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ITR-1 Form (Sahaj): कौन भर सकता है सहज फॉर्म? कितनी है सैलरीड इनकम की लिमिट; जानिए हर डीटेल

आयकर विभाग का दावा है कि इस बार का सहज फॉर्म (Sahaj) पहले से और अधिक सरल है, जिससे टैक्स फाइलिंग का काम आम लोगों के लिए सहज बनेगा।

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मानसी वार्ष्णेय   
Last Updated- May 06, 2025 | 11:09 AM IST

आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 (आकलन वर्ष 2025-26) के लिए नया ITR-1 (सहज) फॉर्म नोटिफाई कर दिया है। यह रिटर्न फॉर्म खासतौर पर उन टैक्सपेयर्स के लिए है जिनकी इनकम सीमित और साधारण स्रोतों से होती है। विभाग का दावा है कि इस बार का सहज फॉर्म (Sahaj) पहले से और अधिक सरल है, जिससे टैक्स फाइलिंग का काम आम लोगों के लिए सहज बनेगा। हालांकि, यह सभी के लिए नहीं है—इसका उपयोग करने वालों के लिए कुछ खास शर्तें तय की गई हैं।

कौन कर सकता है ITR-1 (सहज) फॉर्म फाइल?

ITR-1 फॉर्म सिर्फ ऐसे व्यक्ति ही भर सकते हैं जो भारत में रेजिडेंट हैं और जिनकी कुल सालाना आमदनी ₹50 लाख से कम है। यह फॉर्म तब ही मान्य होगा जब आपकी आय केवल कुछ निश्चित स्रोतों से हो—जैसे सैलरी या पेंशन, एकल हाउस प्रॉपर्टी (जो खुद इस्तेमाल में हो या किराए पर दी गई हो) से प्राप्त आय, और ब्याज जैसी अन्य स्रोतों से आमदनी। इसके अतिरिक्त, अगर आपकी कृषि आय ₹5,000 तक है, तो भी आप इस फॉर्म का उपयोग कर सकते हैं।

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ITR-1 फॉर्म कौन नहीं भर सकता? जानिए किन टैक्सपेयर्स को करना होगा दूसरे फॉर्म का इस्तेमाल

आयकर विभाग की ओर से ITR फॉर्म भरने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन ध्यान रखें कि ITR-1 फॉर्म सभी टैक्सपेयर्स के लिए नहीं होता। टैक्स विशेषज्ञ बलवंत जैन के अनुसार, कुछ खास स्थितियों में टैक्सपेयर्स को ITR-1 की जगह दूसरा फॉर्म भरना अनिवार्य होता है।

नीचे जानिए किन व्यक्तियों को ITR-1 भरने की अनुमति नहीं है:

 कौन नहीं भर सकता ITR-1:

  • वे व्यक्ति जो किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं।
  • जिन्होंने पिछले वित्तीय वर्ष में अनलिस्टेड इक्विटी शेयरों में निवेश किया है।
  • जिनकी आय बिजनेस या प्रोफेशन से आती है।
  • जिनके पास विदेश में संपत्ति है या विदेशी आय है।
  • जिनकी कुल कर योग्य आय ₹50 लाख से अधिक है।
  • जिनके पास एक से अधिक मकान हैं।
  • जिनकी कृषि आय ₹5,000 से अधिक है।
  • जो लॉटरी या हॉर्स रेस जैसी विशेष स्त्रोतों से आय प्राप्त करते हैं।
  • यदि आप डबल टैक्सेशन पर राहत (Section 90 या 91 के तहत) का दावा करना चाहते हैं, तो भी ITR-1 नहीं भर सकते।
  • जिनके पास पिछले वर्षों का घाटा है या इस वर्ष का घाटा आगे ले जाना चाहते हैं।
  • जिनकी कैपिटल गेन इनकम, खासतौर पर सेक्शन 112A के तहत LTCG ₹1.25 लाख से अधिक है।

इसलिए अगर आप उपरोक्त किसी भी श्रेणी में आते हैं, तो ITR-1 की बजाय आपको ITR-2, ITR-3 या अन्य उपयुक्त फॉर्म का चयन करना चाहिए। गलत फॉर्म भरने से आपका रिटर्न अस्वीकृत हो सकता है या प्रोसेस में देरी हो सकती है।

आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ITR-1 के साथ-साथ ITR-4 (Sugam) फॉर्म में एक अहम बदलाव किया है। अब इस फॉर्म में एक नया कॉलम जोड़ा गया है, जिसका नाम है: ‘ऐसी आय जिस पर कोई टैक्स देय नहीं है: धारा 112A के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन, जो इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आता’।

इस बदलाव का फायदा उन टैक्सपेयर्स को मिलेगा जो ITR-1 या ITR-4 जैसे सरल फॉर्म भरने के पात्र हैं और जिनकी कुछ पूंजीगत आय धारा 112A के तहत टैक्स फ्री है। उदाहरण के तौर पर, सूचीबद्ध शेयरों या इक्विटी-ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड्स की बिक्री से होने वाला मुनाफा, जो एक निश्चित सीमा तक टैक्स फ्री होता है, अब सीधे इन फॉर्म्स में दिखाया जा सकता है।

हालांकि, इस फॉर्म में कैपिटल लॉस को आगे बढ़ाने या सेट-ऑफ करने से जुड़ी जानकारी नहीं दी जा सकती। इसके लिए ज्यादा विस्तृत फॉर्म्स जैसे ITR-2 की जरूरत होगी।

यह बदलाव करदाताओं के लिए टैक्स फाइलिंग को और सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक कदम है।

First Published : May 6, 2025 | 11:09 AM IST