सोमवार को शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट आई। यह गिरावट दुनिया भर के बाजारों में हुई बिकवाली की वजह से हुई। अमेरिका में संभावित मंदी की चिंता और पश्चिमी एशिया में बढ़ते तनाव ने इस गिरावट को बढ़ावा दिया।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था की कमजोर स्थिति और बढ़ते राजनीतिक तनाव के कारण अमेरिका में मंदी आने की चिंता बढ़ गई है। इसके अलावा, येन करंसी से जुड़े व्यापार ने भी बाजार को नीचे लाने में भूमिका निभाई है। सेंसेक्स और निफ्टी 50 दोनों ही इंडेक्स तीन प्रतिशत से ज्यादा गिर गए। यह हाल की बढ़ोतरी के बाद एक बड़ा उलटफेर है।
बाजार गिरा क्यों?
हाल ही में बाजार में जो तेजी देखी गई थी, उसका फायदा उठाकर कुछ निवेशकों ने अपना मुनाफा निकालना शुरू कर दिया था। साथ ही, अमेरिका में बेरोजगारी बढ़ने की खबरों ने निवेशकों को चिंतित कर दिया था कि वहां मंदी आ सकती है। इसके अलावा, मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव के कारण भी वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ गई थी, जिसने बाजारों पर दबाव डाला।
क्या ये गिरावट लंबी चलेगी?
हालांकि बाजार बहुत गिर गया है, लेकिन जानकारों का मानना है कि ये गिरावट ज्यादा दिन नहीं चलेगी। निफ्टी 50 और सेंसेक्स 24,200-24,100 और 78,400 के आसपास रुक सकते हैं। मास्टर कैपिटल सर्विसेज के विष्णु कांत उपाध्याय कहते हैं, “हर गिरावट को लंबे समय के लिए निवेश करने का मौका समझना चाहिए। निफ्टी 50 के लिए 24,200-24,100 और सेंसेक्स के लिए 78,400 के आसपास अच्छा सपोर्ट है।”
क्या करना चाहिए?
विष्णु कांत उपाध्याय कहते हैं, ‘घबराने की जरूरत नहीं है। अपने निवेश की योजना के अनुसार ही रहें। निवेश करना बंद न करें।’
बाजार में गिरावट आश्चर्यजनक नहीं
डीएसपी एसेट मैनेजर्स के निवेश रणनीतिकार और वैश्विक प्रमुख (अंतर्राष्ट्रीय व्यापार) जय कोठारी ने कहा, “अमेरिका में संभावित मंदी और जापान में येन मुद्रा से जुड़े व्यापार में बदलाव की वजह से दुनिया भर के बाजारों में गिरावट आई है। भारत का बाजार भी इससे अछूता नहीं रहा। हालांकि, ये बात पहले से ही पता थी कि भारतीय बाजार की कीमतें औसत से ज्यादा थीं।
इसलिए, ये गिरावट उम्मीद के मुताबिक ही है। ये उतार-चढ़ाव अगले कुछ हफ्तों या महीनों तक रह सकते हैं। इसलिए, निवेशकों को भारत की लंबी अवधि की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित रखना चाहिए। नियमित रूप से SIP के जरिए निवेश करना अच्छा विकल्प है। इससे बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा उठाया जा सकता है।”
लंबे समय के निवेश से ही पैसा बढ़ता है
कोठारी का मानना है कि पिछले 5, 10 या 15 सालों में कई बार बाजार में उतार-चढ़ाव आया है। लेकिन जो लोग इन उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेश करते रहे, उनका पैसा बढ़ा है। इसलिए, अब भी आने वाले उतार-चढ़ाव का सामना करना चाहिए और अगर अर्थव्यवस्था अच्छी लग रही है तो बाजार से दूर नहीं होना चाहिए।
अपना पैसा अलग-अलग जगह लगाएं
अधिकतर निवेशक अपना सारा पैसा एक ही जगह लगा देते हैं या बहुत सारे फंड में।
वैल्यू रिसर्च के मुताबिक, आपके पास ज्यादा से ज्यादा 4-5 फंड होने चाहिए। आपके निवेश का मुख्य हिस्सा एक या दो फ्लेक्सी कैप फंड में होना चाहिए। इसके अलावा, टैक्स बचाने के लिए ELSS फंड में भी निवेश कर सकते हैं।
