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क्या आप एक से अधिक PPF अकाउंट खोल सकते हैं? जान लीजिए नियम, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान

पब्लिक प्रोविडेंट फंड एक शानदार बचत और निवेश योजना है, जो सुरक्षा, स्थिर रिटर्न और टैक्स में छूट दिलवाती है। लेकिन इसके नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।

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ऋषभ राज   
Last Updated- April 19, 2025 | 1:38 PM IST

PPF Account Rule: पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भारत में लंबी अवधि की बचत और निवेश के लिए सबसे लोकप्रिय योजनाओं में से एक है। यह न केवल सुरक्षित रिटर्न देता है, बल्कि आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत कर छूट भी देता है। लेकिन क्या आप एक से अधिक PPF खाता खोल सकते हैं? इस सवाल का जवाब कई लोगों के लिए भ्रम का कारण बनता है। यहां हम PPF खातों से जुड़े नियमों को आसान भाषा जानने की कोशिश करेंगे और जानेंगे कि क्या एक व्यक्ति कई PPF खाते खोल सकता है और इसके क्या परिणाम हो सकते हैं।

PPF खाता खोलने के मूल नियम

पब्लिक प्रोविडेंट फंड योजना, 1968 में शुरू की गई थी और इसे 2019 में संशोधित किया गया। इस योजना के तहत कोई भी भारतीय नागरिक, जो भारत में रहता हो, PPF खाता खोल सकता है। यह खाता किसी व्यक्ति के नाम पर या नाबालिग की ओर से माता-पिता या अभिभावक द्वारा खोला जा सकता है। हालांकि, नियम स्पष्ट कहते हैं कि एक व्यक्ति अपने नाम पर केवल एक ही PPF खाता रख सकता है। इसका मतलब है कि अगर आपने पहले से एक PPF खाता खोल रखा है, तो आप अपने नाम पर दूसरा खाता नहीं खोल सकते।

यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि लोग योजना का दुरुपयोग न करें और टैक्स में छूट का अनुचित लाभ न उठाएं। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में अतिरिक्त खाता खोलने की अनुमति है।

उदाहरण के लिए, अगर आप अपने नाबालिग बच्चे के लिए अभिभावक के रूप में PPF खाता खोलते हैं, तो यह आपके अपने खाते से अलग माना जाएगा। लेकिन यहां भी एक शर्त है कि माता और पिता दोनों एक ही नाबालिग बच्चे के लिए अलग-अलग खाता नहीं खोल सकते। यानी, किसी एक नाबालिग के नाम पर केवल एक ही खाता हो सकता है, जिसे माता या पिता में से कोई एक संचालित कर सकता है।

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कई खाता खोलने से क्या होगा नुकसान?

कई बार लोग अनजाने में या जानबूझकर एक से अधिक PPF खाता खोल लेते हैं, जैसे कि अलग-अलग बैंकों या डाकघरों में। लेकिन 2019 के संशोधित नियमों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति एक से ज्यादा खाता खोलता है, तो इसका गंभीर परिणाम हो सकता है। अगर दूसरा खाता 12 दिसंबर 2019 के बाद खोला गया है, तो उसे बिना किसी ब्याज के बंद कर दिया जाएगा। यानी, उस खाते में जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा और उसे वापस कर दिया जाएगा।

 इसके अलावा, ऐसे खातों को मर्ज करने का कोई विकल्प भी नहीं है। हालांकि, अगर दोनों खाते 12 दिसंबर 2019 से पहले खोले गए थे, तो उन्हें मर्ज करने की सुविधा दी जा सकती है, बशर्ते कुल जमा राशि प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये की सीमा के अंदर हो। इस स्थिति में, व्यक्ति को एक प्राथमिक खाता चुनना होगा, और दूसरे खाते की राशि उसमें मिला दी जाएगी। अगर कुल जमा राशि इस सीमा से अधिक है, तो अतिरिक्त राशि बिना ब्याज के वापस कर दी जाएगी। इसके अलावा, तीसरे या उससे अधिक खातों पर खोलने की तारीख से ही कोई ब्याज नहीं मिलेगा। यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि कोई भी व्यक्ति योजना के तहत अनुचित लाभ न ले सके।

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विशेष परिस्थितियों में मिलता है कुछ छूट

कुछ विशेष परिस्थितियों में PPF खातों के नियमों में थोड़ी छूट दी जाती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति नाबालिग के लिए खाता खोलता है, तो वह अपने व्यक्तिगत खाते के अलावा यह अतिरिक्त खाता रख सकता है। लेकिन यहां भी कुल जमा राशि की सीमा 1.5 लाख रुपये प्रति वर्ष है, जिसमें सभी खातों (व्यक्तिगत और नाबालिग के) की राशि शामिल होती है।

गैर-निवासी भारतीयों (NRI) के लिए नियम और सख्त हैं। NRI नया PPF खाता नहीं खोल सकते। हालांकि, अगर कोई व्यक्ति भारत में निवासी रहते हुए खाता खोलता है और बाद में NRI बन जाता है, तो वह अपने मौजूदा खाते को 15 साल तक चला सकता है। लेकिन इस खाते को पांच साल के ब्लॉक में आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं है, जो कि निवासी भारतीयों के लिए उपलब्ध है। साथ ही, 1 अक्टूबर 2024 से लागू नए नियमों के अनुसार, ऐसे NRI खातों पर पोस्ट ऑफिस बचत खाता (POSA) की दर से ब्याज मिलेगा, जो कि सामान्य PPF ब्याज दर (वर्तमान में 7.1%) से काफी कम है।

इसके अलावा, अगर किसी व्यक्ति के पास अनजाने में कई खाते हैं, तो उसे तुरंत बैंक या डाकघर से संपर्क करके स्थिति को स्पष्ट करना चाहिए। ऐसा न करने पर खाता बंद होने या ब्याज न मिलने का जोखिम रहता है।

First Published : April 19, 2025 | 1:38 PM IST