Categories: बाजार

पेटीएम के शेयर पर रहेगा दबाव

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 8:42 PM IST

नवंबर 2021 में एक्सचेंजों पर सूचीबद्धता के बाद से ही पेटीएम के लिए हालात विपरीत रहे हैं और उसका शेयर इश्यू प्राइस के मुकाबले करीब 71 फीसदी टूट चुका है। अगर विश्लेषकों की बात पर भरोसा करें तो अभी और गिरावट की आशंका है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस गिरावट का इस्तेमाल निवेशक पेटीएम के शेयर की खरीदारी के लिए न करे।
हालिया नोट में मैक्वेरी ने पेटीएम की लक्षित कीमत घटाकर 450 रुपये कर दी है, जो पहले 700 रुपये थी। इस तरह से बीएसई पर इसकी हो रही ट्रेडिंग के मौजूदा स्तर से लक्षित भाव करीब 36 फीसदी कम है।
मैक्वेरी के सुरेश गणपति और परम सुब्रमण्यन ने कंपनी पर लिखे हालिया नोट में कहा है, पेटीएम पेमेंट्स बैंक को लेकर आरबीआई के हालिया आदेश और चीन का स्वामित्व 25 फीसदी से ज्यादा होने के कारण पेटीएम को बैंंकिंग लाइसेंस मिलने की संभावना अब काफी कम है, ऐसे में उधार देने की उसकी क्षमता पर असर होगा। इसे देखते हुए और पेमेंट्स के क्षेत्र में मौजूद अन्य फिनटेक के साथ प्रतिस्पर्धा को देखते हुए हमें पेटीएम की लंबी अवधि में मुक्त नकदी प्रवाह सृजित करने की क्षमता पर संशय है। मैक्वेरी ने कहा, अन्य नियामकीय अवरोधों में डिजिटल पेमेंट पेपर संभावित तौर पर वॉलेट शुल्क की सीमा लगाएगा और सख्त बीएनपीएल व नो योअर कस्टमर नियमन शामिल हैं।
बॉरेन बफे की बर्कशायर हैथवे (बीएच इंटरनैशनल होल्डिंग्स) विजय शेखर शर्मा के नियंत्रण वाली कंपनी में शुरुआती निवेशकों में से एक थी। सितंबर 2018 में बफे की निवेश इकाई बीएच इंटरनैशनल होल्डिंग्स ने पेटीएम की 2.6 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 2,179 करोड़ रुपये निवेश किया था, जिसने स्टार्टअप का मूल्यांकन तब 10 अरब डॉलर किया था। हालिया शेयरधारिता आंकड़ों के मुताबिक, बीएच इंटरनैशनल के पास 31 दिसंबर, 2021 को पेटीएम की 2.41 फीसदी हिस्सेदारी थी।

आरबीआई के कदम
हाल में आरबीआई ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को तत्काल प्रभाव से नया ग्राहक जोडऩे से रोक दिया है और इसकी वजह कुछ निश्चित निगरानी की चिंता है। बैंंकिंग नियामक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को निर्देश दिया है कि वह आईटी ऑडिट फर्म की नियुक्ति ककर आईटी सिस्टम का विस्तृत अंकेक्षण कराए। इसके अलावा बैंंक को अंकेक्षण रिपोर्ट की समीक्षा के बाद नए ग्राहक जोडऩे के लिए आरबीआई से विशिष्ट अनुमति लेने की दरकार होगी।
अपनी तरफ से पेटीएम ने कहा है कि आरबीआई के निर्देशों का पालन करने के लिए वह तत्काल कदम उठा रहा है और साख वाले बाहरी अंकेक्षक की नियुक्ति पर विचार कर रही है, जो उसके आईटी सिस्टम का विस्तृत अंकेक्षण करेगा।
मैक्वेरी ने कहा है, डिजिटल भुगतान व बीएनपीएल पर आरबीआई के नियम और सख्त केवाईसी व अनुपालन के नियम सामान्य तौर पर फिनटेक कंपनियों के लिए प्रतिकूल घटनाक्रम होंगे, जो संभावित तौर पर उनकी बढ़त को नीचे खींच लाएंगे। हम इन चीजों को पेटीएम के लिए अतिरिक्त अवरोध के तौर पर देख रहे हैं, जो लाभ की उसकी राह में संकट के बादल खड़ी कर सकता है। इसके अलावा मूल्यांकन एक अन्य मसला है।

First Published : March 17, 2022 | 11:36 PM IST