इजरायल और हमास के बीच जारी सैन्य संघर्ष के बीच मिडिल ईस्ट में बढ़ते जियो -पॉलिटिकल टेंशन की वजह से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार दोनों में सोने (gold) की कीमतों में आज यानी 9 अक्टूबर को 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी देखने को मिल रही है।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने का बेंचमार्क दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट सोमवार को अपने पिछले क्लोजिंग प्राइस 56,871 रुपये के मुकाबले 129 रुपये चढ़कर 57,000 रुपये प्रति 10 ग्राम खुला। 57,561 और 57,000 के रेंज में कारोबार करने के बाद यह 599 रुपये यानी 1.05 फीसदी उछलकर 57, 470 रुपये प्रति 10 ग्राम पर दर्ज किया गया ।
पिछले सप्ताह सोने की कीमतें अपने ऑल टाइम हाई से 5 हजार रुपये यानी 8 फीसदी से ज्यादा गिरकर 57 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के नीचे चली गई थी। कीमतों में सबसे ज्यादा गिरावट गुरुवार यानी 5 अक्टूबर को देखने को मिली जब MCX पर सोने का बेंचमार्क दिसंबर कॉन्ट्रैक्ट 56,522 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर तक चला गया था। वहीं अक्टूबर कॉन्ट्रैक्ट तो इससे भी ज्यादा गिरकर 56,075 रुपये प्रति 10 ग्राम के निचले स्तर को छू लिया था।
इससे पहले इसी वर्ष 6 मई को MCX पर सोने की कीमतें 61,845 रुपये प्रति 10 ग्राम के अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी।
हाजिर (स्पॉट) बाजार में भी फिलहाल सोना 57 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के ऊपर है। Indian Bullion and Jewellers Association (IBJA) के अनुसार सोना 24 कैरेट (999) सोमवार को 876 रुपये की मजबूती के साथ 57,415 रुपये प्रति 10 ग्राम दर्ज किया गया। सोना 24 कैरेट (995) और सोना 22 कैरेट (916) भी क्रमश: 872 और 802 रुपये की बढ़त के साथ 57,185 और 52,592 रुपये प्रति 10 ग्राम पर देखे गए।
ग्लोबल मार्केट में भी रुख मजबूती के हैं। हफ्ते के पहले कारोबारी दिन यानी सोमवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में एक फीसदी से ज्यादा की तेजी है। फिलहाल स्पॉट मार्केट में गोल्ड की कीमत 1,854 डॉलर प्रति औंस के करीब है। स्पॉट गोल्ड के लिए यह एक सप्ताह का सबसे ऊपरी स्तर है। इसी वर्ष 6 मई को स्पॉट गोल्ड 2,072.19 डॉलर प्रति औंस की ऊंचाई तक चला गया था। जबकि 2020 में इसने 2,072.49 का ऑल टाइम हाई बनाया था।
यूएस गोल्ड फ्यूचर्स (US gold futures) भी आज 1 फीसदी से ज्यादा की बढ़त के साथ 1,868 डॉलर प्रति औंस देखा गया। इससे पहले 6 मई को यह 2,085.40 की ऊंचाई तक जा पहुंचा था। जबकि अगस्त 2020 में इसने 2,089.2 का रिकॉर्ड हाई बनाया था।
पिछले हफ्ते इंटरनैशनल गोल्ड 7 महीने के निचले स्तर पर कारोबार कर रहा था। साप्ताहिक आधार पर कीमतों में तकरीबन 1 फीसदी की नरमी देखने को मिली थी। ठीक इससे पहले के सप्ताह में भी कीमतों में तकरीबन 4 फीसदी की गिरावट आई थी।
ऑगमोंट गोल्ड की रिसर्च हेड रेनिशा चैनानी के अनुसार कीमतें पिछले सप्ताह ओवरसोल्ड जोन में चली गई थी। जबकि इजरायल और हमास के बीच सप्ताहांत यानी शनिवार से शुरू हुए संघर्ष के बाद निवेश के सुरक्षित (safe-haven) विकल्प के तौर पर सोने की पूछ -परख बढ गई है। इसलिए शार्ट टर्म में कीमतें MCX पर 58,000 से 58,500 के लेवल तक जा सकती है।
मौजूदा संघर्ष के मद्देनजर यदि मिडिल ईस्ट में तनाव और बढ़ता है तो निवेश के सुरक्षित विकल्प के तौर पर सोने की मांग में और इजाफा हो सकता है और कीमतें ऊपर जा सकती है।
