facebookmetapixel
Axis MF ने उतारा नया फंड; ₹100 से निवेश शुरू; इस हाइब्रिड FoF में क्या है खास?हैवीवेट Tata Stock पर 3 ब्रोकरेज ने अपग्रेड की रेटिंग, मोतीलाल ओसवाल भी बुलिश; ₹224 तक के टारगेट8th Pay Commission: 1 जनवरी से लागू होगा 8वां वेतन आयोग, कैनिबेट से टर्म ऑफ रेफरेंस को मंजूरीक्यों चर्चा में है HDFC बैंक? Credit Suisse बॉन्ड का पूरा मामला जानेंसोने-चांदी की कीमतों में तेज गिरावट, सोना ₹1.20 लाख और चांदी ₹1.40 लाख से नीचे आईभारत में बनेंगे पैसेंजर एयरक्रॉफ्ट, HAL और रूस की UAC के बीच SJ-100 के लिए बड़ा कराररूसी तेल बैन के बीच Reliance, ONGC और ऑयल कंपनियों के शेयरों पर 19% तक रिटर्न का मौका! चेक करें चार्टSIP का सच: वो सच्चाई जिसे ज्यादातर निवेशक नजरअंदाज करते हैंअब ChatGPT Go का 1 साल तक फ्री एक्सेस, OpenAI का प्रमोशनल ऑफर 4 नवंबर से शुरूभारत vs चीन: अंबानी या झोंग – कौन है एशिया का सबसे अमीर?

कमजोर प्रतिफल के बीच इ​क्विटी फंडों में फ्लो दमदार

कुल इ​क्विटी AUM में SIP का योगदान अब 34 फीसदी है जो वित्त वर्ष 2019 के अंत में 25 फीसदी था

Last Updated- April 18, 2023 | 6:57 PM IST
Equirus Wealth's AUM crosses Rs 10,000 crore इक्विरस वेल्थ का AUM 10,000 करोड़ रुपये के पार
BS

पिछले दशक में पहली बार ऐसा देखने को मिला है कि इ​क्विटी म्युचुअल फंडों (MF) में निवेश फ्लो इ​क्विटी बाजार के पिछले प्रदर्शन से इस मायने में काफी अलग रहा है कि निवेशकों ने सुस्त प्रतिफल के बावजूद निवेश बरकरार रखा है।

कोटक इंस्टीट्यूशनल इ​क्विटीज (KIE) द्वारा किए गए रिसर्च से पता चला है कि कई योजनाओं के लिए कमजोर एक वर्षीय प्रतिफल के बावजूद नवंबर 2022 से इ​क्विटी फंडों में निवेश प्रवाह मजबूत बना हुआ है। अध्ययन से पता चला है कि जनवरी 2021 के बाद से इ​क्विटी बाजार में कमजोर प्रदर्शन के पिछले हरेक दौर में 6 महीने की अव​धि के बाद पूंजी प्रवाह घट गया था।

पिछले रुझान से अलग, इस बार SIP के जरिये किए जाने वाले मजबूत प्रवाह, ऊंचे एकमुश्त निवेश और कम बिकवाली से मदद मिली। खासकर इ​क्विटी योजनाओं से जुड़ा SIP फ्लो अक्टूबर 2022 से 13,000 करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है।

KIE की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछली बार जब इ​क्विटी बाजार ने जुलाई 2018 से जुलाई 2020 की अव​धि में कमजोर प्रदर्शन किया था, इ​क्विटी MF में 6 महीने की कमजोरी के बाद तेजी दर्ज की गई थी। हरेक तेजी के बाद इ​क्विटी प्रवाह में तेजी आती रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पिछले दशक के आंकड़े से 6 महीने बाद के एक वर्षीय प्रतिफल और म्युचुअल फंड के शुद्ध इ​क्विटी प्रवाह के बीच अंतर का पता चलता है। हालांकि हमने पिछले कुछ महीनों में विपरीत हालात दर्ज किए हैं, क्योंकि बाजार प्रतिफल एक अंक में ठहरा रहा, जबकि शुद्ध पूंजी प्रवाह नवंबर 2022 के करीब शून्य से तेजी से बढ़कर मार्च 2023 में 20,000 करोड़ रुपये की ऊंचाई पर पहुंच गया।’

हालांकि इसका अंदाजा लगाना कठिन है कि क्या यह अंतर अस्थायी है या स्थायी, लेकिन यदि बाजार से SIP फ्लो (जैसा कि 2021 के शुरू से देखा गया) को अलग रखकर आकलन किया जाए तो इ​क्विटी बाजार प्रदर्शन और MF फ्लो के बीच संबंध कमजोर माना जा सकता है।

यह भी पढ़ें : भारत में साल 2022 के दौरान रिकॉर्ड डिजिटल पेमेंट, यह शहर रहा सबसे आगे

SIP विकल्प के लिए खुदरा निवेशकों की बढ़ती पसंद से कुल प्रबंधन अधीन परिसंप​त्तियों (AUM) में SIP की भागीदारी को बढ़ावा मिला है। आंकड़े से पता चलता है कि कुल इ​क्विटी AUM में SIP का योगदान अब 34 फीसदी है जो वित्त वर्ष 2019 के अंत में 25 फीसदी था।

मजबूत SIP प्रवाह के अलावा, निवेशक धारणा में एक सामान्य बदलाव इ​क्विटी में निवेश करने के रुझान से जुड़ा हुआ है। नवंबर 2022 में ICICI डायरेक्ट ने कहा था कि निवेशक पिछले कुछ वर्षों में बाजार में अवसर तलाशने की को​​शिश कर रहे थे और ज्यादा उतार-चढ़ाव के समय में भी निवेश करने को तैयार थे।

अध्ययन के अनुसार, पिछले चार-पांच साल में कम से कम तीन ऐसे उदाहरण देखने को मिले जब निवेशकों ने उस हालात में म्युचुअल फंडों में अपना इ​क्विटी निवेश बढ़ाया, जब बाजार गिर रहा था। इसी तरह, बाजार में तेजी के बाद वे अपना निवेश भुनाते दिखे।

First Published - April 18, 2023 | 6:57 PM IST

संबंधित पोस्ट