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Power of ₹10,000 SIP: बाजार के पीक पर जिसने शुरू किया, वही बना ज्यादा अमीर!

Power of SIP: लगातार और समय पर SIP निवेश ही लंबी अवधि में संपत्ति बढ़ाने और वित्तीय लक्ष्य जल्दी पाने की कुंजी है।

Last Updated- September 14, 2025 | 11:48 AM IST
SIP
Representative Image

पिछले एक दशक में सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) ने भारतीय निवेशकों की सोच और आदतों को बदल दिया है। कभी कम समझा जाने वाला यह म्युचुअल फंड का फीचर अब घर-घर की फाइनेंशियल स्ट्रैटेजी बन चुका है।

एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़े बताते हैं कि बीते 10 सालों में SIP में हर महीने होने वाले निवेश में जबरदस्त उछाल आया है। आज यह खुदरा निवेशकों के लिए सबसे भरोसेमंद वेल्थ-बिल्डिंग टूल बन गया है।

लेकिन इसकी लोकप्रियता के साथ कई सवाल भी बढ़े हैं—क्या SIP अभी शुरू करनी चाहिए या मार्केट के गिरने का इंतजार करना चाहिए? सही टाइम हॉरिजन क्या है? अगर मार्केट की ऊंचाई पर निवेश किया तो क्या नुकसान होगा? क्या SIP लगातार रिटर्न दे सकती है?

इन्हीं सवालों के जवाब के लिए WhiteOak Capital Mutual Fund ने लगभग 30 साल के मार्केट डेटा (BSE SENSEX TRI) का अध्ययन किया। स्टडी के नतीजे SIP को लेकर अहम बातें बताते हैं।

SIP क्यों काम करती है?

  • Rupee Cost Averaging: जब मार्केट नीचे होता है तो ज्यादा यूनिट्स मिलते हैं और जब ऊंचा होता है तो कम, जिससे एवरेज कॉस्ट कम हो जाती है।

  • Power of Compounding: छोटी-छोटी रकम भी लंबे समय में बड़ा फंड बना देती है।

  • Discipline: SIP निवेश को आदत बना देती है, न कि मार्केट मूड पर आधारित फैसला।

स्टडी से क्या पता चला?

WhiteOak की स्टडी कहती है कि SIP का असली फायदा लंबे समय में मिलता है। जितना ज्यादा समय आप निवेशित रहते हैं, उतनी ज्यादा संभावना है कि आपको पॉजिटिव और स्टेबल रिटर्न मिलेगा।

यानि, अगर आप 5 साल की बजाय 10, 15 या 20 साल तक SIP में बने रहते हैं, तो मार्केट के उतार-चढ़ाव का असर कम हो जाता है और बेहतर रिजल्ट मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

SIP में लंबे समय तक निवेश करें, समय से पहले शुरुआत करना फायदेमंद

बीएसई सेंसेक्स TRI के डेटा (अगस्त 1996 से अगस्त 2025) के आधार पर निवेशकों के लिए कुछ अहम जानकारियां सामने आई हैं।

मुख्य बातें:

  • छोटे समयावधि (3–5 साल) में रिटर्न्स में तेज उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, कभी-कभी नुकसान भी हो सकता है।

  • 8 साल और उससे अधिक निवेश में नुकसान का जोखिम लगभग समाप्त हो जाता है।

  • 10 साल या उससे लंबे समय के लिए SIP करने पर ऐतिहासिक रूप से डबल-डिजिट रिटर्न्स मिले हैं, 95–100% मामलों में।

निवेशक के लिए सीख: SIP को लंबी अवधि का निवेश समझें—कम से कम 8–10 साल—ताकि मार्केट की उतार-चढ़ाव से फायदा उठाया जा सके और कम्पाउंडिंग का लाभ मिल सके।

SIP कब शुरू करें – मार्केट टॉप पर या बॉटम पर?

अधिकांश निवेशक यही सोचते हैं—“अगर मैं मार्केट के पीक पर SIP शुरू कर दूं और उसके बाद गिरावट आ जाए तो?” या “सही समय का इंतजार करूं?”

