रिलायंस इंडस्ट्रीज से अलग हुई रिलायंस स्ट्रैटजिक इन्वेस्टमेंट्स का बाजार मूल्य 261.8 रुपये प्रति शेयर है, जिससे उसका बाजार पूंजीकरण करीब 1.66 लाख करोड़ रुपये पर है। यह विश्लेषकों द्वारा शुरू में जताए गए अनुमानों से काफी अधिक है।
अलग हुई इस कंपनी का नाम बदलकर जियो फाइनैंशियल सर्विसेज (Jio Financial Services) किया गया है और यह मूल्य के संदर्भ में भारत के कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा डीमर्जर होगा। इससे पहले पूर्ववर्ती बजाज ऑटो का वर्ष 2008 में तीन कंपनियों में डीमर्जर किया गया था।
इसे उस समय भारतीय उद्योग जगत में सबसे बड़ा कॉरपोरेट डीमर्जर माना गया था। बजाज फाइनैंस और बजाज फिनसर्व के बाद देश में बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में जियो फाइनैंशियल सर्विसेज तीसरी सबसे बड़ी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) बन जाएगी।
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जियो फाइनैंशियल सर्विसेज की सबसे बड़ी खासियत रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) में उसकी 6.1 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस हिस्सेदारी का मूल्य अब करीब 1.08 लाख करोड़ रुपये है। आरआईएल में हिस्सेदारी जियो फाइनैंशियल सर्विसेज को लाभांश का मजबूत स्रोत भी प्रदान करेगी, जिसका इस्तेमाल यह नई कंपनी पेमेंट बैंक और रिटेल उधारी जैसे अपने व्यवसाय बढ़ाने में कर सकेगी।
आरआईएल ने वित्त वर्ष 2022 में 5,412 करोड़ रुपये का कुल लाभांश चुकाया और अपनी आगामी सालाना आम बैठक में वित्त वर्ष 2023 के लिए लाभांश की घोषणा किए जाने की संभावना है।
अलग हुई कंपनी देश में एनबीएफसी क्षेत्र में सबसे मजबूत बैलेंस शीट में से एक के साथ शुरुआत करेगी। आरआईएल द्वारा घोषित डीमर्जर की योजना के अनुसार जियो फाइनैंशियल सर्विसेज की शुरुआत करीब 28,000 करोड़ रुपये की निवेश पूंजी के साथ होगी, जो बजाज फाइनैंस और बजाज फिनसर्व के बाद निजी एनबीएफसी क्षेत्र में तीसरा सबसे बड़ा आंकड़ा होगा।
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इससे जियो फाइनैंशियल सर्विसेज का पीबी मूल्य करीब 6 गुना पर अनुमानित है, जो बजाज फाइनैंस के 8.5 गुना से कम है, लेकिन बजाज फिनसर्व की 5.6 गुना की बुक वैल्यू से ज्यादा है। तुलनात्मक तौर पर, बजाज होल्डिंग्स ऐंड इन्वेस्टमेंट्स मौजूदा समय में अपने बहीखाता मूल्य के 2 गुना पर कारोबार करने वाली भारत की सबसे बड़ी होल्डिंग कंपनी है।
डीमर्जर के तहत, आरआईएल की अन्य सहायक रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स ऐंड होल्डिंग्स चार सहायक इकाइयों में अपनी हिस्सेदारी जियो फाइनैंशियल सर्विसेज को स्थानांतरित करेगी। ये चार सहायक इकाइयां हैं – रिलायंस रिटेल फाइनैंस, रिलायंस इंश्योरेंस ब्रोकिंग, रिलायंस पेमेंट सॉल्युशंस और जियो इन्फॉर्मेशन एग्रीगेटर सर्विसेज। इन निवेश का मूल्य करीब 3,531 करोड़ रुपये है।