Swiggy QIP: फूड और ई-कॉमर्स डिलीवरी कंपनी Swiggy के शेयरों में सोमवार, 9 दिसंबर को बढ़त देखने को मिली। कंपनी की QIP योजना को उसके शेयरधारकों ने मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी कंपनी की वित्त वर्ष 2025-26 की पहली EGM में मिली। बाजार खुलते समय स्विगी के शेयर ₹384 पर थे, लेकिन शुरुआती कारोबार में ही बढ़कर ₹399.20 के ऊपरी स्तर पर पहुंच गए। सुबह 11:57 बजे शेयर ₹393.60 के आसपास थे, यानी लगभग 2.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे। कंपनी के शेयर लगातार तीन ट्रेडिंग सत्रों से बढ़ रहे हैं और 200-दिवसीय मूविंग एवरेज के ऊपर ट्रेड कर रहे हैं।
कंपनी ने बताया कि उसके शेयरधारकों ने यह मंजूरी दे दी है कि स्विगी अब QIP के जरिए 10,000 करोड़ रुपये तक पैसे जुटा सकती है। वोटिंग में 76.40% शेयरधारक शामिल हुए और उनमें से 99.47% लोगों ने इस योजना को हां कहा।
स्विगी का कहना है कि 14 नवंबर 2025 को भेजे गए नोटिस में जो प्रस्ताव दिया गया था, उसे बड़ी बहुमत से पास कर दिया गया है। कंपनी के बोर्ड ने इस फंड जुटाने के प्लान को नवंबर में ही मंजूरी दे दी थी। खबरों के मुताबिक, इस शेयर बिक्री को संभालने के लिए स्विगी ने Citigroup, JPMorgan Chase और Kotak Mahindra Capital को चुना है। QIP एक तरीका है जिसमें कंपनी बड़े-बड़े निवेशकों को अपने शेयर बेचकर पैसे जुटाती है।
कंपनी ने कहा है कि QIP से जो पैसा आएगा, उसे कंपनी की आर्थिक हालत मजबूत करने, नए बिजनेस मौके बढ़ाने, और अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने में लगाया जाएगा। स्विगी के लिए यह पैसा बहुत मायने रखता है, क्योंकि नवंबर 2024 में शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद यह पहली बार है कि कंपनी इतना बड़ा फंड जुटा रही है। जब स्विगी शेयर बाजार में आई थी, तब उसके शेयर ₹390 के भाव पर बेचे गए थे और शुरुआत में ही 8% ज्यादा कीमत पर लिस्ट हुए थे।
स्विगी ने दूसरी तिमाही (Q2) के नतीजे बताए हैं। कंपनी को इस बार ₹1,092 करोड़ का नुकसान हुआ है, जो पिछले साल इसी समय ₹626 करोड़ था। यानी इस बार घाटा पहले से काफी ज्यादा है। लेकिन अच्छी बात यह है कि कंपनी की कमाई बढ़ी है। स्विगी की कुल आय बढ़कर ₹5,561 करोड़ हो गई, जबकि पिछले साल यह ₹3,601 करोड़ थी। स्विगी का मुकाबला Zomato से है, जो इस बाजार में पहले से ही मजबूत प्लेयर है। इसी वजह से दोनों के बीच प्रतियोगिता काफी तेज बनी हुई है।