भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड (FRSB) 2034 की घोषणा की है, जिस पर आपको फिलहाल 8% की ब्याज दर मिलेगी। यह खास सरकारी बॉन्ड है, जिसकी ब्याज दर हर छह महीने में बाजार के हिसाब से तय की जाती है।
इसके क्या मायने हैं?
भारत सरकार एक खास तरह का बॉन्ड जारी कर रही है, जिसे फ्लोटिंग रेट बॉन्ड (FRB) कहते हैं। ये बॉन्ड 2034 में मैच्योर होगा, यानी 10 साल बाद आपको पूरा पैसा वापस मिल जाएगा। खास बात ये है कि इस बॉन्ड की ब्याज दर हर छह महीने में बदलती रहेगी। आम तौर पर बॉन्ड की ब्याज दर तय रहती है, लेकिन ये बाजार के हिसाब से चलता है। फिलहाल अगले छह महीने के लिए इस पर 8% की ब्याज दर मिलेगी। ये दर पिछली नीलामियों के औसत और एक छोटी सी निश्चित राशि (0.98%) को मिलाकर तय की गई है।
ये FRB बॉन्ड उन निवेशकों के लिए बेहतर साबित हो सकते हैं जो ब्याज दरों में बदलाव के साथ चलने वाला निवेश चाहते हैं। आम तौर पर बॉन्ड की ब्याज दर तय रहती है, लेकिन ये हर साल बाजार के हिसाब से बदलती रहती है। इस बॉन्ड की खासियत ये भी है कि भारत सरकार इसे समर्थन देती है, जिससे ये काफी सुरक्षित निवेश बन जाता है।
FRB बॉन्ड 7 साल में परिपक्व होते हैं। न्यूनतम निवेश राशि सिर्फ 1,000 रुपये है और कोई अधिकतम सीमा नहीं है। हालांकि, इस बात का ध्यान रखें कि ब्याज साल में दो बार, 1 जनवरी और 1 जुलाई को दिया जाता है, और इस पर कोई संचय (cumulative) नहीं होता। मतलब हर बार आपको उसी साल की ब्याज दर के हिसाब से भुगतान मिलेगा।
वैल्यू रिसर्च का कहना है कि ये FRB बॉन्ड उन निवेशकों के लिए अच्छे हैं जो एकमुश्त निवेश कर के बिना किसी परेशानी के निश्चित रिटर्न चाहते हैं। इसका मतलब है कि अगर आप जोखिम नहीं लेना चाहते और स्थिर रिटर्न की तलाश में हैं, तो ये बॉन्ड आपके लिए उपयुक्त हो सकते हैं। हालांकि, अगर आप थोड़ा जोखिम उठा सकते हैं और ज्यादा कमाई की उम्मीद रखते हैं, तो ये आपके लिए नहीं हैं।
ऐसे में आप बैलेंस्ड म्यूचुअल फंडों में निवेश कर सकते हैं, जो थोड़ा जोखिम तो लेते हैं लेकिन ज्यादा मुनाफा भी दे सकते हैं। इसके अलावा आप बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट का भी विकल्प चुन सकते हैं, जहां आपको कम तो मिलेगा लेकिन पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। कंपनी जमा भी एक विकल्प है, लेकिन वहां मिलने वाला ब्याज अलग-अलग कंपनियों के हिसाब से बदलता रहता है।”
भले ही FRB बॉन्ड आपके निवेश को सुरक्षित रखते हैं और भारत सरकार इन्हें समर्थन देती है, लेकिन निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान देना जरूरी है।
वैल्यू रिसर्च के मुताबिक, सबसे पहले, मुद्रास्फीति का ख्याल रखें। अगर महंगाई बढ़ती रहती है और ब्याज दर स्थिर रहती है या कम हो जाती है, तो आपका असली मुनाफा कम हो सकता है। उदाहरण के लिए, अगर आपको 8% ब्याज मिल रहा है लेकिन महंगाई 10% है, तो आप असल में 2% घाटे में हैं। हालांकि, अगर महंगाई कम रहती है तो आपको अच्छा मुनाफा हो सकता है।
दूसरी बात, ये बॉन्ड स्टॉक एक्सचेंज पर नहीं खरीदे जा सकते और न ही इन्हें बेचा जा सकता है। आप इनके बदले लोन भी नहीं ले सकते। मतलब, आपका पैसा पूरे सात साल के लिए फंस जाता है। हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों को कुछ छूट मिल सकती है, लेकिन उन्हें भी थोड़ा जुर्माना देना पड़ सकता है।