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शिकायतों पर किया मनरेगा में संशोधन: ग्रामीण विकास मंत्री

ग्रामीण विकास मंत्री बोले- कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते लिया गया फैसला

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संजीब मुखर्जी   
Last Updated- December 17, 2025 | 8:49 AM IST

केंद्र सरकार ने मनरेगा का नाम बदलकर ‘विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार ऐंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) या वीबी- जी राम जी’ करने का फैसला कोई जल्दबाजी में नहीं लिया है। पिछले डेढ़ साल से इस पर काम चल रहा था। ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को कहा कि मनरेगा को बेहतर बनाने के तमाम प्रयासों के बावजूद इसमें कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार की अनेक शिकायतें लगातार आ रही थीं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के मनरेगा पर मोटी धनराशि खर्च करने के बावजूद यह 2047 तक विकसित भारत के विचार के अनुरूप गांवों में विकास को गति नहीं दे पा रही थी। वित्त वर्ष 2025 में इस योजना के लिए लगभग 86,000 करोड़ रुपये दिए गए थे। इस कारण सरकार ने इसमें कुछ बदलाव करने का निर्णय लिया।

संसद में विधेयक पेश करने से पहले मंगलवार को संवाददाताओं से बात करते हुए चौहान ने कहा कि राज्यों को पुराने मनरेगा से नए में बदलाव के लिए छह महीने का समय दिया जाएगा। केंद्र का इरादा अगले साल 1 अप्रैल से पूरे भारत में नई योजना को लागू करने का है। विपक्षी सदस्यों ने प्रस्तावित कानून का कड़ा विरोध किया और विधेयक को विस्तृत जांच के लिए संसदीय समिति को भेजने पर जोर दिया।

First Published : December 17, 2025 | 8:49 AM IST