शनिवार को आए एक्जिट पोल (Exit Poll) के बाद सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में भरपूर उत्साह देखने को मिला। सेंसेक्स (Sensex) शुरुआत में ही 2,600 अंक चढ़कर 76,500 के पार पहुंच गया। निफ्टी-50 (Nifty-50) सूचकांक भी दिन के कारोबार में 800 अंक से ज्यादा की तेजी के साथ 23,300 के स्तर से आगे निकल गया।
विश्लेषकों का कहना है कि चुनाव परिणामों के बाद बाजार के स्थिर होने की संभावना है और उसका ध्यान वृहद अर्थव्यवस्था के बुनियादी तत्वों, वैश्विक भू-राजनीतिक घटनाक्रम तथा विश्व के केंद्रीय बैंकों के ब्याज दर संबंधी कदम पर रहेगा।
भारत की बात करें तो उसका मुख्य ध्यान नई सरकार के 100-दिन के एजेंडे और उसके बाद जुलाई 2024 में पूर्ण बजट पर रहेगा। इसके अलावा मॉनूसन की चाल, मुद्रास्फीति के आंकड़ों और ब्याज दरों के बारे में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की नीति पर भी उसकी नजर रहेगी।
वेलेंटिस एडवायजर्स के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक ज्योतिवर्द्धन जयपुरिया ने कहा कि बाजार को इस तरह के एग्जिट पोल के अनुमानों की उम्मीद नहीं थी। उनका मानना है कि लोग एग्जिट पोल से पहले इसे लेकर बंटे हुए थे कि भाजपा/राजग को कितनी सीटें मिलेंगी।
जयपुरिया ने कहा, ‘किसी ने नहीं सोचा था कि राजग 400 के इतने करीब या 400+ सीटों का लक्ष्य भी पार कर सकता है। हालांकि शेयर भाव सस्ते नहीं हैं, लेकिन बाजार अब नई सरकार के 100-दिन के एजेंडे और उसके बाद बजट पर फोकस करेगा। पूंजीगत लाभ कर ढांचे में बदलाव से उत्साह काफूर हो सकता है। वरना, सेंसेक्स अगले कुछ महीनों में 80,000 का आंकड़ा छूने की ओर तेजी से अग्रसर है, हालांकि इसमें बीच-बीच में गिरावट आ सकती है।’
तकनीकी स्तर पर भी विश्लेषक बाजार को लेकर उत्साहित बने हुए हैं। उनका मानना है कि सेंसेक्स (Sensex) आने वाले महीनों में ऊंचे स्तरों पर पहुंचेगा।
रेलिगेयर ब्रोकिंग में शोध मामलों के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजीत मिश्र ने कहा कि निफ्टी के लिए 23,400 के स्तर पर नजर रखे जाने की जरूरत है। अगर सूचकांक इसे पार करने में सफल रहा और कुछ समय तक इससे ऊपर डटा रहा तो बाजार ऊपर की ओर बढ़ सकता है।
सतर्कता जरूरी
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (केआईई) के विश्लेषकों का मानना है कि सरकार भविष्य में किफायती हेल्थकेयर और आवास, ऊर्जा पारेषण, बुनियादी ढांचा विकास (रक्षा, रेलवे और सड़क) और विनिर्माण जैसे अहम क्षेत्रों पर अपना ध्यान बनाए रखेगी।
उन्होंने एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि बाजार में कई सकारात्मक बातों का असर पहले ही दिख चुका है और खासकर पीएसयू जैसे क्षेत्रों का मूल्यांकन एक हद तक बढ़ चुका है। कोटक का मानना है कि इसलिए बाजार में कम ही मौके हैं। कई शेयरों का बाजार पूंजीकरण काफी बढ़ गया है।