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Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर Gold खरीदने का प्लान? जान लें क्या हैं ऑप्शन, मुनाफे पर कैसे लगता है टैक्स

Akshaya Tritiya 2025: निवेश या पहनने के लिए: सोना खरीदते समय सही विकल्प कैसे चुनें

Published by
मानसी वार्ष्णेय   
Last Updated- April 26, 2025 | 4:09 PM IST

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया के मौके पर सोना खरीदने की परंपरा भारत में सदियों से चली आ रही है। इसे समृद्धि, खुशहाली और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। सोना खरीदना सिर्फ धार्मिक मान्यता तक सीमित नहीं है, बल्कि फाइनेंशियल प्लानिंग के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है। एक्सपर्ट मानते हैं कि आज के समय में जब बाजार में उतार-चढ़ाव बना रहता है, सोने में निवेश पोर्टफोलियो में स्थिरता और विविधता लाने का काम करता है। अक्षय तृतीया जैसे शुभ मौके पर सोने में निवेश करना न केवल आर्थिक मजबूती का प्रतीक है, बल्कि यह पोर्टफोलियो में संतुलन और लंबी अवधि में अच्छा रिटर्न देने का भी भरोसेमंद जरिया बन सकता है। लेकिन निवेश से पहले सोने के प्रकार और उस पर लागू टैक्स नियमों की सही समझ होना जरूरी है।

टैक्स एंड इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन बताते हैं कि किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो में इक्विटी, डेट और बुलियन यानी सोना-चांदी का संतुलन होना चाहिए। अगर निवेशक अपना पूरा पैसा सिर्फ एक ही एसेट क्लास में लगाते हैं, तो जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए, निवेश को सुरक्षित बनाने के लिए सोने में निवेश करना जरूरी है। अक्षय तृतीया जैसे शुभ अवसर पर सोना खरीदना निवेश की अच्छी शुरुआत मानी जाती है।

Gold: कैसे कर सकते हैं निवेश

आमतौर पर सोने की खरीदारी के दो तरीके होते हैं। अगर आप पहनने के लिए खरीदारी कर रहे हैं, तो चेन, अंगूठी या अन्य ज्वेलरी खरीद सकते हैं। लेकिन अगर मकसद सिर्फ निवेश का है, तो फिजिकल गोल्ड (सिक्के या बार्स), डिजिटल गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) जैसे विकल्पों पर ध्यान देना चाहिए। बलवंत जैन कहते हैं, ज्वेलरी बेचते समय मेकिंग चार्ज और ज्वेलर के मार्जिन के चलते करीब 20-25% तक का नुकसान हो सकता है, इसलिए निवेश के मकसद से ज्वेलरी खरीदना कम फायदेमंद रहता है।

लंबी अव​धि के लिए अच्छा विकल्प

मार्केट एक्सपर्ट अजीत गोस्वामी का कहना है कि दीर्घकालिक नजरिए से सोने की चमक बनी रहेगी। वैश्विक स्तर पर जारी भूराजनीतिक तनाव, व्यापारिक विवाद, मंदी की आशंका, लगातार महंगाई और केंद्रीय बैंकों की तरफ से हो रही सोने की खरीदारी के चलते सोने की कीमतों में लंबी अवधि में मजबूती देखी जा सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि छोटे समय में सोने के भाव में कुछ गिरावट आ सकती है। भारत में 2015 से 2024 के बीच के आंकड़े देखें तो अक्षय तृतीया के बाद लंबे समय में सोने के दामों में बढ़त देखने को मिली है, हालांकि बीच-बीच में उतार-चढ़ाव भी आया है।

टैक्स देनदारी भी समझ लें

सोने पर टैक्स से जुड़ी जानकारी भी जरूरी है। बलवंत जैन बताते हैं, अगर आप फिजिकल गोल्ड या ज्वेलरी खरीदकर 24 महीने के भीतर बेचते हैं, तो उस पर होने वाला मुनाफा आपकी सामान्य इनकम में जुड़ जाएगा और उस पर आपकी इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगेगा। वहीं, अगर आप सोना 24 महीने के बाद बेचते हैं, तो यह लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा और इस पर 12.5% का टैक्स लगेगा। हालांकि, अब फिजिकल गोल्ड पर इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलता है।

डिजिटल गोल्ड और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स के लिए भी लगभग यही नियम लागू होते हैं। वहीं, गोल्ड ईटीएफ में अगर निवेशक एक साल से ज्यादा निवेश बनाए रखते हैं, तो उसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाएगा। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स की बात करें तो उस पर मिलने वाला 2.5% सालाना ब्याज टैक्सेबल होता है, लेकिन अगर आप इन्हें मैच्योरिटी तक होल्ड करते हैं तो उस पर होने वाला कैपिटल गेन टैक्स फ्री रहेगा। अगर बॉन्ड्स को मैच्योरिटी से पहले बाजार में बेचते हैं, तो उस पर भी 12.5% का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा। वहीं, अगर आपको कोई करीबी रिश्तेदार सोना गिफ्ट करता है तो उस पर आमतौर पर टैक्स नहीं देना पड़ता।

भारत में सोने के दाम: पिछले 5 सालों में कीमतों का ट्रेंड और ऐतिहासिक बदलाव

भारत में सोने की कीमतों में समय के साथ बड़ा बदलाव देखने को मिला है। नीचे दी गई जानकारी से आप 2020 से लेकर अब तक (2025) के औसत सालाना सोने के दाम (24 कैरेट प्रति 10 ग्राम) का रुझान समझ सकते हैं। यह ट्रेंड भविष्य के निवेश फैसले लेने में भी मदद कर सकता है।

भारत में पिछले 5 सालों में सोने की कीमतों का ट्रेंड:

  • 2020: ₹48,651 प्रति 10 ग्राम

  • 2021: ₹48,720 प्रति 10 ग्राम

  • 2022: ₹52,670 प्रति 10 ग्राम

  • 2023: ₹65,330 प्रति 10 ग्राम

  • 2024: ₹77,913 प्रति 10 ग्राम

  • 2025 (अब तक): ₹79,200 प्रति 10 ग्राम

पिछले 5 सालों में ट्रेंड का विश्लेषण:

  • 2020 में कोविड-19 महामारी के चलते सोने की मांग बढ़ी और कीमतों ने जोरदार छलांग लगाई।

  • 2021 में कीमतें स्थिर रहीं, लेकिन ऊंचे स्तर पर बनी रहीं।

  • 2022 में महंगाई और रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे वैश्विक संकटों के चलते सोने के भाव में फिर तेजी आई।

  • 2023 में सोने की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिला, साल भर में करीब 6.5% का इजाफा हुआ।

  • 2024 में भी सोने का दाम बढ़ता रहा, और अब 2025 की शुरुआत में कीमतें ₹79,200 तक पहुंच चुकी हैं।

क्यों बढ़ी सोने की कीमतें?

  • वैश्विक अनिश्चितता (जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध)

  • अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी

  • महंगाई दर में तेजी

  • शेयर बाजार में गिरावट से निवेशकों का रुख सुरक्षित विकल्पों की ओर

लंबी अवधि में सोने का प्रदर्शन

हालांकि बीच-बीच में कुछ सालों में गिरावट आई है, लेकिन कुल मिलाकर सोने की कीमतों में लगातार वृद्धि देखने को मिली है। यह दर्शाता है कि लंबी अवधि के निवेश के लिए सोना एक सुरक्षित और भरोसेमंद विकल्प रहा है।

(*सोर्स: bankbazaar.com)

First Published : April 26, 2025 | 4:09 PM IST