Lotus Chocolate Share Price: एशिया के सबसे अमीर उद्योगपति मुकेश अंबानी की चॉकलेट बनाने वाली कंपनी के शेयरों में शानदार ग्रोथ देखने को मिल रही है। इसके शेयर जुलाई महीने में अब तक 75 फीसदी से ज्यादा की उछाल दर्ज कर चुके हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के तहत आने वाली इस कंपनी का नाम लोटस चॉकलेट (Lotus Chocolate) है। लोटस चॉकलेट के शेयरों ने निवेशकों को एक साल में 247 फीसदी के करीब रिटर्न दिया है।
आज यानी कारोबारी सप्ताह के पहले की दिन कंपनी के शेयरो में 5 फीसदी का अपर सर्किट लगा और इसके शेयर 1035.05 रुपये पर बंद हो गए। आज शेयरों में लगा अपर सर्किट लगातार कारोबारी दिनों में 8वें दिन लगने वाला अपर सर्किट था।
लोटस चॉकलेट के शेयरों ने 1 सप्ताह में करीब 28 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि पिछले 9 दिनों में इसके शेयरों में 52 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। 22 जुलाई को कंपनी के शेयर 811.10 रुपये पर पहुंच गए थे, जबकि 15 जुलाई को 700 रुपये के करीब थे।
गौरतलब है कि रिलायंस कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (RCPL) रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) की सब्सिडियरी कंपनी है। RCPL रोजाना के यूज होने वाले सामान यानी FMCG बिजनेस चलाने वाली कंपनी है।
लोटस चॉकलेट कंपनी मुख्य रूप से चॉकलेट, कोको प्रोडक्ट्स और इसी तरह के अन्य प्रोडक्ट्स बनाती है। लोटस चॉकलेट सिर्फ BSE पर लिस्टेड कंपनी है। ये NSE पर लिस्टेड नहीं है। मुकेश अंबानी की कंपनी RCPL ने लोटस चॉकलेट को पिछले साल 24 मई 2023 को लोटस चॉकलेट कंपनी को खरीद लिया था। इसके बाद से कंपनी अन्य बड़ी FMCG कंपनियों, जैसे- ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज (Britannia Industries) और नेश्ले इंडिया (Nestle India) को टक्कर दे रही है।
कंपनी की स्थापना 1989 में हुई थी और ऑपरेशन 1992 में शुरू हुआ था। ‘चकल्स’ (Chuckles) लोटस चॉकलेट का एक प्रमुख ब्रांड है जो बच्चों के बीच काफी फेमस है। लोटस चॉकलेट के प्रोडक्ट्स लोकल बेकरी से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियों तक, दुनिया भर में चॉकलेट मेकर्स और चॉकलेट यूजर्स को सप्लाई करती है।
लोटस चॉकलेट ने वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही का रिजल्ट्स (Lotus Chocolate Q1 Results 2025) 17 जुलाई को जारी किया था। रिजल्ट के मुताबिक, Q1FY25 में सालाना आधार पर (YoY) लोटस चॉकलेट का रेवेन्यू 337.4% और नेट मुनाफा (net profit) 4700.87% बढ़ गया। कंपनी का मुनाफा Q1FY25 में 9. 41 करोड़ रुपये रहा था, जबकि उससे पिछली तिमाही (Q1FY24) में 19.60 लाख रुपये रहा था।
इसी तरह इसका रेवेन्यू भी Q1FY25 में बढ़कर 141. 3 करोड़ रुपये हो गया, जबकि उससे पिछली तिमाही के दौरान 32.31 करोड़ रुपये रहा था।
बिक्री, सामान्य और प्रशासनिक खर्च (Selling, general & administrative expenses) में तिमाही आधार पर (QoQ) 37.33% की वृद्धि हुई और सालाना आधार पर (YoY) 163.96% की वृद्धि हुई।