एफएमसीजी शेयरों में नुकसान के बीच बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी आठ कारोबारी सत्रों में पहली बार मंगलवार को कमजोरी के साथ बंद हुए। कारोबारी सत्र में 62,245 अंक के उच्चस्तर पर पहुंचने के बाद सेंसेक्स अंत में 49 अंकों की गिरावट के साथ 61,716 पर बंद हुआ। 50 शेयरों वाला निफ्टी भी अंत में 0.3 फीसदी की गिरावट के साथ 18,419 अंक पर बंद हुआ। पिछले कारोबारी सत्र में दोनों सूचकांक रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए थे और सात कारोबारी सत्र में कुल मिलाकर 5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की थी।
हिंदुस्तान यूनिलीवर की आय को लेकर निराशा ने बाजार के प्रदर्शन पर असर डाला। कंपनी ने हालांकि मुनाफे के अनुमान को पूरा कर लिया, लेकिन कच्च्चे माल की बढ़ती कीमत से मार्जिन पर पड़े असर ने बाजार को निराश किया। एचयूएल का शेयर 4.1 फीसदी टूटकर 2,546 रुपये पर बंद हुआ। उद्योग की दिग्गज आईटीसी का शेयर 6.2 फीसदी की गिरावट के साथ 246 रुपये पर टिका। सेंसेक्स में शामिल शेयरों में ये दोनों शेयर सबसे ज्यादा टूटे और इंडेक्स को 215 अंक नीचे खींचा। तकनीकी और बैंंकिंग शेयरों में तेजी से नुकसान की भरपाई में मदद मिली। टेक महिंद्रा का शेयर सबसे ज्यादा 4 फीसदी चढ़ा, वहीं इन्फोसिस का शेयर 1.6 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुआ। एचडीएफसी बैंंक व कोटक बैंक के शेयर में एक-एक फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई।
मंगलवार को कुल मिलाकर बाजार में चढऩे व गिरने वाले शेयरों का अनुपात कमजोर रहा और बीएसई पर सिर्फ 979 शेयर चढ़े जबकि 2,382 शेयरों में गिरावट आई।
व्यापक बाजार में तेज गिरावट देखने को मिली। निफ्टी मिडकैप-100 में 2.2 फीसदी की फिसलन देखने को मिली जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 1.7 फीसदी की गिरावट आई। गिरने वाले अन्य अहम शेयरों मेंं टाटा मोटर्स (4.9 फीसदी) और आयशर मोटर्स (4.5 फीसदी) के शेयर शामिल रहे।
तकनीक व ऊर्जा को छोड़कर बीएसई के सभी क्षेत्रीय सूचकांक नुकसान के साथ बंद हुए। बीएसई रियल्टी और बीएसई एफएमसीजी में सबसे ज्यादा क्रमश: 4.6 फीसदी व 3.1 फीसदी की गिरावट आई। विशेषज्ञों ने कहा कि अगस्त के बाद से आई तेजी ने बाजार में जोखिम-प्रतिफल अनुकूल हो गया है। उनका कहना है कि बॉन्ड प्रतिफल और जिंस में तेजी से बाजारों पर दबाव पड़ सकता है। कंपनियों की आय में किसी तरह की निराशा से बाजार में हलचल मच सकती है क्योंंकि प्रीमियम अभी उच्चस्तर पर बना हुआ है।
नतीजे घोषित करने वाले निफ्टी शेयरों में अभी तक आईटी कंपनियां ही विश्लेषकों के अनुमान को मात देने में कामयाब रही हैं, वहीं एफएमसीजी ने निराश किया है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के प्रमुख (खुदरा शोध) सिद्धार्थ खेमका ने कहा, मांग में तेजी और कंपनियों के अच्छे तिमाही नतीजों ने निवेशकों की दिलचस्पी बनाए रखा है। हालांकि जिंस व ऊर्जा की बढ़ती कीमतें चिंता का कारण बनी हुई हैं। भारी तेजी के इस माहौल में हमें मूल्यांकन समेत विभिन्न जोखिम पर नजर डालनी चाहिए। हम निवेशकों से किसी क्षेत्र या शेयर विशेष मेंं बने रहने की सलाह देंगे। चूंकि कई कंपनियां इस हफ्ते अपने नतीजे घोषित करेंगी, लिहाजा यह बाजार में उतारचढ़ाव बनाए रख सकता है।
एक दिन पहले 9 फीसदी चढऩे के बाद इंडिया वीआईएक्स इंडेक्स एक फीसदी और चढ़कर 17.4 पर पहुंच गया।