पीएनबी हाउसिंग फाइनैंस (पीएचएफ) को पूंजी की जरूरत थी और वह बाहरी शेयरधारक लाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन बाजार नियामक सेबी ने उसे ऐसा करने से रोक दिया और इससे अल्पांश शेयरधारकों का हित प्रभावित हुआ। पीएचएफ के अधिवक्ता ने सोमवार को प्रतिभूति अपीलीय पंचाट (सैट) के समक्ष यह जानकारी दी।
पंचाट ने इस मामले में अपना निर्णय आरक्षित रखा है। अधिवक्ता का तर्क है कि निदेशक मंडल को दोषी ठहराना अनुचित था, क्योंकि तरजीही आवंटन कीमत निर्णायक नहीं थी और इसे विशेष प्रस्ताव के जरिये मंजूरी दिलाए जाने की जरूरत थी।
सेबी ने कंपनीज (शेयर कैपिटल ऐंड डिबेंचर्स) रूल्स, 2014 के नियम 13(1) की अनेदखी की थी और इसकी व्याख्या ने तरजीही आवंटन चाहने वाली सूचीबद्घ कंपनियों के लिए दो अलग अलग नियमों को बढ़ावा दिया था।
अधिवक्ता ने कहा, ‘यदि कंपनी के पास एओए नहीं हो तो मौजूदा नियमों की व्याख्या किस तरह से होगी? जरूरत नहीं पडऩे पर हार्मोनियस कंस्ट्रक्शन का सहारा क्यों लिया जाना चाहिए?’
उन्होंने कहा कि जहां कंपनीज ऐक्ट की धारा 62 (1)(सी) विशेष प्रस्ताव के जरिये तरजीही आवंटन की अनुमति देता है, बशर्ते कि ऐसे शेयरों की कीमत किसी पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता की मूल्यांकन रिपोर्ट के आधार पर तय की गई हो। इसे अधिनियम के खंड-3 के लागू प्रावधानों के अनुरूप स्पष्ट बनाया गया है।
उन्होंने कहा, ‘भले ही नियम 13 लागू नहीं था, लेकिन उप-खंड 62 (1)(सी) ने यह स्पष्ट बना दिया है कि कीमत पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता द्वारा निर्धारित होगी और यह धारा 24 के अनुरूप है।’
अधिवक्ता ने कहा, ‘सेबी का कहना है कि यदि निर्धारित कीमत कम है, तो आईसीडीआर लागू होगा, यदि यह ज्यादा है तो आर्टीकल ऑफ एसोसिएशन लागू होगा। कीमत का निर्धारण पंजीकृत मूल्यांकनकर्ता की मूल्यांकन रिपोर्ट द्वारा निर्धारित होगी, जिसका मतलब है कि एक कीमत होगी, जिसे कम या ज्यादा नहीं किया जा सकेगा।’
अधिवक्ता ने कहा कि पूंजी लगाने के कदम को शेयरधारकों द्वारा एक सकारात्मक घटनाक्रम के रूप में देखा गया था, क्योंकि घोषणा के बाद कंपनी की शेयर कीमत में तेजी आई। उन्होंने कहा कि सालाना बैठक के समक्ष इस बारे में हस्तक्षेप करने का प्रयास निवेशकों के हित में नहीं था।
सेबी ने कहा कि कंपनी द्वारा दायर हलफनामा ‘पूरी तरह झूठा’ था और कंपनी का एओए खासकर सूचीबद्घता के समय पेश किया गया था। उन्होंने कहा कि आईसीडीआर नियमों में कहा गया है कि तरजीही निर्गम के ऊंचे मूल्य पर कोई सीमा नहीं थी।
पीएनबी हाउसिंग द्वारा मई में तरजीही आवंटन की घोषणा की गई थी।