भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले दिनों अपने मासिक बुलेटिन में बताया कि जिन लोगों ने पहले कभी किसी तरह का कर्ज नहीं लिया होता है यानी जिनकी कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होती, उन्हें कर्ज देने में बैंक और संस्थाएं बहुत हिचकती हैं। कर्ज देने का फैसला करते समय उधार मांगने वाले की अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री सबसे ज्यादा मायने रखती है।
पैसाबाजार की मुख्य उत्पाद अधिकारी राधिका बिनानी कहती हैं, ‘कर्ज या क्रेडिट कार्ड की आपकी दरख्वास्त निपटाते समय बैंक और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) आपकी क्रेडिट हिस्ट्री पर सबसे ज्यादा जोर देते हैं। बढ़िया क्रेडिट हिस्ट्री बताती है कि कर्ज चुकाने में आप पूरी तरह जिम्मेदारी दिखाते हैं और इसकी वजह से आपको कम ब्याज दर पर कर्ज भी मिल सकते हैं। बेहतरीन क्रेडिट हिस्ट्री और ऊंचे क्रेडिट स्कोर के बल पर आपको ज्यादा से ज्यादा कर्ज भी मिल सकता है। मगर बैंक यह भी देखते हैं कि इस समय आपके कितने कर्ज चल रहे हैं और आप कितना कमाते हैं।’
कई बैंक तुरंत कर्ज या प्री-अप्रूव्ड कर्ज की सुविधा देते हैं। वे ग्राहकों के साथ पिछले तजुर्बे या उस ग्राहक की क्रेडिट हिस्ट्री पर भरोसा करते हैं। बिनानी बताती हैं कि ऊंचे क्रेडिट स्कोर वाले व्यक्ति को बिना कागजों या कम से कम दस्तावेज के बल पर पहले से मंजूर (प्री-अप्रूव्ड) कर्ज मिल सकते हैं।
इस तरह के कर्ज की रकम भी बहुत जल्द उनके खाते में आ जाती है। मगर क्रेडिट हिस्ट्री नहीं हुई तो आपको इस तरह के कर्ज नहीं मिलेंगे और शायद बैंक आपको कर्ज ही नहीं दें।
इसलिए क्रेडिट हिस्ट्री तैयार करना सबसे जरूरी होता है और इसका सबसे आसान तरीका है क्रेडिट कार्ड लेकर उसका समझदारी से इस्तेमाल करना। ऐंड्रोमेडा सेल्स और अपनापैसा डॉट कॉम के कार्यकारी चेयरमैन वी स्वामीनाथन बताते हैं, ‘एक कारगर तरीका उस बैंक से क्रेडिट कार्ड पाना है, जहां आपका वेतन आता है या जहां आपका खाता है। ये बैंक अपने पुराने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड आसानी से दे देते हैं। शुरू में क्रेडिट लिमिट कम हो सकती है मगर शुरुआत तो होती है।’
अगर आपको क्रेडिट कार्ड भी आसानी से नहीं मिल रहा तो किसी संपत्ति के बदले क्रेडिट कार्ड लें, जिसे सेक्योर्ड क्रेडिट कार्ड भी कहा जाता है। बैंक आपको सावधि जमा (एफडी) कराने पर क्रेडिट कार्ड दे सकता है। मान लीजिए कि आपने 2 लाख रुपये की एफडी कराई है तो बैंक आपको 1.5 लाख रुपये तक क्रेडिट लिमिट वाला कार्ड आसानी से दे देगा।
बिनानी कहती हैं, ‘चूंकि यह सेक्योर्ड कार्ड होता है, इसलिए क्रेडिट हिस्ट्री नहीं होने का भी कोई असर नहीं पड़ता। इसके जरिये आप अपना क्रेडिट प्रोफाइल बना सकते हैं।’
आप मिली क्रेडिट सीमा का उपयोग जिम्मेदारी से करते हैं तो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री तैयार होती जाती है। स्वामीनाथन ने कहा, ‘क्रेडिट हिस्ट्री धीरे-धीरे तैयार होती है और इसके लिए 6 से 12 महीने तक लगातार क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना होता है।’
ऋण विशेषज्ञ अमन कपूर समझाते हैं, ‘अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाने के लिए समय पर रकम चुकाना सबसे जरूरी है। साथ ही अपनी क्षमता से ज्यादा कर्ज न लें।’
क्रेडिट स्कोर 300 और 900 के बीच होता है। 750 से ऊपर का स्कोर अच्छा माना जाता है। अच्छा स्कोर बनाए रखने के लिए समय से रकम चुकाना और उचित सीमा में ही क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करना जरूरी होता है। यदि आप मिली क्रेडिट लिमिट के मुकाबले बहुत कम खर्च कर रहे हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर बढ़ जाता है।
कपूर की सलाह है, ‘क्रेडिट कार्ड से खर्च काबू में रखें। आम तौर पर लोग यहीं फिसल जाते हैं और कर्ज के जाल में फंस जाते हैं। क्रेडिट लिमिट के 30 फीसदी से अधिक खर्च न करें।’ उदाहरण के लिए यदि आपको 1.5 लाख रुपये की क्रेडिट लिमिट मिली है तो कार्ड के जरिये महीने में 45,000 रुपये से ज्यादा खर्च नहीं करें।
क्रेडिट स्कोर तैयार करने की कोशिश में कई तरह के कर्ज या कार्ड के लिए आवेदन नहीं करें। बिनानी समझाती हैं, ‘थोड़े से वक्त में कई जगह कर्ज के लिए आवेदन करना अच्छा नहीं है क्योंकि इससे लगता है कि आप कर्ज के भूखे हैं और आपका क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है।’ यदि बैंक आपको दूसरा क्रेडिट कार्ड दे रहा है तो उससे भी दूर रहें।