मिड और स्मॉल कैप फंड्स से अच्छा रिटर्न मिल सकता है
मिड और स्मॉल कैप फंड्स से अच्छा रिटर्न मिल सकता है। लेकिन ये बहुत रिस्की होते हैं, इसलिए इनका हिस्सा आपके पूरे निवेश का 20-25% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। क्लाइंट एसोसिएट्स के चतराधार पारिताला कहते हैं, “बाजार में जो गिरावट आई है और लोगों में डर बढ़ गया है, ऐसे में निवेशकों को सोच-समझकर निवेश करना चाहिए। अपने पैसे को अलग-अलग जगह लगाना जरूरी है ताकि जोखिम कम हो। कुछ पैसे को नकद या नकद जैसी चीजों में रखना भी जरूरी है ताकि जब बाजार ठीक हो जाए, तब आप अच्छा मौका देखकर निवेश कर सकें।”
अभी नया निवेश न करें
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार कहते हैं, “निवेशकों को बाजार के स्थिर होने का इंतजार करना चाहिए, उसके बाद ही नया निवेश करें। जब बाजार ठीक हो जाए, तब अच्छी कीमत वाले बड़े कंपनियों के शेयर और FMCG और फार्मा जैसे शेयर खरीद सकते हैं।”
लंबे समय के लिए निवेश करें
ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के सीईओ संदीप बागला कहते हैं, “भारत की अर्थव्यवस्था दूसरे छोटे देशों की तुलना में ज्यादा मजबूत रह सकती है। इसलिए निवेशक बाजार में गिरावट आने पर निवेश कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रखें कि पिछले कुछ सालों में बाजार बहुत तेजी से बढ़ा है, और ऐसा आगे नहीं भी हो सकता। निवेश तभी करें, जब आपका निवेश का समय लंबा हो।
अगर आप लंबे समय के लिए निवेश कर सकते हैं तो अगले कुछ हफ्तों में बाजार में गिरावट आने पर उन शेयरों में निवेश करें जिनकी कीमतें ज्यादा नहीं बढ़ी हैं। ये एक मध्यम अवधि की गिरावट हो सकती है, जिससे लंबे समय के निवेशकों को अच्छा मौका मिलेगा। छोटे समय में ज्यादा मुनाफे की उम्मीद न करें, मध्यम अवधि में लगातार निवेश करते रहें, ताकि लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिल सके।”
कुछ पैसे नकद रखें
उन्होंने आगे कहा, “बड़े बाजारों में शेयरों की कीमतें बहुत ज्यादा हैं। ये बात इस बात से साफ पता चलती है कि कई म्यूचुअल फंड मैनेजर ज्यादा पैसा नकद रख रहे हैं, यानी वो अभी ज्यादा निवेश नहीं करना चाहते।”
बाजार में बहुत डर है
बाजार में कितना डर है, ये दिखाने वाला इंडिया VIX एक दिन में ही 52% बढ़कर 22 हो गया। निवेशकों को अपने पैसे को अलग-अलग जगह लगाना चाहिए, कुछ पैसे नकद रखना चाहिए और अच्छे शेयरों पर ध्यान देना चाहिए। घबराकर शेयर बेचने से बचें।
क्लाइंट एसोसिएट्स के चतराधार पारिताला कहते हैं, “शेयरों की कीमतें बहुत ज्यादा हैं और बाजार में बहुत डर है, इसलिए अपने पैसे का कुछ हिस्सा नकद या नकद जैसी चीजों में रखें। इससे आप बाजार में अच्छे मौके आने पर निवेश कर सकेंगे।”
कब शेयर बेचें?
वैल्यू रिसर्च की दीपिका सक्सेना कहती हैं, “कोई भी लंबे समय तक सही समय पर शेयर नहीं बेच सकता। आपको तभी शेयर बेचना चाहिए जब आपको पैसे की जरूरत हो या आपका फंड अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा हो। अगर आपका फंड अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो देखिए कि दूसरे फंड भी ऐसे ही कर रहे हैं या सिर्फ आपका फंड। अगर दूसरे फंड भी खराब कर रहे हैं, तो कुछ महीने और इंतजार करें। अगर फिर भी अच्छा नहीं हुआ, तो आप अपना फंड बेच सकते हैं। लेकिन एक्जिट लोड और टैक्स का ध्यान रखें।”