हालिया तेजी में वैल्यू फंडों ने बनाई बढ़त

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 4:41 AM IST

वैल्यू-केंद्रित फंडों ने हाल के महीनों में अन्य इक्विटी श्रेणियों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। लंबे समय तक दबाव का सामना करने के बाद इन फंड फंडों के प्रदर्शन में सुधार दिख रहा है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में वैल्यू फंडों ने 21.41 प्रतिशत का औसत प्रतिफल दिया, जो लार्ज-कैप, मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंडों के मुकाबले बेहतर है। फंड प्रबंधकों का कहना है कि वैल्यू फंड मौजूदा हालात में आकर्षक दिख रहे हैं और इन योजनाओं ने निवेशकों के लिए आकर्षक रिस्क-रिवार्ड पेशकश का ऑफर दिया है। आईडीएफसी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के वरिष्ठ फंड प्रबंधक (इक्विटी) डेलिन पिंटो ने कहा, ‘रणनीति के तौर पर वैल्यू पर लंबे समय से ध्यान नहीं दिया गया था जिसके परिणामस्वरूप निवेशकों का रुझान मूल्यांकन की चिंता किए बगैर ज्यादा वृद्घि वाली कंपनियों की ओर केंद्रित हुआ।’
उन्होंने कहा, ‘अर्थव्यवस्था में धीरे धीरे आ रहे सुधार के अलावा ब्याज दरों में नरमी, मजबूत तरलता और आकर्षक मूल्यांकन को देखते हुए हमारा मानना है कि अच्छी वैल्यू वाली कंपनियां नकदी प्रवाह/आय में सुधार दर्ज करेंगी, जिससे बड़े अवसर हासिल होंगे।’
सलाहकारों का मानना है कि ऐसे फंडों को निवेशक की डाइवर्सिफाइड रणनीति का हिस्सा बनाया जाना चाहिए, और उनमें जोखिम सहन करने की क्षमता और निवेश अवधि के अनुसार निवेश आवंटन निर्धारित किया जाना चाहिए। प्लान रुपी इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के संस्थापक अमोल जोशी ने कहा, ‘वैल्यू की परिभाषा से उन शेयरों और क्षेत्रों में निवेश का संकेत मिलता है जिन पर बाजारों द्वारा ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया है। इस परिभाषा की कोई समय-सीमा नहीं है। वैल्यू 6 महीने या 3 साल में हासिल की जा सकती है, इसलिए निवेशकों को उन अवधि के लिए तैयार रहने की जरूरत है जब ऐसे फंड लंबे समय तक कमजोर प्रदर्शन करेंगे।’
प्राइमइन्वेस्टर डॉटइन की सह-संस्थापक विद्या बाला ने कहा, ‘प्रदर्शन में ताजा सुधार ऐसे फंडों में खरीदारी के लिए एकमात्र मानक नहीं होना चाहिए। इस श्रेणी में संभावित उतार-चढ़ाव को ध्यान में रखते हुए निवेशक को कम से कम सात वर्षों की लंबी निवेश अवधि पर विचार करना चाहिए।’ जून के अंत में वैल्यू और कॉन्ट्रा फंड 48,764 करोड़ रुपये की निवेशक परिसंपत्तियों का प्रबंधन करने में कामयाब रहे थे। यह श्रेणी अभी भी काफी छोटी बनी हुई है, क्योंकि इक्विटी-आधारित योजनाओं द्वारा प्रबंधित कुल परिसंपत्तियों में इसका 6.8 प्रतिशत का योगदान है।

First Published : July 18, 2020 | 12:33 AM IST