स्टडी में दो स्थितियों की तुलना की गई:

  1. मार्केट पीक पर SIP शुरू करना।

  2. मार्केट बॉटम पर SIP शुरू करना।

नतीजे:

  • मार्केट बॉटम पर शुरू करने से रिटर्न्स थोड़े अधिक होते हैं, लेकिन लंबे समय में यह फर्क बहुत कम हो जाता है।

  • वास्तविक धन संचय उन निवेशकों के लिए अधिक होता है जिन्होंने मार्केट टॉप पर जल्दी निवेश शुरू किया, क्योंकि उनका निवेश समय से पहले चलता रहा।

  • सही समय का इंतजार करना महंगा पड़ता है—क्योंकि वर्षों के कम्पाउंडिंग का फायदा खो जाता है।

उदाहरण:

  • जनवरी 2008 (मार्केट टॉप) में ₹10,000 प्रति माह SIP शुरू करने वाले निवेशक ने अगस्त 2025 तक ₹21.2 लाख निवेश किए, जो अब ₹75.23 लाख हो गए हैं (XIRR 12.96%)।

  • मार्च 2009 (मार्केट बॉटम) में शुरू करने वाले ने ₹19.8 लाख निवेश किए, जो अब ₹64.44 लाख हैं (XIRR 13.05%)।

सीख: रिटर्न का फर्क बहुत छोटा है, लेकिन जल्दी शुरू करने वाला निवेशक ₹10.79 लाख अधिक संपत्ति बना चुका है।

SIP छोड़ना बाजार गिरावट से ज्यादा खतरनाक

एक रिपोर्ट कहती है कि निवेशकों के लिए सबसे बड़ा जोखिम बाजार गिरना नहीं बल्कि SIP छोड़ना या निवेश में देरी करना है।

सोचें:

  • बाजार ऊपर-नीचे हो सकते हैं, लेकिन लंबी अवधि में हमेशा ऊपर की दिशा में बढ़ते हैं।

  • जो निवेशक SIP रोकते हैं या देरी करते हैं, वे महत्वपूर्ण समय खो देते हैं, जो वापस नहीं आता।

  • अगर आप डर के कारण मंदी में निवेश छोड़ देते हैं, तो आप सस्ते दामों पर यूनिट्स खरीदने का मौका भी खो देते हैं।

28 साल के डेटा से पता चला है:

BSE Sensex में नियमित SIP करने वाले निवेशकों ने, चाहे बाजार में कितनी भी उतार-चढ़ाव रही हो, लंबी अवधि में अच्छा मुनाफा कमाया।

उदाहरण:

  • अगर किसी निवेशक ने जनवरी 2008 में ₹10,000 प्रति माह SIP शुरू की (बाजार चोटी पर):

    • कुल निवेश: ₹21.20 लाख

    • अगस्त 2025 तक वर्तमान मूल्य: ₹75.23 लाख

    • XIRR (वार्षिक औसत रिटर्न): 12.96%

  • अगर किसी निवेशक ने मार्च 2009 में ₹10,000 प्रति माह SIP शुरू की (बाजार निचले स्तर पर):

    • कुल निवेश: ₹19.80 लाख

    • अगस्त 2025 तक वर्तमान मूल्य: ₹64.44 लाख

    • XIRR: 13.05%

सीख:

बाजार की चोटी या निचले स्तर पर SIP शुरू करने से फर्क केवल थोड़ा XIRR में पड़ा। असली फर्क लगातार निवेश में रहा। दोनों निवेशकों ने लंबे समय में अपनी संपत्ति काफी बढ़ाई।

निवेशकों के सामान्य सवालों के जवाब:

  • क्या SIP का टाइमिंग करें?
    हर महीने सबसे अच्छा दिन चुनना मुश्किल है। लगातार निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है।

  • कौन सा SIP बेहतर है – Large Cap, Mid Cap या Small Cap?

    • Large Cap: स्थिरता

    • Mid Cap: लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न

    • Small Cap: उतार-चढ़ाव ज्यादा, लेकिन अच्छे सालों में फायदा

  • SIP की तारीख क्या हो?
    कोई खास तारीख जरूरी नहीं। वह दिन सबसे अच्छा है जब आपके पास पैसा उपलब्ध हो, जैसे सैलरी मिलने का दिन।

  • SIP की फ्रीक्वेंसी?
    Daily, Weekly या Monthly SIP लंबे समय में लगभग समान रिटर्न देती है। शुरू जल्दी करना और लगातार निवेश करना जरूरी है।

  • क्या मंदी में SIP रोक दें?
    बिल्कुल नहीं। इतिहास दिखाता है कि मंदी में SIP शुरू करने वाले निवेशकों को लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न मिला।

  • आय बढ़े तो क्या करें?
    SIP Top-up से धीरे-धीरे निवेश बढ़ा सकते हैं। इससे आप जल्दी लक्ष्यों तक पहुंच सकते हैं और जल्दी रिटायर भी हो सकते हैं।

SIP Top-up के फायदे:

  • लक्ष्य जल्दी प्राप्त करना

  • छोटा निवेश शुरू कर धीरे-धीरे बढ़ाना

  • जल्दी वित्तीय स्वतंत्रता की योजना

  • भविष्य की आय को सीधे निवेश में लगाना

First Published - September 14, 2025 | 10:36 AM IST

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