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Atal Pension Yojana: केंद्रीय सरकार की अटल पेंशन योजना (APY) में हर साल लोगों की भागीदारी बढ़ रही है। इस योजना के तहत आप नियमित निवेश करके 3,000 रुपये तक की मासिक पेंशन सुरक्षित कर सकते हैं। यह योजना न केवल आसान है बल्कि इसमें सरकार की तरफ से सब्सिडी और अन्य मदद भी दी जाती है।
पति-पत्नी एक ज्वाइंट अकाउंट खोलकर भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
पेंशन की राशि 60 साल की उम्र के बाद मिलने लगती है।
योजना में नियमित निवेश करना आवश्यक है।
केवल भारतीय नागरिक ही इस योजना में शामिल हो सकते हैं।
आयु 18 से 40 साल के बीच होनी चाहिए।
बैंक खाता होना अनिवार्य है।
1 अक्टूबर 2022 के बाद, इनकम टैक्स भरने वाले लोग इस योजना में शामिल नहीं हो सकते।
उदाहरण के लिए, 18 साल की उम्र में ₹210 मासिक निवेश करने पर 60 साल की उम्र में ₹5,000 मासिक पेंशन मिल सकती है।
30 साल की उम्र में ₹577 मासिक निवेश करने पर ₹5,000 मासिक पेंशन मिलेगी।
कर लाभ:
APY में किए गए योगदान पर NPS के तहत कर लाभ मिलता है (धारा 80CCD(1))।
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अपने बैंक जाएं और बैंक अधिकारी से अटल पेंशन योजना में शामिल होने की बात करें।
KYC प्रक्रिया पूरी करें और पेंशन योजना चुनें।
अपने बैंक खाते को योजना से लिंक कर दें।
मासिक प्रीमियम सीधे आपके बैंक खाते से कटेगा।
बैंक से प्राप्त रसीद आपके नामांकन का प्रमाण होगी।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन:
नेट बैंकिंग से APY खाता खोलें।
आधार व nominee विवरण भरें।
ऑटो-डेबिट की अनुमति दें।
या
NSDL eNPS पोर्टल पर जाएँ और “Atal Pension Yojana” चुनें।
KYC के लिए Aadhaar OTP, XML या Virtual ID का उपयोग करें।
व्यक्तिगत और nominee विवरण भरें।
eSign और OTP वेरिफिकेशन के बाद रजिस्ट्रेशन पूरा होगा।
हेल्पलाइन: 1800-110-069 (टोल फ्री)
लोकसभा में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि अटल पेंशन योजना (APY) में अब तक 8 करोड़ 34 लाख से अधिक लोग जुड़ चुके हैं। इनमें करीब 48 प्रतिशत नामांकन महिलाएं हैं।
मई 2015 में शुरू हुई इस योजना का उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के कामगारों और आम नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा के जरिए सशक्त बनाना है। यह योजना 18 से 40 वर्ष की उम्र वाले उन नागरिकों के लिए है जिनके पास बैंक या डाकघर में बचत खाता है। योजना के तहत लाभार्थी 60 वर्ष की उम्र के बाद पेंशन प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए लाभ 2035 से मिलने की संभावना है।
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार और पेंशन फंड रेगुलेटरी और डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने योजना की जागरूकता बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं। इनमें प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया पर नियमित प्रचार, 13 स्थानीय भाषाओं में योजना विवरणिका का वितरण और बैंकिंग संवाददाता, स्वयं सहायता समूह (SHG) और अन्य क्षेत्रीय कर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शामिल हैं।
साथ ही नाबार्ड, एनसीएफई, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जैसी संस्थाओं ने भी जागरूकता अभियानों में सहयोग किया।
यह योजना देशभर में डाक विभाग और बैंकिंग नेटवर्क के माध्यम से लागू की जा रही है, जिसमें सार्वजनिक, निजी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, लघु वित्त बैंक और सहकारी बैंक शामिल हैं।