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SIP खातों में गांव-कस्बों ने बड़े शहरों को पीछे छोड़ा

एक साल के दौरान छोटे शहरों में एसआईपी खातों की संख्या 42 फीसदी जबकि बड़े शहरों में 28 फीसदी बढ़ी

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- November 20, 2024 | 11:23 PM IST

म्युचुअल फंड योजनाओं में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) खाते खोलने में कस्बाई और ग्रामीण इलाकों के निवेशकों ने शहरी निवेशकों को पीछे छोड़ दिया है। बीते एक साल में ए​क्टिव इ​क्विटी योजनाओं में जोड़े गए नए एसआईपी खातों में 60 फीसदी हिस्सेदारी छोटे शहरों के निवेशकों की रही।

म्युचुअल फंड उद्योग ने निवेशकों को दो व्यापक श्रे​णियों-टी-30 और बी-30 में वर्गीकृत किया है। म्युचुअल फंड में सबसे ज्यादा निवेश वाले शीर्ष 30 शहरों को टी-30 कहा जाता है और बाकी शहरों को बी-30 के रूप में वर्गीकृत किया गया है। उद्योग के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि ए​क्टिव इ​क्विटी योजनाओं में

बी-30 के एसआईपी खातों की संख्या सितंबर 2023 से सितंबर 2024 में 42 फीसदी बढ़कर 4.2 करोड़ हो गई। इस दौरान टी-30 शहरों में खातों की संख्या 28 फीसदी ही बढ़ी।

नए खाते खोलने की वृद्धि दर अ​धिक रहने से बी-30 में एसआईपी खातों की संख्या नवंबर 2023 में टी-30 शहरों में खोले गए कुल खातों से ज्यादा हो गई। उसके बाद से बी-30 ने अपनी बढ़त 37 लाख खातों की कर ली है।

ए​क्टिव इ​क्विटी योजनाओं में सितंबर 2024 के अंत में बी-30 निवेशकों के 4.21 करोड़ एसआईपी खाते थे जबकि टी-30 निवेशकों के खातों की संख्या 3.84 करोड़ थी।

एसबीआई म्युचुअल फंड के उप प्रबंध निदेशक और संयुक्त सीईओ डीपी सिंह ने कहा, ‘अब ज्यादातर एसआईपी खाते बी-30 में खोले जा रहे हैं। बीते समय में इन इलाकों में म्युचुअल फंड की कम पहुंच और हाल के वर्षों में वितरण नेटवर्क के विस्तार से एसआईपी निवेश को लेकर लोगों का आकर्षण बढ़ा है। टी-30 में नए निवेशकों को जुटाना वितरकों के लिए आर्थिक रूप से अलाभकारी होता जा रहा है जबकि बी-30 में व्यवसाय व्यवहार्य बना हुआ है। साथ ही बी-30 में अन्य गैर-पारंपरिक उत्पादों से प्रतिस्पर्धा भी कम है।’

क्वांटम म्युचुअल फंड के एमडी एवं सीईओ जिम्मी पटेल के अनुसार बी-30 की बढ़ती पैठ परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) और समग्र रूप से उद्योग के निरंतर प्रयास का परिणाम है।

उन्होंने कहा, ‘वितरण नेटवर्क को मजबूत बनाने और मार्केटिंग अ​भियान ने इसमें महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। टीवी विज्ञापनों का भी इस इलाके में व्यापक प्रभाव पड़ा है। बड़ी कंपनियां भी बी-30 पर काफी ध्यान दे रही हैं।’

देश को टी-30 और बी-30 में बांटने का उद्देश्य छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में म्युचुअल फंड की पैठ बढ़ाना था। वर्गीकरण ने उद्योग को बी-30 में पहुंच बढ़ाने के लिए अलग-अलग वितरण कमीशन ढांचा और अन्य उपाय के लिए प्रेरित किया है।

इसके अलावा म्युचुअल फंडों ने कई कस्बाई इलाकों में अपनी शाखाएं भी खोली हैं। इन सबके बावजूद एसआईपी में कुल निवेश के मामले में टी-30 शहर देश के बाकी हिस्सों से काफी आगे हैं। सितंबर 2024 में

टी-30 एसआईपी खातों के जरिये 11,872 करोड़ रुपये का निवेश किया गया जबकि बी-30 से 8,127 करोड़ रुपये का निवेश आया।

शेयर बाजार में तेजी और इ​क्विटी योजनाओं के बेहतर प्रदर्शन से भी म्युचुअल फंडों को अपने पैठ बढ़ाने में मदद मिली है। सितंबर 2024 में समाप्त 12 महीने की अवधि में उद्योग ने लगभग 1 करोड़ नए निवेशक जोड़े।

म्युचुअल फंड उद्योग के अधिकारियों के अनुसार इक्विटी निवेश के प्रति बढ़ते रुझान से भी नए निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। विशेषज्ञों के अनुसार महामारी के समय से शेयरों में खुदरा निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है और हाल में बाजार में तेजी से भी काफी निवेशक बाजार में आए हैं।

First Published : November 20, 2024 | 11:09 PM IST