भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर संजय मल्होत्रा (Sanjay Malhotra) ने बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सरकार की नीतियां यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को बढ़ावा देने पर केंद्रित हैं।
UPI के हमेशा फ्री रहने से जुड़े सवाल के जवाब में मल्होत्रा ने कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि UPI हमेशा के लिए फ्री रह सकता है। यह अभी भी पूरी तरह फ्री नहीं है; कोई न कोई इसकी लागत उठा रहा है।”
इस विषय पर आगे बोलते हुए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि कहीं न कहीं इसकी लागत दी जा रही है, लेकिन असली सवाल यह है कि यह खर्च कौन उठा रहा है?
उन्होंने कहा, “कौन पेनेंट कर रहा है, यह जरूरी है लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी यह है कि कोई न कोई इसका खर्च उठा रहा है। टिकाऊ व्यवस्था के लिए—चाहे वह सामूहिक रूप से हो या व्यक्तिगत रूप से—किसी न किसी को लागत चुकानी ही पड़ती है। सरकार इसकी सब्सिडी दे रही है।”
मल्होत्रा ने यह भी स्पष्ट किया कि UPI पेमेंट पर लगने वाला कोई शुल्क जरूरी नहीं कि यूजर्स से ही लिया जाए। उन्होंने कहा, “मैंने कभी नहीं कहा कि यूजर्स को इसका भुगतान करना होगा।”
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि सरकार की नीतियों ने उपभोक्ताओं के बीच यूपीआई के उपयोग को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने यह भी बताया कि बीते कुछ महीनों में यूपीआई ट्रांजैक्शंस में लगातार इजाफा हुआ है।
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जुलाई में यूपीआई ट्रांजैक्शंस 19.47 अरब के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए। मूल्य के लिहाज से यह ₹25.08 लाख करोड़ रहा, जो अब तक का दूसरा सबसे ऊंचा स्तर है। इससे पहले मई में ₹25.14 लाख करोड़ का रिकॉर्ड दर्ज किया गया था।