facebookmetapixel
सरकार का बड़ा प्लान! क्या मुंबई 2029 तक जाम और भीड़ से मुक्त हो पाएगीसस्ते स्टील पर बड़ा प्रहार! भारत ने वियतनाम पर 5 साल का अतिरिक्त टैक्स लगाया45% तक मिल सकता है रिटर्न! शानदार नतीजों के बाद Vodafone Idea, Bharti Airtel में तगड़ी तेजी का सिग्नलदिग्गज Defence Stock बन सकता है पोर्टफोलियो का स्टार, ब्रोकरेज का दावा- वैल्यूएशन तगड़ा; 35% रिटर्न का मौका2025 में 7% की रफ्तार से बढ़ेगी भारत की GDP, मूडीज ने जताया अनुमान35% गिर सकता है ये सरकारी Railway Stock! ब्रोकरेज का दावा, वैल्यूएशन है महंगाक्या सोने की बढ़ती कीमतें आने वाली महंगाई का संकेत दे रही हैं? एक्सपर्ट ने दिया बड़ा संकेतPhysicsWallah या Emmvee या Tenneco! किस IPO में पैसा लगाने रहेगा फायदेमंद, जान लेंPhysicsWallah IPO: सब्सक्राइब करने का आखिरी मौका, जानें GMP और ब्रोकरेज का नजरियाGold and Silver Price Today: सोना ₹1.26 लाख के पार, चांदी ₹1.64 लाख के करीब; दोनों मेटल में जोरदार तेजी

मंदी में भी जोखिम उठाने का दम

Last Updated- December 07, 2022 | 7:42 PM IST

शेयर बाजार में आई गिरावट और रियल एस्टेट वेल्युएशन में आई कमी के बाद भी भारतीय अब भी जोखिम लेने को तैयार हैं। यह बात जारी एक सर्वे में कही गई है।


बारक्ले वेल्थ-इकनॉमिस्ट, इंटेलिजेंस यूनिट ने बाजार में छाई अनिश्चितता के दौर में संपन्न निवेशकों के दृष्टिकोण और व्यवहार का अध्ययन किया है। इसमें यह बात सामने आई है कि 40 फीसदी भारतीय निवेशकों के पोर्टफोलियो में जोखिम के स्तर में इजाफा करेंगे। इस लिहाज से भारत तीसरे स्थान पर है।

ये वे बाजीगर निवेशक हैं जो बाजार में छाई अनिश्चितता के दौर में भी अपने पोर्टफोलियो में जोखिम का दायरा बढा सकते है। इसी सूची में संयुक्त अरब अमीरात में 43 फीसदी ऐसे निवशकों के साथ चोटी पर है जबकि चीन ऐसे 41 फीसदी निवेशकों के साथ दूसरे स्थान पर है। इस समय आर्थिक संकट के भंवर में फंसे अमेरिका में इस तरह के निवेशक 36 फीसदी हैं।

भारत में 48 फीसदी ऐसे निवेशक हैं जो इस दौर में भी प्रॉपर्टी में पैसा लगाना चाहते हैं। इसी तरह 34 फीसदी अन्य निवेशक घरेलू बाजार में इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं। बार्क्ले के इस सर्वे शामिल एक तिहाई ऐसे लोग हैं जो विदेशी शेयरों में निवेश करना चाहते हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा विदेश में निवेश में लगी रोक को हटाए जाने के बाद अब कई भारतीय विदेशी शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं और वहां प्रापर्टी भी खरीद रहे हैं। निवेश सलाहकारों के अनुसार हाई नेट वर्थ वाले कई भारतीय निवेशक अब लेटिन अमेरिका और पश्चिम एशिया में निवेश के अवसर तलाश रहे हैं।

भारतीय प्रॉपर्टी से जुडे निवेश में भी आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) देशों से बहुत आगे हैं। यहां के 37 फीसदी निवेशकों ने रियल एस्टेट में दांव लगाने की इच्छा जताई है। ज्ञातव्य है कि हाल के महीनों में बढ़ी ब्याज दरों ने रियल एस्टेट क्षेत्र की कमर ही तोड़ दी है। जनवरी 2008 से अब तक इसके शेयरों में 60 फीसदी की गिरावट हो चुकी है।

रिपोर्ट के अनुसार यह भविष्य में घरों की अच्छी कीमतों का सकारात्मक संदेश है, लेकिन कुछ तेजी से बढ़ते बाजारों में इसमें गहराई का अभाव है। यहां पर विकसित बाजारों की तुलना में विकल्प बेहद सीमित हैं। इसके बाद भी प्रॉपर्टी को लेकर इन उभरते बाजारों से निवेशकों की काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया सामने आई है।

भले ही निवेशक जोखिम को तैयार हों, लेकिन बाजार में छाई अनिश्चितता के चलते उनके लिए किसी व्यक्तिगत निवेश को ट्रैक करना कुल पोर्टफोलियो की तरह आसान नहीं होगा। आधे से अधिक निवेशक  किसी एक शेयर का प्रदर्शन साप्ताहिक आधार पर ही टै्रक कर सकेंगे, न कि प्रतिदिन के आधार पर ।

रिपोर्ट के अनुसार किसी विशेष एसेट के प्रदर्शन पर ही ध्यान केंद्रित करने के कारण ही निवेशक इस तरह का निर्णय लेने को विवश हुए हों, यह तब ही तर्कसंगत हो सकता है जब यह किसी विशेष एसेट के पर ही आधारित हो, लेकिन कुल पोर्टफोलियो के आधार पर यह पूरी तरह अविवेकपूर्ण है।

रिपोर्ट के अनुसार कई निवेशक ऐसे हैं जिन्होंने अपने निवेश सलाहकार और बैंकर्स बदले हैं। इस सर्वे 2,300 धनी निवेशकों के बीच किया गया, जिनकी परिसंपत्तियां 9 लाख डॉलर से 30 लाख डॉलर के बीच थीं।

First Published - September 2, 2008 | 10:10 PM IST

संबंधित पोस्ट