डिजिटल बदलाव पर ध्यान केंद्रित करते हुए आईटी क्षेत्र के ग्राहकों द्वारा बड़े सौदों के बजाय छोटे एवं मझोले सौदों पर जोर दिए जाने के कारण मिडकैप आईटी कंपनियों की वृद्धि को उल्लेखनीय रफ्तार मिलती दिख रही है। इससे उत्साहित मिडकैप आईटी कंपनियों ने न केवल राजस्व वृद्धि के मोर्चे पर बेहतर प्रदर्शन किए हैं बल्कि आपूर्ति पक्ष के व्यवधान से निपटने में भी उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। इससे मार्जिन के मोर्चे पर बड़ी आईटी कंपनियों का प्रदर्शन प्रभावित हुआ है।
पुणे की कंपनी परसिस्टेंट सिस्टम्स का ही उदाहरण लेते हैं। परसिस्टेंट सिस्टम्स का राजस्व क्रमिक आधार पर 9.2 फीसदी और सालाना आधार पर 38.7 फीसदी की बढ़कर 1,491.7 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा उसके मार्जिन में भी 10 आधार अंकों की वृद्धि दर्ज की गई। कंपनी ने इस तथ्य के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया कि तिमाही के दौरान कर्मचारियों द्वारा कंपनी छोडऩे के कारण उसकी लागत बढ़ गई और सबकॉन्ट्रैक्टर लागत में इजाफा हुआ।
डॉलैट कैपिटल के राहुल जैन और दिव्यांश मेहता ने अपनी एक शोध रिपोर्ट में कहा है, ‘हमारा मानना है कि परसिस्टेंट एवं अन्य टियर-2 आईटी कंपनियां की दमदार वृद्धि रफ्तार अगली 5 से 6 तिमाहियों तक बरकरार रहेगी (इससे वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2024 के दौरान राजस्व में दो अंकों की वृद्धि होने की उम्मीद है) और इस प्रकार वे 35 से 40 गुना के अपने मौजूदा मूल्यांकन को बरकरार रखेंगी जो पीईजी आधार पर 1.5 गुना से अधिक होती है। हम 4,400 रुपये प्रति शेयर (पूर्व में 4,300 रुपये) के टीपी के साथ वित्त वर्ष 2024 में 122.3 रुपये (पूर्व में 119.3 रुपये) के आय अनुमान पर मौजूदा पीएसवाईएस मूल्य को 36 गुना (पूर्व में 36 गुना) आंकते हैं।’
परसिस्टेंट का प्रदर्शन उसके विलय एवं अधिग्रहण नीति से भी प्रभावित हुआ। कंपनी ने भुगतान समाधान कंपनी एससीआई और श्री पार्टनर का अधिग्रहण किया। परसिस्टेंट सिस्टम्स के मुख्य कार्याधिकारी एवं कार्यकारी निदेशक संदीप कालरा ने वित्तीय नतीजे जारी करने के बाद बातचीत के दौरान कहा, ‘हम लगातार तीन तिमाही से 9 फीसदी की क्रमिक वृद्धि दर्ज कर रहे हैं और हमारे पास दमदार संभावित सौदे हैं। आगे की वृद्धि के लिए बाजार की परिस्थितियां भी अच्छी हैं।’
इसी प्रकार, एलऐंडटी इन्फोटेक ने भी दमदार प्रदर्शन दर्ज किया है। तिमाही के दौरान एलऐंडटी इन्फोटेक के राजस्व में स्थिर मुद्रा आधार पर 9.2 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई और उसके मार्जिन में 70 आधार अंकों की बढ़ोतरी हुई। तिमाही के दौरान कंपनी 27 लोगो को खुद के नेटवर्क से जोडऩे में सफल रही जो किसी एक तिमाही के दौरान किया गया सबसे अधिक अधिग्रहण है।
आईसीआईसीआई डायरेक्ट रिसर्च ने कंपनी के प्रदर्शन पर जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, ‘एंड-टु-एंड समाधान डिलिवर करने संबंधी एलऐंडटी इन्फोटेक की क्षमता से उसे उद्योग में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज करने में मदद मिली होगी। बड़े सौदे हासिल करने की उसकी क्षमता, आला श्रेणियों में मौजूदगी, ग्राहकों को प्रभावी तौर पर आकर्षित करने की क्षमता, फॉर्चुन 500 ग्राहकों को जोडऩे और डिजिटल कारोबार पर ध्यान केंद्रित करने से कंपनी को भविष्य में मूल्य के मोर्चे पर रफ्तार मिलेगी। इसके अलावा वेंडरों के सुदृढीकरण एवं डिजिटल पर जोर से भी उसे फायदा मिलेगा। हम उम्मीद करते हैं कि एलऐंडटी इन्फोटेक वित्त वर्ष 2021 से 2024 के दौरान राजस्व में 20 फीसदी सीएजीआर की वृद्धि दर्ज करेगी। पिछले पांच साल के दौरान एलऐंडटी के शेयर मूल्य में 10.7 गुना से अधिक की वृद्धि हो चुकी है।’
कई मिडकैप आईटी कंपनियों के लिए सौदे के आकार में कमी का मतलब यह भी है कि उन्हें बड़ी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने का बराबर अवसर मिल रहा है। आमतौर पर मिडकैप आईटी कंपनियों के सौदों का आकार 2.5 से 3 करेाड़ डॉलर के दायरे में होता है।
आईटी आउटसोर्सिंग सलाहकार फर्म पारीख कंसल्टिंग के संस्थापक पारीख जैन ने कहा, ‘सौदों के आकार छोटे होने के साथ ही मिडकैप आईटी कंपनियां बड़े सौदे हासिल करने लगे हैं।’