिए प्रति वर्ष 2.5 फीसदी यानी 37.02 रुपये प्रति छह महीने जबकि 7 साल की होल्डिंग पीरियड के दौरान 518 रुपये इंटरेस्ट/कूपन मिला। इस तरह से देखें तो इंटरेस्ट को जोड़ने के बाद इस बॉन्ड से 14.38% फीसदी का एनुअल रिटर्न (CAGR) मिल सकता है। यदि इस बॉन्ड को आपने ऑनलाइन खरीदा होगा तो आपको इश्यू प्राइस पर 50 रुपये प्रति यूनिट का डिस्काउंट भी मिला होगा। ऐसे बॉन्ड धारक तो और ज्यादा फायदे में रह सकते हैं। ऐसे बॉन्ड धारकों को 14.65 फीसदी का एनुअल रिटर्न मिल सकता है। सितंबर 2016 के बाद जारी होने वाले सीरीज के लिए इंटरेस्ट को सालाना 2.75 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया गया है।
SGB की इस सीरीज पर इंटरेस्ट जोड़कर सालाना कमाई (CAGR) की गणना:
परचेज प्राइस/ इश्यू प्राइस (2016-17 Series IV) : 2,961 रुपये
प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस (संभावित) : 7,650 रुपये
टैक्सेबल कैपिटल गेन: 6,438-2,943 = 4,689 रुपये
लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स (12.5%): 586 रुपये
टैक्स चुकाने के बाद कमाई: 7,650-586 = 7,064 रुपये
रिडेम्प्शन प्राइस (LTCG टैक्स घटाने के बाद): 7,064 रुपये
इंटरेस्ट: 518 रुपये
ग्रॉस रिटर्न (%) : 156.06%
एनुअल रिटर्न (CAGR): 14.38%
ऑनलाइन बॉन्ड धारक – एनुअल रिटर्न (CAGR): 14.65%
अब जानते हैं कि प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन को लेकर नियम क्या हैं?
कब कर सकते हैं प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने का विकल्प भी निवेशकों के पास होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को आप उसके इश्यू होने के 5 साल बाद मैच्योरिटी से पहले रिडीम कर सकते हैं। आरबीआई प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख उस दिन तय करती है जिस दिन इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट देय होता है। इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट प्रत्येक छह महीने यानी साल में दो दफे मिलता है।
प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस तय होती है कैसे
मैच्योरिटी से पहले रिडेम्प्शन प्राइस प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख से ठीक पहले के 3 कारोबारी दिन के लिए आईबीजेए (IBJA) की तरफ से प्राप्त 24 कैरेट गोल्ड (999) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है।
कितने ग्राम गोल्ड बॉन्ड का हो चुका है प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन
हालिया प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन से पहले भी बॉन्ड धारक इस 17वें बॉन्ड (2017-18 Series X) के 4,503 यूनिट बेच चुके हैं। आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि 27 नवंबर 2024 तक इस बॉन्ड 4,503 यूनिट यानी 4,503 ग्राम सोने की वैल्यू के बराबर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन हो चुका है । इससे पहले इस बॉन्ड के लिए कुल 10,73,80 यूनिट की खरीद की गई थी। इस तरह से इस बॉन्ड के 10,28,77 यूनिट अभी भी बचे हैं।
टैक्स को लेकर क्या हैं नियम
अगर आपने मैच्योरिटी पीरियड से पहले रिडीम किया तो टैक्स लिस्टेड फाइनेंशियल एसेट्स की तरह लगेगा। मतलब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के बाद 12 महीने से पहले बेच देते हैं तो होने वाली कमाई यानी कैपिटल गेन को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा। जो आपके ग्रॉस टोटल इनकम में जोड़ दिया जाएगा और आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। लेकिन अगर आप 12 महीने बाद बेचते हैं तो 12.5 फीसदी लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना होगा। लेकिन यदि आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को उसकी मैच्योरिटी यानी 8 साल तक होल्ड करते हैं तो रिडेम्प्शन के समय आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा ।