वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि सरकार नैशनल स्टॉक एक्सेंचज (एनएसई) की पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी चित्रा रामकृष्णा से जुड़े विवाद पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मामले की तह तक जाएगी और इस पर विचार करेगी कि क्षेत्र के नियामक ने स्टॉक एक्सचेंज पर समुचित कार्रवाई की है या नहीं।
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के आईपीओ को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि बाजार से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। हालांकि बाजार की स्थिति को देखते हुए आईपीओ को अगले वित्त वर्ष के लिए टाला जा सकता है, पूछे जाने पर उन्होंने स्पष्ट जवाब नहीं दिया। हालांकि उन्होंने कहा, ‘एलआईसी आईपीओ का डीआरएचपी जमा कराया जा चुका है और इसे लेकर बाजार में खूब चर्चा है। हम इसके साथ आगे बढ़ेंगे।’ डीआरएचपी के अनुसार एलआईसी में सरकार 31.6 करोड़ शेयरों की बिक्री करेगी।
वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई वित्तीय स्थायित्व और विकास परिषद की बैठक में वित्तीय क्षेत्र के नियामक भी शामिल हुए। इस बैठक में वैश्विक कच्चे तेल के दाम सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया। रूस और यूक्रेन के बीच तनाव बढऩे से ब्रेंट क्रूड के दाम 99.1 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गए थे। हालांकि बाद में यह थोड़ा नरम होकर 97.86 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। वित्त मंत्री ने कहा कि रूस-यूक्रेन संकट और वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी भारत में वित्तीय स्थिरता के लिए चुनौती है। उन्होंने कहा कि हम राजनयिक तरीके से इस मसले के समाधान पर जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कच्चे तेल पर हमारी नजर है। देखते हैं यह कहां तक जाता है।
सीतारमण ने कहा कि वैश्विक स्तर पर तनाव से व्यापार पर असर नहीं पड़ा है लेकिन सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है। हम इस बात को लेकर सतर्क हैं कि निर्यातकों पर इन सबका असर नहीं पड़े। बैंकों और सामान्य बीमा कंपनियों के निजीकरण के बारे में आम बजट में कुछ नहीं कहा गया था। हालांकि वित्त मंत्री ने कहा कि विनिवेश प्रक्रिया पर सरकार काम कर रही है।
