Categories: बाजार

क्या आकर्षक मूल्यांकन एफआईआई को लुभाएगा

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 4:25 PM IST

अक्टूबर 2021 और जून 2022 के बीच भारी बिकवाली के बीच विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय इ​क्विटी बाजारों से 30 अरब डॉलर से ज्यादा की बिकवाली की, लेकिन जुलाई से हालात में बदलाव आया है और उन्होंने फिर से अपनी दिलचस्पी बढ़ाई है। विदेशी निवेशकों ने जुलाई से अब तक करीब 40,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की खरीदारी की है।
बोफा सिक्योरिटीज द्वारा जारी ताजा रिपोर्ट के अनुसार, कैलेंडर वर्ष 2022 में इस साल अब तक (वाईटीडी) आधार पर, भारतीय बाजार भारी बिकवाली का ​शिकार हुआ, जिसके बाद ताइवान का स्थान रहा जबकि ब्राजील ने पूंजी प्रवाह (10 अरब डॉलर) में योगदान दिया। विश्लेषकों का कहना है कि उनके रुख में बदलाव इस उम्मीद से आया है कि वै​श्विक केंद्रीय बैंक, खासकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व दर वृद्धि को लेकर नरम रुख अपना सकता है, क्योंकि मुद्रास्फीति अगले कुछ महीनों में शांत होगी।
बोफा सिक्योरिटीज के विश्लेषक अमीष शाह के साथ मिलकर तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जुलाई, 2022 में, ईएम फंडों ने भारत के लिए अपना निवेश आवंटन तेजी से बढ़ाया (जून 2022 में 18.1 प्रतिशत के मुकाबले 19.7 प्रतिशत) जबकि चीन के लिए इसमें कमी (जून 2022 के 39.4 प्रतिशत के मुकाबले 36.2 प्रतिशत) की। भारतीय इ​क्विटी बाजारों में एफआईआई प्रवाह अगस्त 2022 में बरकरार रहा, जिससे बड़े उभरते बाजारों के बीच भारत के बेहतर विकास परिदृश्य वाले बाजारों के लिए सकारात्मक बदलाव, जिंस और कच्चे तेल की कीमतों में कमजोरी तथा उभरते बाजारों में रुपये के मजबूत प्रदर्शन का संकेत मिलता है।’
इसके अलावा, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) और खुदरा निवेशकों द्वारा खरीदारों के साथ प्रमुख सूचकांकों – बीएसई के सेंसेक्स और निफ्टी-50 में जुलाई से अब तक दो अंक की तेजी दर्ज की गई है। इ​क्विनोमिक्स रिसर्च के संस्थापक एवं मुख्य निवेश अ​धिकारी जी चोकालिंगम का कहना है कि पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में बाजार में आई गिरावट मुनाफावसूली की वजह से आई है। इसके अलावा, प्रमुख वै​श्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा मुद्रास्फीति और दर वृद्धि पर प्रतिक्रियाओं से भी बाजार धारणा प्रभावित हुई है।
चोकालिंगम ने कहा, ‘जुलाई में एफआईआई प्रवाह में बदलाव भारतीय इ​क्विटी के आकर्षक मूल्यांकन की वजह से दर्ज किया गया था। निफ्टी अपने 21 गुना के दीर्घाव​धि औसत के मुकाबले 18 गुना एक वर्षीय आगामी आय के 18 गुना पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा, एफआईआई ऐसे समय में निवेश बनाए रखना नहीं चाहेंगे जब वै​श्विक अर्थव्यवस्था मुद्रास्फीति में नरमी की संभावनाएं देख रही है।’

First Published : August 22, 2022 | 10:38 PM IST