बाजार आगे बढ़ा, परिसंपत्ति नहीं बढ़ी। एक साल बाद निवेशकों के लिए पहले जैसे हालात हैं और उतार चढ़ाव वाले साल के बाद बाजार फिर से उसी जगह पहुंच गए हैं जहां से उन्होंने शुरुआत की थी। बेंचमार्क निफ्टी-50 जुलाई में 183 अंक यानी 0.73 फीसदी गिरकर 24,768 पर बंद हुआ जबकि जुलाई 2024 का बंद स्तर 24,951 था।
पिछले 12 महीने में बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का चढ़ने-गिरने का अनुपात बराबर बंट गया है – छह महीने बढ़त, छह महीने गिरावट। चढ़ने और गिरने वाले शेयरों के बीच इस तरह का संतुलन ऐसी मुश्किलों को उजागर करता है, जिसमें का निवेशकों को लगातार रिटर्न पाने में मुश्किल हुई है।
परिणामस्वरूप सीधे शेयर खरीदने या म्युचुअल फंडों के जरिये बाजार में उतरने वालों के लिए नतीजे निराशाजनक रहे हैं। 2024-25 में कंपनियों की आय में करीब 7 फीसदी का इजाफा हुआ जबकि इस वित्त वर्ष में मोटे तौर पर 12 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है। बाजार के प्रतिभागी तमाशबीन बने हुए हैं और अगला कदम उठाने से पहले स्पष्ट संकेतों का इंतजार कर रहे हैं, खास तौर से उपभोग और क्रेडिट रुझान के मामले में।