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देसी ऋण बाजार में उतार-चढ़ाव के हालात: Nomura

वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में पर्सनल लोन ले चुके करीब 60 फीसदी ग्राहकों के पास ऋण लेने के समय तीन से ज्यादा सक्रिय ऋण पहले से ही थे।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- January 02, 2025 | 11:01 PM IST

नोमूरा ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में कहा कि सबप्राइम उधारकर्ता मुख्य रूप से उपभोक्ता ऋण ले रहे हैं, जबकि बेहतर स्थिति वाले लोग परिसंपत्तियां खरीदने के लिए कर्ज ले रहे हैं, जो भारत में ‘के-आकार’ के ऋण बाजार का संकेत देता है। के-आकार से यहां मतलब ऋण बाजार में उतार-चढ़ाव और ​भिन्नता से है।

आरबीआई द्वारा पिछले सप्ताह जारी वित्तीय स्थायित्व रिपोर्ट (एफएसआर) का हवाला देते हुए नोमूरा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा घरेलू ऋण बढ़कर जीडीपी के 43 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जो मार्च 2020 में जीडीपी के 35 फीसदी से अ​धिक है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, ‘उपभोक्ता ऋणों की भागीदारी बढ़ रही है, जबकि परिसंप​त्ति सृजन से जुड़े त्रणों की भागीदारी घट रही है।’

एफएसआर रिपोर्ट में, आरबीआई ने आगाह किया कि 50,000 रुपये से कम का पर्सनल लोन लेने वाले लगभग 11 प्रतिशत उधारकर्ताओं का ऋण बकाया है और उनमें से 60 प्रतिशत ने वित्त वर्ष 2025 के दौरान अब तक तीन से अधिक ऋण लिए हैं।

इसके अलावा, वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में पर्सनल लोन ले चुके करीब 60 फीसदी ग्राहकों के पास ऋण लेने के समय तीन से ज्यादा सक्रिय ऋण पहले से ही थे।

First Published : January 2, 2025 | 11:01 PM IST