ATM Fee Hike: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एटीएम (ATM) से नकद निकासी (cash withdrawals) पर इंटरचेंज शुल्क ₹17 से बढ़ाकर ₹19 करने की मंजूरी दे दी है। यह बदलाव 1 मई 2025 से लागू होगा। घरेलू वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए इंटरचेंज शुल्क को संशोधित किया गया है।
NPCI के 13 मार्च को जारी सर्कुलर के अनुसार, गैर-वित्तीय लेनदेन (non-financial transactions) पर ₹7 का इंटरचेंज शुल्क लगाया जाएगा। बिज़नेस स्टैंडर्ड ने नेशनल फाइनेंशियल स्विच (NFS) एटीएम नेटवर्क के सदस्यों को भेजे गए इस पत्र की समीक्षा की है। इंटरचेंज शुल्क पर अलग से वस्तु एवं सेवा कर (GST) भी लागू होगा।
सर्कुलर में कहा गया है, “NPCI ने इस बदलाव को लागू करने के लिए RBI से मंजूरी मांगी थी। इस संबंध में, RBI ने 11 मार्च 2025 को भेजे गए पत्र में NPCI को सूचित किया कि एटीएम इंटरचेंज शुल्क एटीएम नेटवर्क द्वारा तय किया जा सकता है। साथ ही, संशोधित शुल्क लागू करने की तिथि RBI को NPCI द्वारा सूचित की जानी चाहिए।”
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संशोधित इंटरचेंज शुल्क माइक्रो-एटीएम, इंटरऑपरेबल कैश डिपॉजिट (कार्ड-आधारित और UPI-आधारित) और अंतरराष्ट्रीय एटीएम लेनदेन पर लागू नहीं होगा। ऐसे लेनदेन मौजूदा दरों के अनुसार ही जारी रहेंगे।
नेपाल और भूटान में होने वाले लेनदेन के लिए बैलेंस इंक्वायरी (balance enquiry) पर इंटरचेंज शुल्क ₹7 तय किया गया है, जिसमें GST शामिल नहीं है।
NPCI के आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल NFS (नेशनल फाइनेंशियल स्विच) सदस्यों की संख्या 1,349 है, जो पिछले साल फरवरी में 1,296 थी।
फरवरी 2025 में NFS-अनुमोदित लेनदेन की संख्या 31.5 करोड़ रही, जो फरवरी 2024 में 36.5 करोड़ थी। यानी इसमें सालाना आधार पर 13.7% की गिरावट दर्ज की गई। देश में NFS नेटवर्क के तहत एटीएम की संख्या सालाना आधार (Year-on-Year) पर स्थिर बनी रही और यह 2.65 लाख पर कायम है।