उद्योग

कलंबोली दौरे में क्या दिखा? पाइप कारोबार पर नुवामा की रिपोर्ट, जानें किस कंपनी को हो रहा ज्यादा फायदा

कलंबोली बाजार के दौरे में नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने पाया कि APL Apollo की ब्रांड ताकत, तेज डिलीवरी और दोहरी रणनीति से कंपनी को पाइप कारोबार में बढ़त मिल रही है

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देवव्रत वाजपेयी   
Last Updated- December 17, 2025 | 10:31 AM IST

महाराष्ट्र के कलंबोली इलाके में, जहां लोहे के बड़े पाइप बेचने वाले कारोबारी ज्यादा हैं, वहां नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की टीम हाल ही में गई थी। इस दौरे में पता चला कि APL Apollo कंपनी की बाजार में पकड़ अभी भी मजबूत है और कंपनी अपनी बिक्री बढ़ाने की कोशिश कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार, APL Apollo अपने नाम और भरोसे की वजह से दूसरी छोटी कंपनियों के मुकाबले थोड़ा महंगा बेच पा रही है। बड़े ब्रांड्स से भी इसके दाम कुछ ज्यादा हैं। फिर भी लोग इसका सामान खरीद रहे हैं और मांग में कोई कमी नहीं आई है। खासकर स्ट्रक्चरल पाइप में ग्राहक APL Apollo को ज्यादा पसंद कर रहे हैं, क्योंकि कंपनी सामान जल्दी पहुंचा देती है।

SG Premium ब्रांड की बढ़ती पकड़

रिपोर्ट में कहा गया है कि APL Apollo पिछले 5–6 महीनों से SG Premium नाम का ब्रांड जोर-शोर से बेच रही है। यह ब्रांड APL के मुकाबले 4–6 रुपये प्रति किलो सस्ता है। इसलिए दुकानदारों और डिस्ट्रीब्यूटर्स को इसमें ज्यादा मुनाफा मिल रहा है। इसी वजह से कुछ दुकानों की कुल बिक्री में SG Premium की हिस्सेदारी अब 15–20 प्रतिशत तक हो गई है। हालांकि इस प्रोडक्ट को बेचने में कंपनी को प्रति टन 500–600 रुपये का नुकसान हो रहा है, लेकिन दुकानदारों के लिए यह सौदा फायदेमंद साबित हो रहा है।

राउंड पाइप्स में आक्रामक रणनीति

नुवामा की रिपोर्ट के मुताबिक, APL Apollo ने राउंड पाइप के कारोबार में भी कड़ी प्रतिस्पर्धा शुरू कर दी है। कंपनी अपने राउंड पाइप 50,000 रुपये प्रति टन में बेच रही है, जबकि बड़े ब्रांड्स के ऐसे पाइप करीब 53,000 रुपये प्रति टन में बिक रहे हैं। कम दाम रखकर APL Apollo ज्यादा ग्राहक जोड़ना और अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाना चाहती है।

मांग में सुधार, बैन का असर नहीं

रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर में मांग थोड़ी कमजोर रही थी, लेकिन नवंबर में इसमें सुधार देखा गया है। डिस्ट्रीब्यूटर्स का मानना है कि दिसंबर में अब तक की सबसे ज्यादा बिक्री हो सकती है। हाल ही में लगे निर्माण कार्य पर प्रतिबंध का भी मांग पर कोई खास असर नहीं दिख रहा है और बिक्री मजबूत बनी हुई है।

मुनाफे पर दबाव की आशंका

नुवामा का कहना है कि APL Apollo तीसरी तिमाही (Q3FY26) में करीब 9 लाख टन माल बेच सकती है। लेकिन दूसरी तिमाही (Q2FY26) जैसा मुनाफा दोहराना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसकी वजह यह है कि कच्चे माल (HRC) के दाम करीब 5 प्रतिशत घटे हैं और SG Premium ब्रांड की बिक्री बढ़ रही है। हालांकि रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि कंपनी ने इस तिमाही में सस्ता HRC बाहर से मंगाया है और अभी तक APL ब्रांड के दाम कम नहीं किए गए हैं।

दोहरी रणनीति पर काम कर रही APL

कुल मिलाकर नुवामा की रिपोर्ट कहती है कि APL Apollo दो तरीकों से काम कर रही है। एक तरफ वह SG Premium के जरिए मिड-टियर की कंपनियों से मुकाबला कर रही है। दूसरी तरफ राउंड पाइप में दाम कम रखकर बड़ी कंपनियों को टक्कर दे रही है। बाजार में मांग अच्छी बनी हुई है। दुकानदार 15–20 दिन का माल अपने पास रखे हुए हैं और कंपनी की तेज डिलीवरी की वजह से बिक्री को अच्छा सहारा मिल रहा है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई राय ब्रोकरेज की है। बिज़नेस स्टैंडर्ड इन विचारों से सहमत होना जरूरी नहीं समझता और निवेश से पहले पाठकों को अपनी समझ से फैसला करने की सलाह देता है।

First Published : December 17, 2025 | 10:06 AM IST