IT कंपनियों के शेयरों खास तौर पर इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में हालिया बिकवाली से निफ्टी 50 सूचकांक में IT क्षेत्र के वेटेज में काफी कमी आई है।
बेंचमार्क सूचकांक में इस क्षेत्र का वेटेज (भारांश) अब घटकर पांच साल के निचले स्तर 12.2 फीसदी पर आ गया है, जो मार्च 2022 में 17.7 फीसदी पर था। आईटी क्षेत्र की शीर्ष कंपनियों – TCS, Infosys, Wipro, HCL Technologies और Tech Mahindra की सूचकांक में हिस्सेदारी इस साल मार्च अंत में 13.6 फीसदी रह गई है।
निफ्टी 50 में शामिल शीर्ष पांच IT कंपनियों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण 2023 की शुरुआत से 8.2 फीसदी घटा है जबकि निफ्टी 50 में इस दौरान केवल 2.7 फीसदी की गिरावट आई है।
गुरुवार को बंद भाव के आधार पर पांच बड़ी आईटी कंपनियों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण 22.2 लाख करोड़ रुपये रहा, जो दिसंबर 2022 के अंत में 24.2 लाख करोड़ रुपये और इस साल मार्च के अंत में 23.7 लाख करोड़ रुपये था।
कुल मिलाकर इन पांच आईटी फर्मों का एकीकृत बाजार पूंजीकरण (mcap) पिछले 15 महीने में दिसंबर 2021 के रिकॉर्ड स्तर 31 लाख करोड़ रुपये से 28.3 फीसदी घटा है। इसकी तुलना में बेंचमार्क सूचकांक इस दौरान 1.6 फीसदी चढ़ा है।
आईटी शेयरों में हालिया गिरावट से FMCG कंपनियों को सूचकांक में अपनी बढ़त बनाने में मदद मिली है और बेंचमार्क सूचकांक में एफएमसीजी क्षेत्र का वेटेज अब तेल एवं गैस क्षेत्र से आगे तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। Hindustan Unilever, ITC, Asian Paints, Nestle और Britannia जैसी FMCG कंपनियों का निफ्टी 50 में वेटेज अब 12.6 फीसदी हो गया है जो मार्च 2022 से 270 आधार अंक अधिक है।
बैंक, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और बीमा कंपनियां 37.3 फीसदी वेटेज के साथ सूचकांक में शीर्ष पर बनी हुई हैं। मार्च 2022 के अंत में इस क्षेत्र का वेटेज 34.5 फीसदी था। पिछले एक साल में बढ़ते बनाने वाले अन्य बड़े क्षेत्रों में वाहन तथा निर्माण एवं बुनियादी ढांचा क्षेत्र शामिल हैं।
कोविड महामारी के बाद बाजार पूंजीकरण में जितनी बढ़त हुई थी आईटी क्षेत्र ने उसे गंवा दिया है। सूचकांक में सबसे ज्यादा नुकसान में रहने वाला यह क्षेत्र है। हालांकि दीर्घावधि आधार पर आईटी क्षेत्र का प्रदर्शन अभी भी बेहतर बना हुआ है। शीर्ष पांच आईटी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण दिसंबर 2017 के अंत से 110 फीसदी बढ़ा है जबकि निफ्टी 50 में इस दौरान 67.4 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई।
हालांकि बीते वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में TCS और इन्फोसिस द्वारा उम्मीद से कम आय और मुनाफा वृद्धि दर्ज करने से निकट अवधि में आईटी कंपनियों का परिदृश्य कमजोर दिख रहा है। इसकी वजह से कई ब्रोकरों को चालू वित्त वर्ष के लिए इन दो कंपनियों के आय के अनुमान और लक्षित शेयर भाव में कटौती करनी पड़ी है। इन्फोसिस के नतीजे आने के बाद इस हफ्ते की शुरुआत में आईटी शेयरों में खासी बिकवाली देखी गई।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के विश्लेषकों ने इन्फोसिस के नतीजों के बाद नोट में कहा है, ‘पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में इन्फोसिस की आय 4.55 अरब डॉलर रही जो इससे पिछली तिमाही की तुलना में 3.2 फीसदी कम है। यह हमारे अनुमान से भी 0.6 फीसदी कम रहा। हमारा मानना है कि आय में कमी और वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता बढ़ने से अल्पावधि में इसके शेयर के प्रदर्शन पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। हमने वित्त वर्ष 24/25 के लिए प्रति शेयर आय के अनुमान को घटाकर क्रमश: 4 और 5 फीसदी कर दिया है।’
TCS के मामले में भी ऐसा ही देखा गया। येस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने लिखा है, ‘टीसीएस का परिचालन प्रदर्शन हमारे अनुमान से थोड़ा कम रहा। दीर्घावधि में मांग मजबूत बनी हुई है लेकिन ग्राहकों द्वारा सतर्कता बरतने से खर्च पर निर्णय करने में देरी हो रही है और आईटी परियोजनाओं में विवेकाधीन खर्च में कमी आ रही है। इससे वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की आय वृद्धि पर असर पड़ सकता है।’