गिरते बाजार ने देश के तीसरे सबसे बड़े म्युचुअल फंड यूटीआई एसेट मैनेजमेंट के प्रस्तावित आईपीओ को इस कदर प्रभावित किया है कि उसने अपना आईपीओ लाने का विचार टाल दिया है।
आईपीओ लाने की प्रक्रिया से जुड़े एक सूत्र के अनुसार यह किसी म्युचुअल फंड का संचालन करने वाली फर्म का पहला आईपीओ है और इसे इसी महीने जारी किया जाना था।
सूत्रों का कहना है कि अब एएमसी अगले महीने की किसी तारीख में आईपीओ लाने की सोच रही है जिसका आकार 1800 से 2400 करोड़ रुपये के बीच होगा।
द्वितीयक बाजार में चल रही संकटप्रद स्थिति जिसके कारण जनवरी की अधिकतम ऊंचाई से 24 फीसदी तक गिरावट देखी गयी थी और जिसके कारण बाद में वॉकहार्ट हॉस्पिटल और एम्मार एमजीएफ ने अपने आईपीओ को वापस ले लिया था।
इस संकटप्रद स्थिति के कारण ही एएमसी ने अभी अपने आईपीओ को टाल दिया है।
निवेश बैंकिंग के जुडे सूत्रों के अनुसार वर्तमान बाजार के हालात में आईपीओ लाने के पहले होने वाले प्लेसमेंट में कुल परिसंपत्ति में 7 से 8 फीसदी का अवमूल्यन देखा गया।
एएमसी का प्रबंधन इन कीमतों पर बिक्री के लिये राजी नहीं है क्योंकि हाल में कई बड़े सौदों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा था।
पिछले सप्ताह स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने अपने म्युचुअल फंड व्यापार को आईडीएफसी को 820 करोड़ रुपये में बेच दिया था जो कि फरवरी के अंत में इसके कुल एयूएम का 5.67 फीसदी रहा।
दिसंबर के पहले सप्ताह में रिलायंस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट ने अपनी पांच फीसदी हिस्सेदारी एक वैश्विक हेज फंड इटोन पार्क को 501 करोड़ रुपये में बेच दी थी।
सौदे की तात्कालिक कीमत उसकी कुल परिसंपत्ति की 13 फीसदी थी।
संपर्क करने पर यूटीआई म्युचुअल फंड के एक उच्च अधिकारी ने कहा कि हमें पूरी दुनिया से निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला है जो हमारी कंपनी में निवेश के इच्छुक हैं।
किसी भी प्रकार इन हालात में मूल्यांकन नहीं किया जा सकता है। बाजार के हालात और विनियामकों की अनुमति के बाद हम आईपीओ लाएंगे।
यूटीआई एएमसी रिलायंस कैपिटल एसेट मैनेजमेंट औरर् आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के बाद तीसरी सबसे बड़ी संपत्ति प्रबंधन कंपनी है। यह कुल 52,46471.4 करोड़ रुपये की संपत्ति का प्रबंधन करती है।
अपने आईपीओ लाने के पहले मुंबई स्थित एएमसी का विचार प्रत्येक निवेशक को पांच फीसदी से भी कम हिस्सेदारी देगी। नेशनल आस्ट्रेलिया बैंक ,जापान का शिन्सई बैंक और निजी इक्विटी के ब्लैक स्टोन एएमसी में निवेश करने के इच्छुक हैं ताकि इस क्षेत्र को मजबूती प्रदान की जा सके।
अंतरराष्ट्रीय फर्म मैंकिंजे ऐंड कंपनी ने संपत्ति प्रबंधन के प्रति वर्ष 33 फीसदी की वृध्दि दर से 2012 तक 440 अरब डालर यानी 17600 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने की संभावना व्यक्त की है।
उठापटक का दौर
यूटीआई एएमसी पांच फीसदी से कम हिस्सेदारी को अपने प्रत्येक निवेशक को देगी।
देश की तीसरी सबसे बड़ी म्यूचल फंड फर्म यूटीआई एएमसी 52,46,471.40 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति का प्रंबधन करती है।