जिस तरह से सोमवार को इंट्रा डे डील के दौरान ही Nifty 50 20,000 अंकों के आंकड़ों को पार कर गया और अपने उच्चतम स्तर पहुंच गया, तकनीकी विश्लेषक इस बात की उम्मीद जताने लगे हैं कि दिवाली तक निफ्टी 50 इंडेक्स एक नई ऊंचाई हासिल करने में कारगर हो जाएगा।
विश्लेषकों का मानना है कि Nifty 50 इंडेक्स अगले दो महीनों यानी दिवाली तक मौजूदा स्तर के मुकाबले 5 फीसदी की बढ़ते दर्ज करते हुए 21,000 अंक का आंकड़ा पार कर सकता है। बीच में बाजार में कुछ न कुछ करेक्शन होते रहेंगे, ऐसे में उनका सुझाव है कि इसका उपयोग स्टॉक शरीदने में किया जा सकता है।
JM Financial Services के डॉयरेक्टर और डेरिवेटिव रिसर्च हेड राहुल शर्मा ने कहा, ‘पिछले कुछ दिन तेज बाजार में नरमी के प्रमाण हैं। अच्छी बात यह है कि इन्फॉर्मेशन टेतक्नोलॉजी (IT), पूंजीगत सामान (capital goods) और पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (PSEs) के शेयरों की बेहतर परफॉर्मेंस देखने को मिल रही है। सबसे अधिक दबाव में रहने वाले BFSI स्टॉक फिर से पॉजिटिव स्थिति में नजर आ गए हैं। हम इस महीने निफ्टी पर 20,432 और दिवाली तक 21,000 तक पहुंचने की राह पर हैं।’
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कैलेंडर वर्ष 2023 (CY23) में अब तक, S&P BSE Sensex और Nifty 50 ने अच्छा प्रदर्शन देखा है और इस अवधि के दौरान दोनों इंडेक्सों में लगभग 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों से पता चलता है कि एसएंडपी बीएसई मिडकैप (S&P BSE Midcap) और S&P BSE स्मॉलकैप सूचकांकों ने 2023 के नौ महीनों में बेहतर परफॉर्मेंस किया है और इन दोनों में क्रमश: 30 प्रतिशत और 34 प्रतिशत के आसपास उछाल आया है।
बीएनपी पारिबा (BNP Paribas) द्वारा शेयरखान के टेक्निकल रिसर्च एनॉलिस्ट जतिन गेडिया ने कहा, डेली टेक्निकल चार्ट के अनुसार हालिया बाजार रैली से संकेत मिलता है कि बाजार में तेजी बनी रहेगी।’
इस बीच, 2023 के इन नौ महीनों में मार्केट रैली फॉरेन फ्लो से प्रेरित रही है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने कैलेंडर वर्ष 2023 (CY23) में अब तक भारतीय इक्विटी में नेट 131,703 करोड़ रुपये का निवेश किया है और 2022 में इसी अवधि के दौरान 170,555 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी भी हुई है। FPI ने म्यूचुअल फंड (MF) में 80,108 करोड़ रुपये का इनवेस्टमेंट किया है। इस अवधि के दौरान घरेलू संस्थानों (DII) द्वारा 115,755 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
हालांकि, सितंबर में FPI ने शुद्ध रूप से 5,558 करोड़ रुपये निकाले। वॉटरफील्ड एडवाइजर्स (Waterfield Advisors) के डॉयरेक्टर केदार कदम के अनुसार, यह अमेरिकी ट्रेजरी का प्रतिफल (yields) बढ़ने और अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने के कारण शुरू हुआ था। हालांकि बाजार का व्यापक रुझान तेजी का बना हुआ है। कदम को उम्मीद है कि जल्द ही कुछ मुनाफावसूली (profit booking) सामने आएगी। उन्होंने सुझाव दिया कि निवेशकों को लॉन्ग टर्म के लिए खरीदारी करनी चाहिए।
कदम ने कहा, ‘इस मार्केट रैली के कुछ जोखिमों में महंगाई दर, अनियमित मौसम की स्थिति, कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, धीमी ग्लोबल ग्रोथ और घरेलू निर्यात पर परिणामी प्रभाव, भू-राजनीतिक तनाव में वृद्धि शामिल है। यह कहने के बाद, हम कॉरपोरेट भारत और अर्थव्यवस्था की लॉन्ग टर्म अर्निंग ग्रोथ संभावनाओं के बारे में आशावादी बने हुए हैं।’