बेंचमार्क सूचकांक मंगलवार को करीब एक फीसदी चढ़ने के बाद मामूली बदलाव के साथ बंद हुए। विश्लेषकों ने कहा कि 10 वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल एक बार फिर 4 फीसदी के पार चला गया है। ऐसे में इस साल फेडरल रिजर्व की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की निवेशकों की उम्मीद धुंधली हो गई है।
उन्होंने कहा कि गुरुवार को अमेरिका में जारी होने वाले महंगाई के आंकड़े और बड़ी कंपनियों की आय के ऐलान बाजार की आगे की चाल में मदद कर सकते हैं। कारोबारी सत्र के दौरान 72,035 की ऊंचाई पर पहुंचने के बाद सेंसेक्स 31 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 71,386 पर बंद हुआ। निफ्टी दिन के उच्चस्तर 21,724 से 180 अंक नीचे आया और अंत में 32 अंक की बढ़त के साथ 21,545 पर बंद हुआ।
कारोबारी सत्र के दौरान तेजी की वजह अमेरिकी बाजारों में खास तौर से तकनीकी शेयरों में हुई बढ़ोतरी थी। हालांकि तकनीकी शेयरों की प्रमुखता वाला नैसडेक इंडेक्स सोमवार को 2.2 फीसदी चढ़ा था, लेकिन मंगलवार के कारोबार में इसकी बढ़त हवा हो गई। यूरोपीय बाजारों की कमजोर शुरुआत ने भी निवेशकों को मुनाफावसूली के लिए प्रोत्साहित किया।
Also read: Bajaj Auto का Mcap पहली बार 2 लाख करोड़ रुपये के पार, बायबैक की घोषणा के बाद शेयरों में उछाल
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिका में महंगाई में संभावित नरमी को लेकर बाजार का आशावाद अल्पावधि में दरों में कटौती को लेकर उम्मीद बंधा रहा है, जिससे बाजार की धारणा मजबूत हो रही है। लेकिन इस बीच एशियाई बाजारों और महंगे मूल्यांकन की चिंता से मिले मिश्रित संकेत से मुनाफावसूली उभर रही है।
विश्लेषकों ने कहा कि दिन के उच्चस्तर से काफी नीचे आने के बावजूद बाजार अपने अहम समर्थन स्तर से ऊपर बना हुआ है। फेडरल रिजर्व की दर कटौती की उम्मीद, मजबूत आर्थिक आंकड़े, कंपनियों की आय और राज्यों के चुनाव नतीजे अनुमान के मुताबिक रहने की उम्मीद के बीच भारतीय इक्विटी में पिछले साल तेजी दर्ज की गई थी। बाजार में चढ़ने व गिरने वाले शेयरों का अनुपात अनुकूल रहा और 2,241 शेयर चढ़े जबकि 1,606 में गिरावट आई।