Stock Market Fall: भारतीय शेयर बाजारों में पिछले कुछ हफ्तों से गिरावट देखी जा रही है। ब्रोडर मार्केटस में दबाव और भी ज्यादा देखना को मिला है। निफ्टी 500 इंडेक्स के 500 में से 404 स्टॉक अपने 200 दिन के मूविंग एवरेज (DMA) से नीचे चल रहे हैं।
टेक्नीकल आधार से 200-डीएमए को तेजी और मंदी की ट्रेंड को निर्धारित करने के लिए प्रमुख संकेतक माना जाता है। एक स्टॉक या इंडेक्स जो 200-डीएमए से नीचे कारोबार कर रहा है उसे मंदी के रुख में माना जाता है।
निफ्टी 500 इंडेक्स के स्टॉक होनासा कंज्यूमर, स्टर्लिंग और विल्सन रिन्यूएबल एनर्जी, व्हर्लपूल ऑफ इंडिया और अदाणी ग्रीन एनर्जी ने 27 सितंबर, 2024 से 52 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुके हैं। 27 सितंबर, 2024 को बाजार ने अपना ऑल टाइम हाई बनाया था।
इस अवधि के दौरान चेन्नई पेट्रोलियम, शोभा, राजेश एक्सपोर्ट्स, थर्मैक्स, एचएफसीएल, ज्यूपिटर वैगन्स, राइट्स, पीवीआर आईनॉक्स, शिपिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, गोदरेज प्रॉपर्टीज, सुजलॉन एनर्जी, एनसीसी, स्टार हेल्थ, श्री रेणुका शुगर्स और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज में भी 30 से 50 फीसदी तक की गिरावट आई है।
वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में डायरेक्टर (इक्विटी स्ट्रेटिजी) क्रांति बथिनी ने कहा, ”दिसंबर 2024 (Q3-FY25) तिमाही की आय अच्छी नहीं थी। वैल्यूएशन भी महंगे थे। इसलिए हम अब कुछ वैल्यूएशन के आधार पर में बाजार में करेक्शन देख रहे है।”
बथिनी ने कहा कि लिक्विडिटी कम होने के कारण बिकवाली का दबाव होने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इस वजह से इन मिडकैप और स्माल कैप स्टॉक्स में अन्य शेयरों की तुलना में भारी गिरावट देखी जा रही है। हालांकि, उन्होंने मार्च तिमाही में कंपनियों के नतीजे अच्छे रहने की उम्मीद जताई है।
उन्होंने कहा कि अमेरिका द्वारा शुरू किए गए वैश्विक टैरिफ वॉर को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा बाजार के लिए अगले प्रमुख ट्रिगर के रूप में काम करेगी।
एनएसई निफ्टी 50 इंडेक्स भी अपने 200-डीएमए से नीचे कारोबार कर रहा है, जो अब 24,046 पर है। 11 फरवरी तक निफ्टी 50 में से 35 शेयर लंबी अवधि के मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार करते देखे गए। इनमें प्रमुख रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, लार्सन एंड टुब्रो और अदाणी ग्रुप के शेयर शामिल हैं।
एसीई इक्विटी डेटा से पता चलता है कि निफ्टी मिडकैप 150 और निफ्टी स्मॉलकैप 250 इंडेक्स के भीतर क्रमशः 118 और 204 स्टॉक अपने 200-डीएमए से नीचे कारोबार कर रहे हैं।
एनालिस्ट्स का कहना है कि घरेलू मोर्चे पर कंपनियों के नरम नतीजे, रुपये की चाल जबकि ग्लोबल लेवल पर डोनल्ड ट्रम्प के टैरिफ वॉर जैसे कारकों से शॉर्ट टर्म में शेयर बाजार अस्थिर रहेगा।
उनका मानना है कि चिंता के बादल अभी बने रह सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि हालिया करेक्शन के बावजूद चुनिंदा शेयरों का वैल्यूएशन अभी भी बढ़ा हुआ दिख रहा है।
एंजेल वन में रिसर्च प्रमुख (टेक्नीकल और डेरिवेटिव) समीत चव्हाण ने कहा, “वैश्विक स्तर पर घटनाक्रमों के संभावित जोखिमों का आकलन करना महत्वपूर्ण है। यदि निफ्टी 23,000 अंक से नीचे गिरना जारी रखता है, तो बिकवाली और तेज हो सकती है और शॉर्ट टर्म में इंडेक्स 22,800 – 22,750 तक पहुंच सकता है। इसके उलट 23,250 – 23,350 की ओर कोई भी पलटाव एक मध्यवर्ती प्रतिरोध के रूप में काम कर सकता है। इसके बाद 23400 (20 डीईएमए) और 23500 के आसपास महत्वपूर्ण बाधाएं आ सकती है।”