लेकिन साथ ही मिडिल ईस्ट में जियो-पॉलिटिकल टेंशन के बढ़ने की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आ सकती है। जिसकी वजह से महंगाई और बढ़ सकती है। तब इस बात की आशंका मजबूत होगी कि शायद फेडरल रिजर्व अपनी मौद्रिक नीति को और सख्त न करे। साथ ही मौद्रिक नीति में और सख्ती की आशंका से यूएस डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में और तेजी आएगी। जिससे गोल्ड को इस जियो-पॉलिटिकल टेंशन के दौर में जितना फायदा होना चाहिए उतना नहीं होगा। ग्लोबल अनिश्चितता के दौर में निवेश के सुरक्षित एसेट के तौर पर गोल्ड के अलावा यूएस ट्रेजरी, डॉलर … की मांग भी बढ़ सकती है ।
यूएस डॉलर इंडेक्स (US Dollar Index) में तेजी से अन्य करेंसी में सोने की कीमतों में नरमी आ जाती है। वहीं यदि आप गोल्ड होल्ड करते हैं तो अमेरिकी बॉन्ड यील्ड (US bond yield) में बढ़त गोल्ड के अपॉर्चुनिटी कॉस्ट को बढ़ा देती है। क्योंकि सोने पर आपको कोई यील्ड/ इंटरेस्ट नहीं मिलता।
फिलहाल यूएस डॉलर इंडेक्स अपने 10 महीने के उच्चतम स्तर पर है। आज सोमवार को यह 106.43 पर दर्ज किया गया। इसी तरह 10 वर्षीय बॉन्ड यील्ड भी 16 वर्षों के हाई पर है। फिलहाल यह 4.79 के स्तर पर है। पिछले 1 साल में 10 वर्षीय यूएस बॉन्ड यील्ड बढ़कर दोगुना हो गया है।
इंटरनैशनल मार्केट में सोने की कीमतों में शुक्रवार को सात महीने के निचले स्तर से तेजी आई लेकिन मजबूत अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों के मद्देनजर बढ़त सीमित रही। जबकि शुक्रवार से पहले सात सालों के बाद पहली बार लगातार नौ लगातार 9 ट्रेडिंग सेशन के दौरान सोने में नरमी देखने को मिली। मजबूत अमेरिकी आर्थिक आंकड़ों से इस धारणा को बल मिला है कि फेडरल रिजर्व नियर टर्म में अपनी मौद्रिक नीति में सख्ती बनाए रख सकता है। पिछले सप्ताह आए आंकड़े बताते हैं कि सितंबर में अमेरिका में रोजगार में आठ महीनों में सबसे अधिक वृद्धि हुई। इस सप्ताह आने वाले महंगाई के आंकड़ों में यदि नरमी नहीं आती है तो इस वर्ष अमेरिकी ब्याज दर में एक और बढ़ोतरी का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।
यूएस डॉलर इंडेक्स और बॉन्ड यील्ड में तेजी को देखते हुए यूबीएस (UBS) ने पिछले गुरुवार को सोने के अपने अनुमान में कटौती की। स्विट्जरलैंड स्थित इस बैंक ने इस साल के अंत तक सोने के लिए अपने अनुमान को 1,950 डॉलर प्रति औंस से घटाकर 1850 डॉलर प्रति औंस कर दिया है। जून 2024 तक के लिए भी बैंक ने अपने अनुमान में कटौती की है । पहले जहां जून 2024 तक गोल्ड के लिए बैंक ने 2,100 डॉलर प्रति औंस का अनुमान लगाया था उसे घटाकर अब 1,950 डॉलर प्रति औंस कर दिया है।
अन्य जानकार हालांकि मौजूदा भू-राजनीतिक तनाव को लेकर थोड़ा ‘वेट’ करने की बात करते हैं। अजय केडिया के मुताबिक मौजूदा जियो-पॉलिटिकल परिस्थितियों के मद्देनजर सोना के लिए शार्ट-टर्म टार्गेट 1,900 डॉलर प्रति औंस का है। उनकी मानें तो मौजूदा कैलेंडर ईयर (2023) के अंत तक घरेलू बाजार में सोना 60,500 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के लेवल को पार कर सकता है। जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में येलो मेटल के 2,080 डॉलर प्रति औंस तक जाने की संभावना है। जियो-पॉलिटिकल टेंशन, महंगाई और केंद्रीय बैंकों की तरफ से लगातार हो रही खरीद गोल्ड के लिए प्रमुख सपोर्टिव फैक्टर्स हैं।
इस बीच पिछले सप्ताह कीमतों में आई गिरावट के बाद घरेलू बाजार में सोने के ऊपर प्रीमियम बढ़कर 17 महीने के ऊपरी लेवल पर पहुंच गया है। डीलरों के मुताबिक पिछले सप्ताह प्रीमियम बढकर 5 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया जो इससे ठीक पहले के सप्ताह में 4 डॉलर प्रति औंस था। त्यौहारी सीजन के मद्देनजर मांग को देखते हुए घरेलू प्रीमियम में और बढ़ोतरी की संभावना है।