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Small Cap Funds: स्मॉलकैप योजनाओं में सहज हो रहा स्ट्रेस का स्तर

बड़े आकार वाली ज्यादातर स्मॉलकैप योजनाओं ने मार्च में गिरावट के बीच बाजारों में नकदी झोंकी

Last Updated- April 15, 2024 | 11:00 PM IST
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एसबीआई, ऐक्सिस और क्वांट जैसे फंडों की स्मॉलकैप योजनाओं ने स्ट्रेस टेस्ट के हालिया दौर में नकदी के मोर्चे पर सुधार देखा है। स्मॉलकैप फंड पोर्टफोलियो के 50 फीसदी हिस्से को बेचने के जरूरी दिनों की संख्या मार्च में 12 अग्रणी योजनाओं के मामले में घटकर औसतन 26.7 रह गई जो फरवरी में 27.2 थी।

एसबीआई और ऐक्सिस स्मॉलकैप फंडों ने अपना-अपना नकदी मानक सुधारने में कामयाबी पाई। स्मॉलकैप में उनका निवेश फरवरी के मुकाबले मार्च में बढ़ा। एसबीआई के स्मॉलकैप फंड की स्मॉलकैप होल्डिंग 81 फीसदी से बढ़कर 82 फीसदी हो गई।

ऐक्सिस स्मॉलकैप फंड ने भी निवेश में एक फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की। हालांकि निप्पॉन इंडिया, एचडीएफसी और कोटक जैसे फंडों की योजनाओं ने अपने पोर्टफोलियो के 50 फीसदी हिस्से को नकदी में बदलने के लिए जरूरी दिनों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की।

मार्च में स्मॉलकैप में गिरावट आई और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 4.5 फीसदी फिसल गया। 30 महीने में मार्च पहला ऐसा महीना रहा जब स्म़ॉलकैप फंड श्रेणी ने निवेश निकासी का सामना किया। निवेशकों ने पिछले महीने इन फंडों से 94 करोड़ रुपये निकाले।

ज्यादातर स्मॉलकैप योजनाओं ने गिरावट का इस्तेमाल अपनी योजनाओं में नकद निवेश में किया। हालांकि निप्पॉन इंडिया, एचडीएफसी, क्वांट, कोटक और फ्रैंकलिन टेम्पलटन की नकदी में कमी आई लेकिन 10 अग्रणी फंडों में एसबीआई, एचएसबीसी और डीएसपी ने अपनी नकदी होल्डिंग में बढ़ोतरी दर्ज की।

नकदी के आंकड़े उस नए डिस्क्लोजर का हिस्सा हैं जिसे बाजार नियामक सेबी ने अनिवार्य बनाया है। नियामक ने उच्च मूल्यांकन के बावजूद स्मॉलकैप व मिडकैप फंडों में आ रहे मजबूत निवेश को देखते हुए ऐसे टेस्ट की बात कही थी ताकि निवेशकों के बेहतर तरीके से सूचित रखा जा सके।

स्ट्रेस टेस्ट में परिसंपत्तियों को नकदी में बदलने के लिए जरूरी दिनों की संख्या का आकलन किया जाता है, जो अंतर्निहित स्टॉक के हालिया ट्रेडिंग वॉल्यूम पर आधारित होता है। उद्योग निकाय एम्फी की तरफ से तैयार फॉर्मेट में अन्य विशिष्ट शर्तें मसलन कम से कम 10 फीसदी लिक्विड होल्डिंग हटाने के बाद लिक्विडेशन के लिए प्रो-राटा को आधार बनाए जाने को शामिल किया गया है।

First Published - April 15, 2024 | 11:00 PM IST

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